CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए वीर बालकों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता - मुख्यमंत्री साय
राज्यपाल डेका एवं मुख्यमंत्री साय राजधानी के गुरुद्वारा में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम मे हुए शामिल
रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज वीर बाल दिवस के अवसर पर रायपुर के पंडरी स्थित गुरुद्वारा पहुँचे और दशम गुरु गोविन्द सिंह जी के वीर सपूतों बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतेह सिंह की शहादत का स्मरण करते हुए उनका नमन किया।
राज्यपाल रमेन डेका ने वीर बाल दिवस के अवसर पर कहा कि गुरु गोविन्द सिंह के कम आयु के वीर बालको का धर्म रक्षा के लिए बलिदान देना अतुलनीय कार्य है, ऐसा उदाहरण बहुत कम ही मिलता है। इनकी शहादत आने वाली पीढ़ीयों को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। श्री डेका ने कहा कि सिक्ख समाज मेहनती और देश की रक्षा के लिए सदैव आगे रहने वाला समाज है। गुरुद्वारों में लंगर और गुप्त दान की परंपरा बहुत ही सराहनीय है । उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना काल के विकट समय को याद करते हुए कहा कि देश के विभिन्न गुरुद्वारों में आम लोगों की सेवा में सिक्ख समाज ने तत्पर रहकर अत्यंत सराहनीय योगदान दिया था।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वीर बाल दिवस के अवसर पर वीर बालकों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी की वीरगाथा का स्मरण करते हुए उनके द्वारा अपने धर्म और संस्कृति के लिए दिए गए बलिदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस से आने वाली पीढ़ीयों को सदैव प्रेरणा मिलती रहे, इसके लिए छत्तीसगढ़ में इन वीर बालकों की वीरगाथा को पाठ्यक्रम में शामिल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है l
इस अवसर पर गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारियों ने आत्मीय स्वागत करते हुए वीर बालको की वीरगाथा को छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम मे शामिल करने के लिए आभार जताया। कार्यक्रम मे विधायक किरण सिंह देव तथा गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारी भूपेंद्र सवन्नी ने भी सम्बोधित करते हुए वीर साहिबजादो की वीरगाथा का स्मरण किया l वीर बाल दिवस के कार्यक्रम में सिक्ख समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थेl
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.