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नई दिल्ली/शौर्यपथ / की शाहदरा जिले की टीम ने NCERT की नकली किताबें बेचने वाले एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस ऑपरेशन में बाप-बेटे की जोड़ी को गिरफ्तार किया गया है और करीब 1.7 लाख से अधिक नकली किताबें जब्त की गई हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 2.4 करोड़ रुपये बताई जा रही है. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस नकली किताबें छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस के साथ ही थोक विक्रेताओं और शिक्षा संस्थानों तक की भूमिका की भी जांच कर रही है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 16 मई को शाहदरा जिले की पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि मंडोली रोड स्थित एक दुकान पर अवैध रूप से NCERT की नकली किताबें बेची जा रही हैं. सूचना मिलते ही स्पेशल स्टाफ की टीम सक्रिय हो गई और इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई. NCERT के असिस्टेंट प्रोडक्शन ऑफिसर प्रकाशवीर सिंह को भी प्रमाणन के लिए टीम में शामिल किया गया.
सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने मंडोली रोड स्थित अनुपम सेल्स नाम की दुकान पर छापा मारा, जहां प्रशांत गुप्ता और उसका बेटा निशांत गुप्ता अवैध रूप से NCERT की नकली किताबें बेचते पकड़े गए. दुकान से कक्षा 12 की सोशल साइंस की नकली किताबें जब्त की गईं, जिन पर NCERT अधिकारी और दुकानदार के जाली हस्ताक्षर भी पाए गए.
हिरणकी में मिली 1.7 लाख नकली किताबें
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे पिछले कई वर्षों से नकली किताबों का धंधा कर रहे थे और ये किताबें वे दिल्ली के ही हिरणकी इलाके से खरीदते थे. आरोपी के बयान के आधार पर पुलिस ने हिरणकी इलाके की कश्मीरी कॉलोनी के शिव एनक्लेव के प्लॉट नंबर 34-35 में दूसरी बड़ी रेड डाली.
यहां से पुलिस ने करीब 1.7 लाख नकली NCERT की किताबें बरामद कीं, जिनकी कीमत करीब 2.4 करोड़ रुपये आंकी गई है. NCERT की टीम ने इन सभी किताबों को कॉपीराइट उल्लंघन के अंतर्गत अवैध घोषित किया.
पुलिस की हिरासत में दो आरोपी
फिलहाल दोनों आरोपी पुलिस गिरफ्त में हैं. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार है:
प्रशांत गुप्ता
निशांत गुप्ता (बेटा)
दोनों दिल्ली के सविता विहार के रहने वाले हैं
हिरणकी स्थित गोदाम के मालिक हरियाणा के सोनीपत के निवासी अरविंद कुमार की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
जांच में जुटी दिल्ली पुलिस
इस पूरे मामले में पुलिस अब प्रिंटिंग प्रेस , थोक विक्रेताओं और शिक्षा संस्थानों तक की भूमिका की भी जांच कर रही है. साथ ही NCERT में किताबों की आपूर्ति में देरी और उपलब्धता की कमी जैसे मुद्दों की भी पड़ताल की जा रही है, जिनकी वजह से पायरेसी को बढ़ावा मिला हो सकता है.
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