December 27, 2024
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Naresh Dewangan

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जगदलपुर, शौर्यपथ। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र आड़ावाल जगदलपुर में 31 दिसम्बर दिन मंगलवार को प्रातः 11 बजे से सांयकाल 04 बजे तक प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया गया है। जिसमें एक निजी नियोजक के कुल 23 पदों एकाउंटेंट, सुपरवाइजर, वेल्डर, मोटर मेकेनिक एवं सेल्स मैनेजर हेतु योग्य अभ्यर्थियों का किया जाएगा। पदों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता क्रमशः बीकॉम या एमकॉम, स्नात्तक, आईटीआई डिप्लोमा तथा स्नात्तक अथवा एमबीए होना चाहिए। इच्छुक आवेदक निर्धारित स्थल पर समयावधि में अपनी समस्त शैक्षणिक दस्तावेजों की मूल प्रतियां, एक सेट छायाप्रतियां, एक पासपोर्ट साईज फोटोग्राफ सहित उपस्थित होकर प्लेसमेंट कैम्प में शामिल हो सकते हैं। यह आयोजन पूर्णतः निःशुल्क है।

जगदलपुर, शौर्यपथ। परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत हो पर यदि सपनों को परवान देने की ताकत है और मजबूत इरादे हैं, तो हौसले कभी नहीं टूटते और इसकी एक बानगी देखने को मिली बस्तर ओलंपिक में, जहां पर नक्सल हिंसा में दिव्यांग हुए खिलाड़ियों ने अपने मजबूत इरादे के साथ उत्कृष्ट खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। ऐसे ही नक्सली हिंसा को छोड़ मुख्य धारा में आएं आत्मसमर्पित आरक्षक बने सुकमा जिले के अंतर्गत दोरनापाल के गांव पालेमपाठ निवासी पुनेम सन्ना ने भी व्हील चेयर में दौड़ लगाई। उन्होंने बताया कि वह करीब 22 साल की उम्र में सन् 2000 में नक्सलियों के सम्पर्क में आया। मुझे बताया गया कि सशस्त्र विद्रोह से ही हमारे जीवन में बदलाव आएगा, मुझे तो खाना मिल जाता था पर मेरे घर वाले भूखे ही रहते थे और वे मुश्किल से जीवन-यापन करते थे। ये सब देखकर मैं छत्तीसगढ़ सरकार की समर्पण नीति से प्रभावित होकर 2012 में समर्पण कर मुख्य धारा में आया। मुख्य धारा में आने के बाद सन 2013 मुझे डीआरजी में आरक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। मुझे और मेरे परिवार को इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी। नक्सलियों ने मेरे बड़े भाई जोगा सन्ना को भी मौत के घाट उतार दिया। अगस्त 2013 में गस्ती के दौरान अचानक नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग सहित बम ब्लास्ट हुई। मेरे साथी जवान शहीद हुए और मेरा बायां पैर बुरी तरह से प्रभावित हो गया। जिससे मैं अब चलने में असमर्थ हूं। परन्तु मेरे इरादे नहीं टूटे है और आज इस बस्तर ओलम्पिक में दौड़ रहा हूं। मेरे परिवार में अभी पत्नी पूनम नंदे और 3 बच्चे हैं। परिवार में 2 लड़का और एक लड़की हैं जिसमें एक लड़का चैथी और लड़की पहली कक्षा में पढ़ रही है। सबसे छोटी बच्ची 2 साल की हुई है अभी आंगनबाड़ी जा रही है।

*बस्तर ओलंपिक के रंग में डूबा पूरा बस्तर, उमड़ पड़ा पूरा शहर*

बस्तर ओलम्पिक के समापन समारोह में पूरा बस्तर उमड़ पड़ा एक तरफ मांझी-चालकी, सिरहा, गुनिया, विभिन्न आदिवासी समाज के प्रमुख, राजनीतिक हस्तियां, साहित्यकार, शामिल हुए। वहीं दूसरी ओर खेल खिलाड़ी एवं नक्सल हिंसा से प्रभावित तथा नक्सली हिंसा को छोड़ मुख्यधारा में आएं समर्पित माओवादी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में आया हूं और आज बस्तर बदल रहा है, लेकिन आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं 2026 के बस्तर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में आऊंगा और कहूंगा कि बस्तर बदल चुका है। बस्तर ओलंपिक केवल 1 लाख 65 लोगों की खेल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है बल्कि यह समूचे बस्तर के उम्मीदों की पहचान बनने वाला है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के संकल्प को दोहराते हुए यह बातें कही।

          केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समापन सत्र के दौरान नुवा बाट के व्हीलचेयर रेस, रिले रेस, रस्साकसी सहित अन्य प्रतिस्पर्धाओं का फाइनल मुकाबला देखा। साथ ही बस्तर अंचल के प्रसिद्ध नृत्य, नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखी। कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु साय सहित अतिथियों ने बस्तर ओलंपिक 2024 के विजेताओं यूथ आइकॉन को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। इस दौरान बस्तर ओलंपिक 2024 के विधिवत घोषणा की गई और ध्वज मुख्य अतिथि को सौपा गया।

         केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के कॉफिन में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा। बस्तर ओलंपिक लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकेगा और उन्हें भारत निर्माण से जोड़ेगा। श्री शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक क्षेत्र में शांति सुरक्षा और विकास की नई नींव डालने वाला है। बस्तर बदल रहा है, से बस्तर बदल गया, के यात्रा की शुरुआत इस ओलंपिक ने की है। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि दुनिया में जब भी भारत को किसी स्पर्धा में मेडल मिलता है तो उसमें से आधे मेडल हमारे आदिवासी बच्चें लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि खेलों की और विकास की जो आज शुरुआत हुई है, वह आने वाले दिनों में बस्तर के आदिवासी बच्चों के लिए विश्व भर के क्षितिज खोलेगा। श्री शाह ने नक्सलवाद को छोड़कर मुख्य धारा से जुड़ने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी।

*गत एक साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने लिखी बस्तर के विकास की नई इबारत*

      केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सली हिंसा से प्रभावित दिव्यांगों की जो आज व्हीलचेयर रेस हुई है, यह बस्तर के विकास की रेस है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब बस्तर में मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं थी, लेकिन पिछले 1 साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के विकास की नई इबारत लिखी है और बस्तर के गांव-गांव तक शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में तेजी आई और पिछले 1 साल में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल हुई है।

      केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि आज मैने नुवा बाट दस्ते की प्रतिभा को देखा और मेरा मन संवेदना से भर गया। ये नुवा बाट खिलाड़ियों का दस्ता देश के लिए उम्मीद की नई किरण है। उन्होंने बस्तर के युवाओं से कहा कि हार मानने वाला कभी नहीं जीतता बल्कि जीतता वो है जो कभी हार नहीं मानता। मुझे पूरा विश्वास है कि 2026 के ओलंपिक में जब बस्तर की कोई बेटी मेडल लेकर आएगी तो देश को उस पर गर्व होगा और हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने एकलव्य स्कूल, आदिवासी आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन, जनजाति उन्नत ग्राम योजना सहित अन्य योजनाओं से जुड़ी जानकारी साझा की।

         *नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करना*

       मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलंपिक में भाग लेकर प्रतिभागियों को ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक का यह आयोजन केवल खेल नहीं है, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह और प्रतिभा का उत्सव है। यह आयोजन एक संदेश देता है कि बस्तर का असली चेहरा इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता है न कि माओवादी हिंसा। मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि बस्तर ओलम्पिक के माध्यम से हमने इस अंचल के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा देने में सफल रहे हैं। इस आयोजन के माध्यम से हमने युवाओं को शासन-प्रशासन से जोड़कर विकास के कार्यों में सहभागी बनने की ओर उन्मुख किया है। ओलंपिक में शामिल खिलाड़ियोें ने आज यह संदेश दिया कि बस्तर में बदलाव की बयार चल पड़ी है। नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करने से होगा और बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस आयोजन के माध्यम से हमने न केवल बस्तर के युवाओं की छुपी प्रतिभा को देखा, बल्कि उन आत्मसमर्पित भाइयों और बहनों की प्रतिभा को भी देखा, जिन्होंने हिंसा की माओवादी विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है। आज चेहरों पर जो मुस्कान है, वह एक खुशहाल और शांतिपूर्ण बस्तर का प्रतीक है।

      मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माओवाद के माँद कहे जाने वाले इलाकों में हमने नये कैंप स्थापित किये। यहां नक्सलियों को ललकारा और उन्हें धूल चटाई। पिछले एक साल में माओवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 200 से अधिक माओवादियों को ढेर किया गया है, 900 से ज्यादा माओवादी गिरफ्तार हुए तथा 812 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है यह बड़ी उपलब्धि है। जवानों का बढ़ा हुआ हौसला और आत्मविश्वास देखकर मैंने भी अपने भीतर नयी ऊर्जा का महसूस की है। हमारी डबल इंजन की सरकार ने नियद नेल्लानार योजना’ के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए है। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से हम सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रहे हैं। वर्षों से बंद पड़े स्कूलों को फिर से शुरू किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की भी बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं। प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें एक सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 15,000 पक्के प्रधानमंत्री आवास बनाए जाएंगे। नगरनार स्टील प्लांट और रायपुर- विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे से बस्तर अंचल के विकास को नई गति मिलेगी। पूरे अंचल में वाणिज्य और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, इससे युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नये मौके भी सृजित होंगे। श्री साय ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में भी बस्तर ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कांगेर घाटी में स्थित गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अपने अपग्रेड प्रोग्राम फॉर बेस्ट टूरिज्म विलेज के अंतर्गत पर्यटन के विकास के लिए चुना गया है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर के माओवादी हिंसा से प्रभावित लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री से राजधानी मुलाकात की थी। अब बस्तर का दर्द दिल्ली तक पहुंच पाया है। हम बस्तर को संवारने और युवा ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने का काम हमारी सरकार कर रही है। उन्होंने बस्तर ओलम्पिक के सफल आयोजन के लिए बस्तर वासियों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने भी संबोधित किया।

      बस्तर ओलंपिक की सबसे खास बात ये रही कि इसमें 300 से अधिक नुवा बाट (आत्म समर्पित माओवादी) बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया इसके साथ ही 18 से अधिक माओवादी हिंसा में प्रभावित दिव्यांग खिलाड़ी भी शामिल हुए। संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में मुख्य रूप से फुटबॉल, वॉलीबॉल, कराटे, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन, कबड्डी, आर्चरी, एथलेटिक्स, रस्साकसी, हॉकी और रिलेरेस शामिल है। इस मौके पर केबिनट मंत्री केदार कश्यप, लोकसभा सांसद बस्तर महेश कश्यप, उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण एवं विधायक कोंडागांव सुश्री लता उसेंडी, विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, केशकाल नीलकंठ टेकाम, चित्रकोट विनायक गोयल, कांकेर आशाराम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष बस्तर श्रीमती वेदवती कश्यप, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर, महापौर नगर निगम जगदलपुर श्रीमती सफिरा साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि और केन्द्र शासन एवं राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा हजारों की संख्या में खेलप्रेमी गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में आया हूं और आज बस्तर बदल रहा है, लेकिन आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं 2026 के बस्तर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में आऊंगा और कहूंगा कि बस्तर बदल चुका है। बस्तर ओलंपिक केवल 1 लाख 65 लोगों की खेल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है बल्कि यह समूचे बस्तर के उम्मीदों की पहचान बनने वाला है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के संकल्प को दोहराते हुए यह बातें कही।

          केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समापन सत्र के दौरान नुवा बाट के व्हीलचेयर रेस, रिले रेस, रस्साकसी सहित अन्य प्रतिस्पर्धाओं का फाइनल मुकाबला देखा। साथ ही बस्तर अंचल के प्रसिद्ध नृत्य, नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखी। कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु साय सहित अतिथियों ने बस्तर ओलंपिक 2024 के विजेताओं यूथ आइकॉन को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। इस दौरान बस्तर ओलंपिक 2024 के विधिवत घोषणा की गई और ध्वज मुख्य अतिथि को सौपा गया।

         केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के कॉफिन में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा। बस्तर ओलंपिक लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकेगा और उन्हें भारत निर्माण से जोड़ेगा। श्री शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक क्षेत्र में शांति सुरक्षा और विकास की नई नींव डालने वाला है। बस्तर बदल रहा है, से बस्तर बदल गया, के यात्रा की शुरुआत इस ओलंपिक ने की है। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि दुनिया में जब भी भारत को किसी स्पर्धा में मेडल मिलता है तो उसमें से आधे मेडल हमारे आदिवासी बच्चें लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि खेलों की और विकास की जो आज शुरुआत हुई है, वह आने वाले दिनों में बस्तर के आदिवासी बच्चों के लिए विश्व भर के क्षितिज खोलेगा। श्री शाह ने नक्सलवाद को छोड़कर मुख्य धारा से जुड़ने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी।

*गत एक साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने लिखी बस्तर के विकास की नई इबारत*

      केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सली हिंसा से प्रभावित दिव्यांगों की जो आज व्हीलचेयर रेस हुई है, यह बस्तर के विकास की रेस है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब बस्तर में मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं थी, लेकिन पिछले 1 साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के विकास की नई इबारत लिखी है और बस्तर के गांव-गांव तक शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में तेजी आई और पिछले 1 साल में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल हुई है।

      केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि आज मैने नुवा बाट दस्ते की प्रतिभा को देखा और मेरा मन संवेदना से भर गया। ये नुवा बाट खिलाड़ियों का दस्ता देश के लिए उम्मीद की नई किरण है। उन्होंने बस्तर के युवाओं से कहा कि हार मानने वाला कभी नहीं जीतता बल्कि जीतता वो है जो कभी हार नहीं मानता। मुझे पूरा विश्वास है कि 2026 के ओलंपिक में जब बस्तर की कोई बेटी मेडल लेकर आएगी तो देश को उस पर गर्व होगा और हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने एकलव्य स्कूल, आदिवासी आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन, जनजाति उन्नत ग्राम योजना सहित अन्य योजनाओं से जुड़ी जानकारी साझा की।

         *नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करना*

       मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलंपिक में भाग लेकर प्रतिभागियों को ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक का यह आयोजन केवल खेल नहीं है, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह और प्रतिभा का उत्सव है। यह आयोजन एक संदेश देता है कि बस्तर का असली चेहरा इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता है न कि माओवादी हिंसा। मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि बस्तर ओलम्पिक के माध्यम से हमने इस अंचल के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा देने में सफल रहे हैं। इस आयोजन के माध्यम से हमने युवाओं को शासन-प्रशासन से जोड़कर विकास के कार्यों में सहभागी बनने की ओर उन्मुख किया है। ओलंपिक में शामिल खिलाड़ियोें ने आज यह संदेश दिया कि बस्तर में बदलाव की बयार चल पड़ी है। नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करने से होगा और बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस आयोजन के माध्यम से हमने न केवल बस्तर के युवाओं की छुपी प्रतिभा को देखा, बल्कि उन आत्मसमर्पित भाइयों और बहनों की प्रतिभा को भी देखा, जिन्होंने हिंसा की माओवादी विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है। आज चेहरों पर जो मुस्कान है, वह एक खुशहाल और शांतिपूर्ण बस्तर का प्रतीक है।

      मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माओवाद के माँद कहे जाने वाले इलाकों में हमने नये कैंप स्थापित किये। यहां नक्सलियों को ललकारा और उन्हें धूल चटाई। पिछले एक साल में माओवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 200 से अधिक माओवादियों को ढेर किया गया है, 900 से ज्यादा माओवादी गिरफ्तार हुए तथा 812 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है यह बड़ी उपलब्धि है। जवानों का बढ़ा हुआ हौसला और आत्मविश्वास देखकर मैंने भी अपने भीतर नयी ऊर्जा का महसूस की है। हमारी डबल इंजन की सरकार ने नियद नेल्लानार योजना’ के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए है। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से हम सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रहे हैं। वर्षों से बंद पड़े स्कूलों को फिर से शुरू किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की भी बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं। प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें एक सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 15,000 पक्के प्रधानमंत्री आवास बनाए जाएंगे। नगरनार स्टील प्लांट और रायपुर- विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे से बस्तर अंचल के विकास को नई गति मिलेगी। पूरे अंचल में वाणिज्य और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, इससे युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नये मौके भी सृजित होंगे। श्री साय ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में भी बस्तर ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कांगेर घाटी में स्थित गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के अपने अपग्रेड प्रोग्राम फॉर बेस्ट टूरिज्म विलेज के अंतर्गत पर्यटन के विकास के लिए चुना गया है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर के माओवादी हिंसा से प्रभावित लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री से राजधानी मुलाकात की थी। अब बस्तर का दर्द दिल्ली तक पहुंच पाया है। हम बस्तर को संवारने और युवा ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने का काम हमारी सरकार कर रही है। उन्होंने बस्तर ओलम्पिक के सफल आयोजन के लिए बस्तर वासियों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने भी संबोधित किया।

      बस्तर ओलंपिक की सबसे खास बात ये रही कि इसमें 300 से अधिक नुवा बाट (आत्म समर्पित माओवादी) बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया इसके साथ ही 18 से अधिक माओवादी हिंसा में प्रभावित दिव्यांग खिलाड़ी भी शामिल हुए। संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में मुख्य रूप से फुटबॉल, वॉलीबॉल, कराटे, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन, कबड्डी, आर्चरी, एथलेटिक्स, रस्साकसी, हॉकी और रिलेरेस शामिल है। इस मौके पर केबिनट मंत्री केदार कश्यप, लोकसभा सांसद बस्तर महेश कश्यप, उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण एवं विधायक कोंडागांव सुश्री लता उसेंडी, विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, केशकाल नीलकंठ टेकाम, चित्रकोट विनायक गोयल, कांकेर आशाराम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष बस्तर श्रीमती वेदवती कश्यप, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर, महापौर नगर निगम जगदलपुर श्रीमती सफिरा साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि और केन्द्र शासन एवं राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा हजारों की संख्या में खेलप्रेमी गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

नरेश देवांगन कि खास रिपोर्ट 

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर जिले के शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अमानक और मिस ब्रांडेड खाद्य सामाग्री बेची जा रही है। पैक बंद कई ऐसे उत्पाद हैं जिस पर न तो कंपनी का नाम है और न ही एक्सपायरी डेट लिखी हुई है। बिना नियम कानून के गली गूंचों से लेकर हाइवे तक पर बेची जा रही खाद्य सामाग्री जो की जानलेवा साबित हो सकती है। जबकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के मैदानी अमले द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से यह सामग्री धड़ल्ले से बिक रही है। ताज़ा मामला ग्राम आड़ावाल का है जहा होटलों सहित किराना स्टोर मे विभाग की लापरवाही से दही पनीर लस्सी पर बिना उत्पाद थिति बिना एक्सपायरी के सामान बिक रही है, विभाग की लापरवाही की वजह से संचालक बिना किसी डर के खाने पिने का सामान धड़ल्ले बेच रहे है। जो कि जानलेवा साबित हो सकते हैं। वही आस पास के दुकानों मे बिना बैच नंबर का सामान कम लागत में मुनाफे का धंधा दुकानों पर बिक रहा बिना बैच नंबर और एक्सपायरी का सामान कम लागत में मुनाफे का धंधा है। इस कारण दुकानदार नमकीन के पैकेट कंपनी या फेरी वालों से खरीददे है जिससे दुकानदार को कम लागत में ही दोगुना मुनाफा हो जाता है। मुनाफा की लालच मे लोगों की सेहत से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। जबकि विभाग के जानकारों का कहना है की खाद्य एवं औषधि विभाग के मानक के अनुरूप इन पर बैच नंबर, मैन्युफेक्चिरिंग डेट और एक्सपायरी के साथ प्राइस लिखना आवश्यक होता है। लेकिन प्रशासन द्वारा भी इन कारोबारियों की सुध नहीं ली जा रही जिससे उनके हौसले बुलंद हैं।

जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस द्वारा जन-सुरक्षा एवं सुविधा की दुष्टिकोण से मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 115 एवं सहपठित छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम 1994 के नियम 215 में पदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए महाराणा चौक(रायपुर नाका) से शहर के अंदर एवं माड़िन चैक से शहर की ओर आने-जाने वाले सड़क पर भारी मालयान वाहनों का चालन प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए हैं। प्रतिबंधित समय में भारी मालयान वाहनों का संचालन आड़ावाल, कुरंदी, मारेंगा वायपास होकर किया जाएगा। आदेश का उल्लंघन की दशा में सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही की जाएगी। जगदलपुर शहर के विकास एवं विस्तार के फलस्वरूप भीड़-भाड़ होने से दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। नवम्बर माह में आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि शहर के अंदर भारी मालयानों (वाहनों) के संचालन पर प्रतिबंध लगाया जाए। साथ ही अति आवश्यक वस्तुओं तथा पीडीएस चांवल, दुग्ध, दवाईयां, नगर निगम के वाहन एवं शासकीय वाहन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।

जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर लोकसभा क्षेत्र से सांसद महेश कश्यप ने लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय महापर्व छठ के अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों व क्षेत्रवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। इसी के साथ ही भगवान भास्कर से राज्य व क्षेत्र की प्रगति, सुख, समृद्धि, शांति और सौहार्द्र के लिये प्रार्थना भी की है।

सांसद श्री कश्यप ने कहा कि छठ पूजा का पर्व सूर्य देवता की उपासना और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का महान अवसर है। सांसद ने कहा कि यह पर्व प्रकृति और मानव के बीच के प्रेम को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सूर्य देवता की आराधना करने से हम जीवन के हर पहलू में सकारात्मकता और नई ऊर्जा का अनुभव करते हैं। वहीं श्री कश्यप ने आगे कहा कि छठ पूजा का महत्व सिर्फ धार्मिक आस्था में नहीं, बल्कि हमारे समाज की संस्कृति, एकता और सौहार्द में भी निहित है। यह पर्व हमें एकजुट करता है और हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाने की प्रेरणा देता है। भगवान भास्कर एवं छठी मइया सबकी मनोकामना पूर्ण करें इसकी भी मुख्यमंत्री ने कामना की है।

*नहाय खाय से प्रारंभ हुआ छठ महापर्व*: छठ पूजा के पहले दिन व्रती अपना व्रत तोड़ने से पहले भगवान सूर्य की पूजा करने के लिए जल्दी उठते हैं. इस दिन से चार दिवसीय उपवास की अवधि शुरू होती है. सभी स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनते हैं, व्रत रखते हैं और सूर्य देव के लिए प्रसाद के रूप में चना दाल और कद्दू चावल तैयार करते हैं।

जगदलपुर, शौर्यपथ। तोकापाल मण्डल के ग्राम पंचायत मेटावाड़ा में विधायक निधि द्वारा 5 लाख रुपये की लागत से सीसी सड़क निर्माण का भूमि पूजन आज विधिवत रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बस्तर सांसद महेश कश्यप , चित्रकोट विधायक विनायक गोयल , जिला पंचायत सदस्य रैतू राम बघेल , जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रामबती भण्डारी , जिला भाजपा मंत्री बाबुल नाग , जिला मंत्री युवा मोर्चा चन्द्रकांत भंडारी, रितेश जोशी, मिटकू राम एवं सरपंच, सचिव, पंचगण, एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।

विधायक निधि से बनने वाली यह सीसी सड़क क्षेत्र के ग्रामवासियों को आवागमन में सहुलियत प्रदान करेगी और सड़क की गुणवत्ता बेहतर होने से गांव में विकास की नई राह खुलेगी।

मुख्य अतिथि महेश कश्यप ने अपने संबोधन में कहा, "ग्रामवासियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह सड़क निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है। इसके पूरा होने से गांव के विकास में और गति आएगी।"

वहीं चित्रकोट विधायक विनायक गोयल ने भी क्षेत्रीय विकास पर जोर दिया और कहा कि भाजपा सरकार हमेशा जनता के कल्याण के लिए कार्य करती रही है।

जगदलपुर, शौर्यपथ। छत्तीसगढ़ राज्य के 24 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राज्योत्सव 2024 का आयोजन जगदलपुर के सिटी ग्राउंड में किया गया। इस भव्य आयोजन में बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं कोंडागाँव विधायक सुश्री लता उसेंडी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस राज्योत्सव में चार चांद लगाए, जिसमें स्कूली बच्चों और लोक नर्तक दलों की शानदार प्रस्तुतियाँ विशेष आकर्षण रहीं।

    कार्यक्रम में सुश्री उसेंडी ने कहा कि राज्योत्सव के अवसर 24 साल में छत्तीसगढ़ के निर्माण करने वाले विभूति पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी को नमन करते हुए राज्य और जिलों के निर्माण और विकास में योगदान के लिए आभार व्यक्त की। प्रदेश विकास की ऊँचाइयों को छुए यही हमने कामना की है, राज्य ने कई आयाम को पाया है। हमारे सरकार के समय कई विकास के कार्य हुए जिसका लाभ बस्तर को भी मिला। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री के द्वारा आत्मनिर्भरता पाठ के साथ उस पर कार्य करने की पहल की गई है और भी कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाया जा रहा है। साथ ही हमे विकसित भारत के संकल्पना में सारे इंडिकेटर को पूरा कर देश और प्रदेश को विकसित बनाने का प्रयास करना है जिसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कार्यक्रम में सभी को राज्योत्सव की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विभिन्न विभागों के स्टाॅल का अवलोकन कर हितग्राहीमूलक योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को सामग्री एवं चेक वितरित किया।

     कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर सफिरा साहू ने भी सभी नगर और प्रदेशवासियों को 24 वर्ष राज्योत्सव की बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश में छत्तीसगढ़ राज्य की अलग पहचान है, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर से परिपूर्ण राज्य के रूप में पहचाना जाता है। ऐसे ही हमारे बस्तर क्षेत्र को भी जाना जाता है, राज्योत्सव के इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम में हमारे बस्तर की छवि को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख लोक नृत्यों को प्रस्तुत किया जा रहा है, इसके लिए सभी को बधाई।

      कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में कलेक्टर हरिस एस ने बताया कि जिले में हमने विभागीय योजनाओं और नवाचारों के द्वारा कई विकास कार्यों को गति दी है जिसका संक्षिप्त प्रदर्शन विभागीय स्टालों के माध्यम से किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य है कि हर नागरिक सशक्त और आत्मनिर्भर बने, अपने हुनर और सामर्थ्य को पहचाने। साथ ही बस्तर क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधन, लोक कला, नृत्य शैली व सांस्कृतिक परंपरा को संरक्षण कर सांस्कृतिक धरोहर को देश-विदेश में प्रदर्शित कर नाम कमाया है। इस राज्योत्सव के माध्यम से प्राकृतिक संसाधन, पर्यावरण, लोक कला-संस्कृति का संदेश देना चाहते हैं ताकि आने वाले पीढ़ी को इस धरोहर का लाभ दे सकें। इस अवसर पर गणमान्य जनप्रतिनिधि, एमआईसी के सदस्य-पार्षदगण, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, जिला पंचायत सीईओ सुश्री प्रतिष्ठा ममगाई, डीएफओ उत्तम गुप्ता सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी और बहुसंख्यक नागरिकगण उपस्थित थे।

     कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों ने अपनी योजनाओं की जानकारी देने के लिए प्रदर्शनी लगाई, जिससे आम जनता को इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त हुई। कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित धरमपाल सैनी को धुरवा तुवाल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहभागिता निभाने वाले लोक नर्तक दल, स्कूली बच्चों को प्रशस्ति पत्र सहित क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया।

जगदलपुर, शौर्यपथ। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के तहत 05 नवम्बर को एक दिवसीय राज्योत्सव कार्यक्रम का आयोजन सिटी ग्राउण्ड जगदलपुर में किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष एवं विधायक कोण्डागांव सुश्री लता उसेण्डी रहेंगी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता एवं संसदीय कार्य विभाग केदार कश्यप होंगे। राज्योत्सव कार्यक्रम सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण सिंह देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, विधायक बस्तर लखेश्वर बघेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, महापौर जगदलपुर श्रीमती सफिरा साहू के आतिथ्य में आयोजित किया जा रहा है। उक्त राज्योत्सव कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन साथ-साथ विभागीय स्टाल भी लगाए जा रहें हैं।

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