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गुवाहाटी / शौर्यपथ /असम के तिनसुकिया जिले में ऑयल इंडिया लिमिटेड के प्राकृतिक गैस के कुएं में मंगलवार को भयानक आग भड़क गई थी, जिसके बाद यहां फायरफाइटर्स बचाव कार्य के लिए पहुंचे थे. लेकिन बुधवार को यहां घटनास्थल पर दो फायरफाइटर मृत पाए गए हैं. इस आग को बुझाने की कोशिशें अभी तक चल रही हैं. इस तेल के कुएं में पिछले 14 दिनों से गैस का रिसाव हो रहा था, जिसके बाद मंगलवार को यहां किसी तरह से आग लग गई. अधिकारियों का कहना है कि हादसे के 1.5 किलोमीटर तक के इलाके में आग पर काबू पा लिया गया है लेकिन चूंकि कुएं से लगातार गैस निकल रही है, ऐसे में आग पूरी तरह से नहीं बुझ रही.
असम सरकार की ओर से मदद मांगने के बाद से भारतीय एयरफोर्स और आर्मी फायरफाइटिंग ऑपरेशन में मदद कर रहे हैं. पैरामिलिट्री फोर्स ने इलाके को खाली करा लिया है.
ऑयल इंडिया ने मंगलवार को बताया कि क्लियरिंग ऑपरेशन के दौरान कुएं में आग लग गई थी. कंपनी की ओर से बताया गया कि ऑयल इंडिया और ONGC की टीमों को वहां से निकाल लिया गया है. कुएं में गैस रिसाव को पूरी तरह से बंद करने के लिए सिंगापुर से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है. सूत्रों का कहना है कि रिसाव पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए कम से चार हफ्ते लगेंगे.
फिलहाल, प्राकृतिक गैस के कुएं के डेढ़ किमी के दायरे में रहने वाले कम से कम 6,000 लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में रखा गया है. ऑयल इंडिया लिमिटेड ने भी प्रभावित परिवारों को प्रत्येक को 30,000 रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की है.
बता दें कि गुवाहाटी से लगभग 500 किमी दूर बागहजन तिनसुकिया में इस तेल कुएं में 27 मई को विस्फोट हुआ था और पिछले 14 दिनों से गैस का रिसाव हो रहा था, जिससे इस क्षेत्र की आर्द्रभूमि और जैव विविधता को गंभीर नुकसान पहुंचा है. ये आग इतनी भीषण लगी थी कि इसकी लपटें दो किलोमीटर दूर से दिखाई पड़ रही थीं. आशंका है कि इस आग से आसपास के इलाकों को भयंकर नुकसान पहुंचेगा.
मंगलवार को आग की घटना सामने आने के बाद असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बात की थी. इसके अलावा, गैस रिसाव के क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की तैनाती की गई थी और असम के शीर्ष अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा शुरू कर दी थी.
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