March 15, 2025
Hindi Hindi

चावल अब केवल पेट भरने की वस्तु नहीं रही बल्कि इसे कुपोषण की समस्या को दूर करेगा

सेहत / शौर्यपथ / चावल अब केवल पेट भरने की वस्तु नहीं रही बल्कि इसे कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए प्रोटीन और जिंक जैसे पोषक तत्वों से लैस कर दिया गया है तथा इसकी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रयास से देश में काम से कम धान की छह बायोफोटिफाइड किस्मों का विकास किया गया है जो जीवन के लिए जरूरी तथा शारीरिक विकास में सहायक प्रोटीन और जिंक से भरपूर है ।

धान का सी आर धान 31० प्रोटीन से भरा है जबकि डी डी आर धान 45 , डी डी आर धान 48 , डी डी आर धान 49 और जिनको राइस एम एस जिंक से लैस है । सी आर धान 311 ( मुकुल) प्रोटीन और जिंक दोनों की कमी को दूर करता है ।
प्रोटीन टिश्यू के विकास और उसकी मरम्मत के लिए जरूरी अमीनो एसिड तैयार करता है । इसकी कमी से लोगों का बौद्धिक विकास प्रभावित होता है और कई बार इसकी कमी से मौत भी हो जाती है । लाइसिन प्रोटीन में ब्लॉक तैयार करता है । इसकी कमी से अनेमिया की शिकायत हो सकती है और शारीरिक विकास रुक सकता है । जिंक एक प्रकार का खनिज है जिसकी कमी से शारीरिक विकास रुकता है और शरीर रचना की कई क्रियाएं प्रभावित होती है।

आम तौर पर चावल में सात से आठ प्रतिशत प्रोटीन होता है जबकि सी आर धान 31० में 1०.3 प्रतिशत प्रोटीन है । राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान कटक ने इस किस्म का विकास किया है । खरीफ सीजन के लिए यह किस्म उपयुक्त है जो 125 दिनों में तैयार होता है और प्रति हेक्टेयर 45 क्विंटल तक की पैदावार देता है । ओडिशा , मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इसकी खेती की जाती है ।

डी डी आर धान 45 में 22.6 पी पी एम जिंक पाया जाता है जबकि प्रचलित किस्मों में इसकी मात्रा 12 से 16 पी पी एम होती है । करीब 13० दिनों में तैयार होने वाली इस किस्म की प्रति हेक्टेयर 5० क्विंटल पैदावार है । भारतीय धान अनुसंधान संस्थान हैदराबाद ने इसका विकास किया है जो खरीफ सीजन के लिए उपयुक्त है तथा कनार्टक , तमिलनाडु , आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इसकी खेती की जाती है ।

भारतीय धान अनुसंधान संस्थान हैदराबाद ने ही डी डी आर धान 48 किस्म का विकास किया है जिसमें 24 पी पी एम जिंक है । करीब 138 दिनों में तैयार होने वाली इस किस्म की प्रति हेक्टेयर 52 क्विंटल पैदावार है । आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , तमिलनाडु , केरल और कनार्टक में इसकी खेती की जाती है ।

डी डी आर धान 49 में 25.2 पी पी एम जिंक हैं जिसकी प्रति हेक्टेयर 5० क्विंटल पैदावार है । खरीफ और रबी सीजन में की जाती है जो 13० दिनों में तैयार हो जाती है । केरल , गुजरात और महाराष्ट्र में इसकी खेती की जाती है । जिनको राइस एम एस में 27.4 पी पी एम जिंक है जिसकी पैदावार 58 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है । पश्चिम बंगाल , ओडिशा और छत्तीसगढ़ में इसकी खेती की जाती है ।

सी आर धान 311 में 1०.1 प्रतिशत प्रोटीन और 42 पी पी एम जिंक है । राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान कटक ने इसका विकास किया है जो प्रति हेक्टेयर 46.2 क्विंटल की पैदावार देता है । करीब 124 दिनों में तैयार होने वाली इस किस्म की खेती ओडिशा में की जा रही है ।

 

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)