March 26, 2025
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   दुर्ग / शौर्यपथ / शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ग्राम बोड़ेगांव में संचालित सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे एवं चौथे दिन क्रमशः हार्टफुलनेस शिविर और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया । तीसरे दिन के बौद्धिक सत्र में आमंत्रित शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के भूगर्भशास्त्र के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ श्रीनिवास देशमुख , उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुंदरी देशमुख, उनके सुपुत्र श्री  ऋषिकेश देशमुख ट्रेनर के रूप में उपस्थित थे । डॉ देशमुख द्वारा  ध्यान क्या है, कैसे किया जाता है,हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? इस बारे में बड़े ही विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई । इनके अतिरिक्त डॉ देशमुख ने आगामी तीन दिवस प्रातः कालीन योग एवं व्यायाम सत्र आयोजित करने की बात भी कही। शिविर के चौथे दिन  स्वास्थ्य विभाग  के सहयोग से ग्राम में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं खून जांच शिविर का आयोजन किया गया। तत्पश्चात बौद्धिक सत्र में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर .पी. अग्रवाल ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से हम सभी अपने व्यक्तित्व के प्रत्यक्ष विकास के  साथ- साथ ही समाज का अप्रत्यक्ष विकास भी करते हैं। यही इस शिविर का उद्देश्य भी है। डॉ अग्रवाल ने राष्ट्रीय सेवा योजना के  अपने 37 वर्षों  के अनुभव को स्वयंसेवकों के सम्मुख साझा किए। साथ ही कार्यक्रम समन्वयक प्रो जनेंद्र दीवान दोनों दिवस उपस्थित रहे। उनके साथ साइंस कॉलेज दुर्ग के अध्यापक डॉ रजनीश उमरे भी शामिल थे। इन सबके साथ स्वयंसेवकों ने अपने परियोजना कार्य के दौरान वृक्षारोपण, चबूतरा निर्माण , गार्डन निर्माण हेतु मुरूम बिछाने का कार्य बड़े ही उत्साह और ऊर्जा के साथ किया, इससे ग्रामवासी काफी प्रसन्न नजर आ रहे थे। प्रत्येक शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम होने से ग्रामवासियों में हर्ष का माहौल है। ग्राम प्रमुख श्रीमती पप्पी भूपेंद्र टंडन ने स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित किया और उन्हें इसी ऊर्जा के साथ काम करने के लिए प्रेरित भी किया।यह सभी कार्यक्रम कार्यक्रम अधिकारी तरुण कुमार साहू  के नेतृत्व में सहयोगी अधिकारी सुदेश साहू, डॉ कुंदन जांगड़े एवं निखिल देशलहरा के सहयोग से संचालित हो रहे हैं जबकि सभी गतिविधियां वरिष्ठ स्वयंसेवक मोरध्वज, ऋतिक, सतएक , हरीश, द्रविन, मिनेश, पोखराज, दीपांकर आदि के नेतृत्व में आयोजित हो रहे हैं। स्वयंसेवक हरीश ने अपने व्यक्तिव विकास से संबंधित अनुभव साझा किया। वहीं आदिल ने देशभक्ति गीत पर गिटार वादन कर ग्रामवासियों का मनोरंजन किया।

शौर्यपथ / क्या आपको बर्फबारी देखना बहुत पसंद है, तो फिर आप उत्तराखंड जा सकते हैं. फरवरी और मार्च के समय यहां पर अच्छी बर्फबारी होती है. हम यहां पर आपको उन 2 जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर आप वीकेंड पर परिवार और दोस्तों के साथ आसानी से घूमकर आ सकते हैं. यकीन मानिए यह आपके लिए जीवन भर न भुलाने वाला अनुभव होगा. तो बिना देर किए आइए जानते हैं औली और धनोल्टी कैसे पहुंचें और यहां पर घूमने के लिए आपके लिए क्या कुछ खास है.
औली
अगर आप स्कीइंग के शौकीन हैं, तो फिर आप औली जा सकते हैं. यह जगह उत्तराखंड की ऐसी है जहां सबसे कम भीड़-भाड़ होती है. अगर आप सुकून और शांति चाहते हैं, तो आप यहां का प्लान दोस्तों और परिवार वालों के साथ बना सकते हैं.
कैसे पहुंचें

सड़क मार्ग के जरिए औली पहुंच सकते हैं. दिल्ली के कश्मीरी गेट से नियमित अंतराल पर बसें औली के लिए चलती हैं.  इसके अलावा आप हवाई मार्ग से भी पहुंच सकते हैं. यहां के लिए नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून है. यहां से लगभग औली 220 किलो मीटर है. वहीं, आप रेल यात्रा करके भी पहुंच सकते हैं. यहां के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है.
औली में क्या घूमें
    आप यहां पर औली झील घूम सकते हैं. यह औली की बेहतरीन जगहों में से एक है.
    छत्रकुंड जोशीमठ में एक खूबसूरत झील है. यहां पहुंचने के लिए आपको औली से लगभग 4 किमी की दूरी तय करनी होगी.
    गुरसों बुग्याल औली के पास मनमोहक पर्यटन स्थल है. आप यहां से नंदा देवी, त्रिशूल और द्रोण पर्वत श्रृंखलाओं को भी देख सकते हैं.
धनौल्टी
इसके अलावा, धनोल्टी भी मार्च में घूमने के लिए बेस्ट प्लेस है. यह दिल्ली से महज 222 किलो मीटर पर है. आप यहां पर 7 से 8 घंटे की दूरी तय करके पहुंच सकते हैं. यह हिल स्टेशन उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है.यहां की शांति, बर्फबारी, धार्मिक स्थल और एडवेंचर एक्टिविटीज आपको एक अद्भुत अनुभव कराएंगी.
कैसे पहुंचे धनोल्टी
सड़क मार्ग से आप दिल्ली से धनौल्टी आसानी से पहुंच सकते हैं. यहां तक पहुंचने में आपको 7 से 8 घंटे लगेंगे.
धनोल्टी के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून है, जो औली से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है.आप यहां से टैक्सी या बस के द्वारा पहुंच सकते हैं.
आप हवाई यात्रा से पहुंचना चाहते हैं, तो देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट सबसे नजदीकी है.आप यहां से टैक्सी के माध्यम से धनोल्टी पहुंच सकते हैं.
धनोल्टी में क्या घूमें
    यहां का सुरकंडा देवी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. यह एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों से आपको अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा. यह आपको एक आध्यात्मिक अनुभव कराएगा.
    धनोल्टी में आप एडवेंचर पार्क भी देख सकते हैं. जहां आप जिपलाइनिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और अन्य रोमांचक गतिविधियों का आनंद उठा सकते हैं.
    प्राकृतिक प्रेमियों के लिए यहां पर एक इको पार्क भी है. यहां आप ट्रैकिंग, बर्डवॉचिंग और पिकनिक का आनंद ले सकते हैं.
    इसके अलावा आप दशावतार मंदिर, घाटों का भ्रमण, कैंपिंग और ट्रेकिंग का आनंद उठा सकते हैं.
 

  टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /कान की गंदगी कैसे निकालें? हमारे शरीर के सभी अंगों की सफाई बहुत जरूरी होती है और कान भी इसमें शामिल हैं. कान में मैल का जमाव एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब यह ज्यादा मात्रा में इकट्ठा हो जाता है, तो यह सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है. कई लोग कान साफ करने के लिए कॉटन बड्स या किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल करते हैं, जो कान के लिए हानिकारक हो सकता है. इसलिए घरेलू उपाय अपनाकर कान को सुरक्षित और प्राकृतिक रूप से साफ किया जा सकता है. अगर आप भी कान साफ करन का कारगर तरीका तलाश रहे हैं, तो यहां हम आपके लिए कान की गंदगी निकालना एक आसान तरीका बता रहे हैं.
कान में मैल जमने के कारण
स्वाभाविक प्रक्रिया: शरीर खुद कान में मोम (ईयरवैक्स) पैदा करता है, जो धूल-मिट्टी और बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है.
बहुत ज्यादा सफाई करने की आदत: बार-बार कान साफ करने से प्राकृतिक ईयरवैक्स में वृद्धि हो सकती है.
धूल-मिट्टी वाले वातावरण में रहना: ज्यादा गंदगी और धूल वाले स्थानों पर रहने से मैल जल्दी जमता है.
इयरफोन या हेडफोन का ज्यादा उपयोग: लंबे समय तक हेडफोन या इयरफोन लगाने से ईयरवैक्स बाहर नहीं निकल पाता और कान में जमा हो जाता है.
त्वचा से जुड़ी समस्याएं: कुछ लोगों की ड्राई स्किन होती है, जिससे उनके कानों में ज्यादा मैल बनने की संभावना रहती है.
कान साफ करने के लिए असरदार घरेलू उपाय
1. नारियल तेल या ऑलिव ऑयल
    कुछ बूंदें गुनगुना नारियल या जैतून का तेल कान में डालें.
    10-15 मिनट तक सिर झुकाकर रखें ताकि तेल अंदर तक पहुंच सके.
    इसके बाद हल्के गर्म पानी से कान धो लें.
    यह तरीका कान के मैल को मुलायम कर बाहर निकालने में मदद करता है.
2. हाइड्रोजन पेरॉक्साइड
    2-3 बूंदें हाइड्रोजन पेरॉक्साइड को कान में डालें.
    कुछ समय बाद बुलबुले बनने लगेंगे, जो मैल को बाहर निकालने में मदद करेंगे.
    सिर झुकाकर गंदगी को बाहर आने दें और हल्के गीले कपड़े से साफ करें.
3. गुनगुना पानी और नमक
    एक कप गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं.
    रूई को इस मिश्रण में भिगोकर कान में 2-3 बूंदें डालें.
    कुछ समय बाद सिर झुकाकर मैल को बाहर आने दें.
4. सरसों का तेल
    हल्का गुनगुना सरसों का तेल कान में 2-3 बूंद डालें.
    10 मिनट तक सिर को झुकाकर रखें और फिर कपड़े से साफ करें.
    यह कान के मैल को नर्म कर बाहर निकालने में मदद करता है.
5. एलोवेरा जेल
    ताजा एलोवेरा जेल निकालकर उसमें कुछ पानी मिलाएं.
    इस मिश्रण की 2-3 बूंदें कान में डालें और 5-10 मिनट बाद साफ करें.
    एलोवेरा कान के अंदरूनी हिस्से को भी मॉइश्चराइज करता है.
6. लहसुन और सरसों का तेल
    2-3 लहसुन की कलियों को सरसों के तेल में गर्म करें.
    तेल गुनगुना होने पर 2 बूंद कान में डालें.
    यह संक्रमण को दूर करने और कान के मैल को निकालने में कारगर उपाय है.
कान साफ करते समय ध्यान देने वाली बातें
    कान को कभी भी नुकीली चीजों से साफ न करें, इससे कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है.
    बहुत ज्यादा कान साफ करने से प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र नष्ट हो सकता है.
    कान में पानी जाने पर तुरंत सुखा लें, ताकि संक्रमण न हो.
    अगर कान में दर्द, खुजली या सुनने में दिक्कत हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ /आज की तेज-तर्रार जीवनशैली, अनियमित खान-पान और तनाव के कारण, एसिडिटी एक आम समस्या बन गई है. बहुत से लोग इस समस्या से तुरंत राहत पाने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन लंबे समय तक दवाओं का सेवन करने से दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं. अच्छी खबर यह है कि ऐसे कई प्राकृतिक और घरेलू उपचार हैं जो एसिडिटी से तुरंत राहत प्रदान कर सकते हैं. ये उपचार न केवल सुरक्षित और प्रभावी हैं, बल्कि आसानी से उपलब्ध भी हैं. इस लेख में हम कुछ सबसे प्रभावी घरेलू नुस्खों के बारे में बात करेंगे जो आपको एसिडिटी से तुरंत राहत दिला सकते हैं.
एसिडिटी के सामान्य कारण
    गलत खान-पान
    बहुत ज्यादा ऑयली और मसालेदार भोजन का सेवन
    फास्ट फूड और जंक फूड का ज्यादा सेवन
    समय पर भोजन न करना
    लाइफस्टाइल
    तनाव और चिंता
    धूम्रपान और शराब का सेवन
    अपर्याप्त नींद
एसिडिटी के अन्य कारण:
    कुछ दवाएं
    गर्भावस्था
    कुछ मेडिकल कंडिशन
एसिडिटी के लक्षण
    सीने में जलन
    खट्टी डकारें
    पेट में दर्द और बेचैनी
    उल्टी या मतली
    मुंह में खट्टा स्वाद
एसिडिटी से तुरंत राहत के लिए घरेलू नुस्खे (
ठंडा दूध: ठंडा दूध पेट में एसिड को बेअसर करने में मदद करता है. यह एसिडिटी से तुरंत राहत प्रदान कर सकता है.
अजवाइन: अजवाइन में थाइमोल नामक एक यौगिक होता है, जो पाचन में मदद करता है और एसिडिटी को कम करता है. आप अजवाइन को चबा सकते हैं या इसे पानी में उबालकर पी सकते हैं.
तुलसी: तुलसी में शांत करने वाले गुण होते हैं जो पेट की जलन को कम करते हैं. आप तुलसी के कुछ पत्तों को चबा सकते हैं या तुलसी की चाय पी सकते हैं.
सौंफ: सौंफ में पाचन को बढ़ावा देने वाले गुण होते हैं. आप सौंफ को चबा सकते हैं या इसे पानी में उबालकर पी सकते हैं.
जीरा: जीरा पेट में एसिड को बेअसर करने में मदद करता है. आप जीरा को चबा सकते हैं या इसे पानी में उबालकर पी सकते हैं.
अदरक: अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट की जलन को कम करते हैं. आप अदरक को चबा सकते हैं या अदरक की चाय पी सकते हैं.
नारियल पानी: नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो पेट में एसिड को बेअसर करने में मदद करते हैं.
केला: केला एक प्राकृतिक एंटासिड है. यह पेट में एसिड को बेअसर करने में मदद करता है.
दही: दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
एसिडिटी से बचने के लिए सुझाव:
    नियमित रूप से छोटे भोजन करें.
    तेल और मसालेदार भोजन से बचें.
    फास्ट फूड और जंक फूड से बचें.
    तनाव कम करें.
    धूम्रपान और शराब से बचें.
    पर्याप्त नींद लें.
घरेलू नुस्खों का उपयोग करके आप इन लक्षणों से तुरंत राहत पा सकते हैं और अपने पाचन तंत्र को हेल्दी रख सकते हैं.

  सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मखाने जिन्हें फॉक्स नट्स या कमल के बीज के रूप में भी जाना जाता है. ये एक लोकप्रिय स्नैक है जो अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है. ये प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और इन्हें अक्सर हेल्दी डाइट के हिस्से के रूप में खाया जाता है. हालांकि, मखाने सभी के लिए सही नहीं हैं. कुछ लोगों को मखाने खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. सुपरफूड कहा जाना वाला मखाना भी सभी के लिए अच्छा नहीं हो सकता है. कई ऐसे लोग हैं जिन्हें इससे परहेज करने की भी सलाह दी जाती है. क्या आप जानते हैं मखाना किसे नहीं खाना चाहिए?
इन लोगों को मखाने खाने से बचना चाहिए
एलर्जी वाले लोग: मखाने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है. एलर्जी के लक्षणों में खुजली, सूजन और सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकती है.
किडनी की पथरी वाले लोग: मखाने में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो किडनी की पथरी वाले लोगों के लिए समस्या पैदा कर सकती है.
दस्त से पीड़ित लोग: मखाने में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो दस्त को और खराब कर सकती है.
लो ब्लड प्रेशर वाले लोग: मखाने ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं, जो लो बीपी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है.
डायबिटीज वाले लोग: मखाने ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं, इसलिए डायबिटीज वाले लोगों को इनका सेवन सीमित करना चाहिए.
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मखाने खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
पाचन संबंधी समस्या वाले लोग: मखाने में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो कुछ लोगों में गैस और सूजन पैदा कर सकती है.

व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को देश भर में होली का त्योहार मनाया जाता है. देश के अलग-अलग प्रांत में इस पर्व के कई रंग देखने को मिलते हैं.  होली के दिन लोग भी तरह के भेदभाव और गिले शिकवे भूल कर एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं. इस साल की होली की तिथि काफी खास हो गई है. भारत में ग्रहण का काफी धार्मिक महत्व है और होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है. भारत में ग्रहण के समय शुभ कार्यों की मनाही होती है. ऐसे में लोगों के मन में चंद्र ग्रहण और होली के त्योहार को लेकर सवाल उठ रहे हैं. आइए जानते हैं होली के दिन लग रहे साल के पहले चंद्र ग्रहण का क्या प्रभाव होगा और भारत में चंद्र ग्रहण का समय.
कब लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण
इस बार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 14 मार्च को है और उसी दिन होली मनाई जाएगी. 14 मार्च को ही साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. यह खग्रास चंद्र ग्रहण होगा.  
ज्योतिष के विद्वानों का मत
फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 14 मार्च को होली मनाई जाएगी और इसी दिन खास खगोलीय घटना भी होने वाली है. होली के दिन आंश‍िक चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है.
होली पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
भारत में 13 मार्च को होलिका दहन और 14 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाने वाला है. 14 मार्च को इस साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. चूंकि ग्रहण के समय भारत में दिन का समय होगा इसलिए यह भारत में नजर नहीं आएगा. चंद्र ग्रहण के नजर नहीं आने के कारण इसका धार्मिक रूप से प्रभाव नहीं पड़ेगा और होली के त्योहार पर चंद्र ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ेगा.
भारत में चंद्र ग्रहण का समय
इस वर्ष होली के दिन 14 मार्च को आश‍िक चंद्र ग्रहण लगने जा रही है. भारतीय समय अनुसार सुबह 9:27 मिनट पर उपछाया ग्रहण शुरू होगा और 10 बजकर 39 मिनट पर आंशिक और 11 बजकर 56 मिनट पर पूर्ण चंद्रग्रहण समाप्त हो जाएगा. ग्रहण का समय दिन का होने के कारण यह भारत में नजर नहीं आएगा और इसी कारण इसका असर भी भारत पर नहीं होगा. ग्रहण का प्रभाव मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, यूरोप के कई हिस्सों, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका के बड़े हिस्से सहित अन्य जगहों पर पड़ने वाला है.

आस्था /शौर्यपथ /वैदिक ज्योतिष के अनुसार, देवताओं के गुरु बृहस्पति इस समय वृषभ राशि में स्थित हैं और मई तक इसी राशि में रहेंगे. इस दौरान वे विभिन्न ग्रहों के साथ युति करके शुभ-अशुभ योगों का निर्माण करेंगे. विशेष रूप से, जब चंद्रमा और गुरू एक साथ आते हैं, तो यह महत्वपूर्ण माना जाता है. 5 मार्च को सुबह 8:12 बजेचंद्रमा वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, जहां पहले से ही बृहस्पति स्थित हैं. इस शुभ संयोग से गजकेसरी योग का निर्माण होगा, जो अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इस राजयोग के प्रभाव से कुछ विशेष राशियों को आर्थिक उन्नति और करियर में सफलता मिल सकती है. आइए जानते हैं वे 5 भाग्यशाली राशियां कौन सी हैं, जिन्हें होली से पहले जबरदस्त लाभ मिलने वाला है.
कुंभ राशि
    गजकेसरी राजयोग कुंभ राशि के जातकों के लिए भी बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है.
    इस शुभ योग के प्रभाव से गुरू और चंद्रमा की युति चौथे भाव में हो रही है, जिससे आपके जीवन में सुख-सुविधाओं की बढ़ोतरी होगी और आप एक लग्जरी लाइफ का आनंद ले सकेंगे.
    आपका पूरा ध्यान करियर पर केंद्रित रहेगा, जिससे कार्यक्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां मिल सकती हैं.
    आपके मेहनत और कौशल की सराहना होगी, साथ ही तरक्की के नए अवसर भी मिलेंगे.
    इस दौरान घर की रिनोवेशन, प्रॉपर्टी निवेश या गाड़ी खरीदने का शुभ संयोग बन सकता है.
    पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा और अपनों के साथ अच्छा समय बिताने का अवसर मिलेगा, जिससे घर में शांति और प्रसन्नता बनी रहेगी.
वृश्चिक राशि
    गजकेसरी राजयोग वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ साबित हो सकता है. इस योग के प्रभाव से गुरू और चंद्रमा की युति सातवें भाव में बन रही है, जिससे हर क्षेत्र में अपार सफलता और तरक्की के योग बन रहे हैं.
    करियर के लिहाज से यह समय आपके लिए भाग्यशाली रहेगा.
    आपकी लगातार कोशिशों का फल मिलेगा और सफलता सुनिश्चित होगी.
    व्यापार में भी अच्छा लाभ होने की संभावना है, खासकर अगर अगर आप पार्टनरशिप में काम कर रहे हैं, तो आर्थिक उन्नति के प्रबल योग हैं.
    प्रभावशाली लोगों से संबंध मजबूत होंगे, जो भविष्य में आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
    अगर आप नया व्यापार शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय अत्यंत अनुकूल रहेगा.
    जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी और पारिवारिक जीवन भी खुशहाल रहेगा.
मीन राशि
    गजकेसरी राजयोग मीन राशि के जातकों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है. इस योग के प्रभाव से गुरू और चंद्रमा की युति तीसरे भाव में बन रही है.
    जिससे इस राशि के लोगों को प्रसिद्धि और मान-सम्मान मिलने के प्रबल योग बन रहे हैं.
    जीवन में एक नई दिशा और अवसर मिल सकता है.
    अगर आप किसी समस्या से लंबे समय से जूझ रहे थे, तो अब उसमें सफलता मिलने की संभावना है.
    करियर में उन्नति होगी और व्यापार में किए गए प्रयास सफल होंगे.
    आपका कोई नया बिजनेस आइडिया भी अच्छी तरह फल-फूल सकता है.
    परिवार और दोस्तों का भरपूर सहयोग मिलेगा, जिससे आप अपने लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकेंगे और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे.
मेष राशि
    गजकेसरी योग के प्रभाव से मेष राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. व्यापार में शानदार प्रगति देखने को मिलेगी और लाभ के नए अवसर मिल सकते हैं. नौकरी से जुड़ी कोई शुभ सूचना मिल सकती है.
    कुल मिलाकर, यह समय आपके लिए सफलता और समृद्धि लेकर आएगा.
कर्क राशि
    गजकेसरी योग के शुभ प्रभाव से कर्क राशि के जातकों का भाग्य चमक सकता है. नौकरी में पदोन्नति के योग बन रहे हैं, जिससे करियर में उन्नति होगी.
    आमदनी में बढ़ोतरी के साथ जीवन में खुशियां आएंगी.
    साथ ही, लंबे समय से रूका हुआ धन भी वापस मिलने की संभावना है.

ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / बालों को भरपूर पोषण ना मिलने और हीटिंग टूल्स के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने पर बाल दोमुंहे होने लगते हैं. दोमुंहे बाल सिरों से दो अलग दिशाओं में उगने लगते हैं. इससे बाल बहुत ज्यादा ड्राई हो जाते हैं और उनकी खूबसूरती भी कम नजर आती है. ऐसे में बालों की इस दिक्कत को दूर करने के लिए घर की एक नहीं बल्कि कई चीजें काम आ सकती हैं. ऐसा ही एक असरदार नुस्खा है अंडे का. यहां जानिए अंडे में क्या मिलाकर लगाएं कि स्प्लिट एंड्स यानी दोमुंहे बालों की दिक्कत दूर हो जाए. साथ ही कुछ और भी घरेलू नुस्खे हैं जो दोमुंहे बालों को ठीक करने में असरदार होते हैं.
महंगे फेशियल से ज्यादा असरदार हैं घर की ये 6 चीजें, चेहरे पर लगाते ही आ जाता है निखार
दोमुंहे बालों के लिए अंडे का हेयर मास्क |
    बाल अगर दोमुंहे हो गए हैं तो अंडे और दही का हेयर मास्क बनाकर लगाया जा सकता है.
    एक अंडे में एक चम्मच दही डालकर अच्छे से मिक्स कर लें.
    इस हेयर मास्क को बालों पर जड़ों से सिरों तक लगाएं और आधा घंटा लगाकर रखने के बाद धोकर हटा लें.
    इस हेयर मास्क से बालों को नमी मिलती है, प्रोटीन मिलता है और दोमुंहे बाल कम होने में असर दिखने लगता है.
    इसे हफ्ते में एक बार सिर पर लगाया जा सकता है.
ये नुस्खे भी आएंगे काम
    केले का मास्क भी दोमुंहे बालों की दिक्कत को दूर कर सकता है. एक केले में 2 चम्मच दही और एक चम्मच शहद मिलाकर हेयर मास्क बनाएं. इसे सिर पर 40 से 50 मिनट लगाकर रखने के बाद धोकर हटा लें.
    दोमुंहे बाल कम करने के लिए मेयोनीज का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. मेयोनीज को गीले बालों पर लगाएं और सिर पर शावर कैप लगा लें. आधे घंटे बाद सिर धोकर साफ करें.
    एलोवेरा जैल का इस्तेमाल भी दोमुंहे बालों को ठीक कर सकता है. इस्तेमाल के लिए एलोवेरा जैल को बालों की जड़ों से सिरों तक लगाएं. इसे आधा घंटा लगाकर रखने के बाद धोकर हटा सकते हैं.
    शहद का हेयर मास्क भी बालों के लिए फायदेमंद होता है. 2 चम्मच शहद में 2 चम्मच ऑलिव ऑयल या फिर नारियल का तेल मिक्स करके बालों पर लगाएं. दोमुंहे बाल कम करने के लिए इस हेयर मास्क को हफ्ते में 2 बार लगाया जा सकता है.
    पपीता भी स्प्लिट एंड्स कम करने में असरदार होता है. इसे सिर पर लगाने के लिए पपीते का गूदा लेकर उसमें दही मिला लें. इस हेयर मास्क को बालों पर 30 से 40 मिनट लगाकर रखने के बाद धोकर हटाएं. इससे दोमुंहे बालों की दिक्कत तो कम होती ही है, साथ ही बालों पर चमक आ जाती है सो अलग.

  ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /खिली-खिली बेदाग निखरी त्वचा हर किसी को भाती है. वहीं, चेहरे की कसावट आपकी त्वचा की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है. लेकिन जब चेहरे की कसावट और चमक फिकी पड़ जाती है, तो फिर आपको टेंशन होने लगती है. आपको बता दें चिंता करने की बजाय आपको इसके उपाय के बारे में सोचना चाहिए, ताकि आप अपने खराब चेहरे की हालत को फिर से सुधार सकें. ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कैसे अपने चेहरे की ढीली स्किन को फिर से टाइट कर सकते हैं ...
कैसे करें ढीली स्किन को टाइट -  
सोने से पहले तेल से फेस मसाज
सबसे पहले अपनी त्वचा को साफ करके सुखा लीजिए. अब आप अपने हाथ में पर्याप्त मात्रा में तेल ले लीजिए. फिर अपने चेहरे की हल्के हाथों से मालिश करिए.  इसके बाद तेल को चेहरे पर पूरी रात लगा रहने दीजिए और सुबह उठकर गुनगुने पानी से फेस को क्लीन कर लीजिए.
केले का इस्तेमाल करें
सबसे पहले एक चौथाई केले को अच्छे से कटोरी में मैश करके पेस्ट तैयार कर लीजिए, फिर 15 से 20 मिनट के लिए चेहरे पर लगाकर छोड़ दीजिए. इसके बाद गुनगुने पानी से चेहरे को धोकर थपथपाकर सुखा लीजिए.
खीरे का फेस मास्क
खीरे को छीलकर उसका रस निकाल लीजिए फिर एक रुई की मदद से पूरे चेहरे पर लगा लीजिए और 15 से 20 मिनट तक लगाकर छोड़ दीजिए. फिर साफ पानी से धो लीजिए. यह आपकी स्किन को साफ, चमकदार रखने और कसाव बनाए रखने में मदद करेगा.
एलोवेरा का करें इस्तेमाल
एलोवेरा जेल से चेहरे की अच्छी तरह मसाज करिए. इसे 15-20 मिनट लगाकर छोड़ दीजिए. फिर साफ पानी से क्लीन कर लीजिए. यह भी आपकी स्किन में कसाव बनाए रखने का काम करेगा.
हाइड्रेशन
इड्रेशन एक तरीका है, जो स्किन को हाइड्रेट रखने में मदद करता है. पर्याप्त पानी पीने से चेहरे की ढीली स्किन में कसाव आता है और चमक भी बरकरार रहती है.
विटामिन सी
विटामिन सी एक पोषक तत्व है, जो स्किन को चमकदार बनाने में मदद करता है. इससे भरपूर आहार लेने से चेहरे की ढीली स्किन में कसाव आ सकता है.

   व्रत /शौर्यपथ / हिंदू धर्म में एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है. यह मार्च महीने की पहली एकादशी भी होने वाली है. एकादशी के दिन मान्यतानुसार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. माना जाता है कि पूरे मनोभाव से भगवान विष्णु का पूजन किया जाए तो मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली आती है सो अलग. ऐसे में यहां जानिए कब रखा जाएगा आमलकी एकादशी का व्रत  और किस तरह की जाएगी पूजा संपन्न.
आमलकी एकादशी कब है |
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 9 मार्च की शाम 7 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 10 मार्च की सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर हो जाएगा. उदया तिथि के अनुसार 10 मार्च, सोमवार के दिन आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
आमलकी एकादशी की पूजा विधि
    आमलकी एकादशी की सुबह स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लिया जाता है.
    इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है. मान्यतानुसार पीला रंग श्रीहरि का प्रिय रंग होता है.
    आमलकी एकादशी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करना भी शुभ होता है.
    भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित की जाती है.
    इसके बाद प्रभु के समक्ष दीपक जलाया जाता है.
    भगवान को पीले रंग के फूलों की माला चढ़ाई जाती है और तिलक किया जाता है. तिलक चंदन से करते हैं.
    पूजा में तुलसी के पत्ते भी श्रीहरि को समर्पित किए जाते हैं.
    विष्णु भगवान को पंचामृत चढ़ाया जाता है और साथ ही भोग में मखाने की खीर और मिठाई शामिल करते हैं.
    आमलकी एकादशी की कथा पढ़ी जाती है, मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और साथ ही भगवान विष्णु की आरती करके पूजा का समापन किया जाता है.
आंवले के वृक्ष की पूजा
आमलकी एकादशी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करना महत्वपूर्ण माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु सृष्टि की रचना कर रहे थे तब आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ था. इस चलते आंवले के वृक्ष को पवित्र माना जाता है. आमलकी एकादशी पर आंवले के वृक्ष की पूजा करने पर सौभाग्य की प्राप्ति होती है और घर-परिवार में शांति बनी रहती है, साथ ही सभी का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.
आमलकी एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ विष्णवे नम:
- ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि ।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
- ॐ अं वासुदेवाय नम:।।
- ॐ आं संकर्षणाय नम:।।
- ॐ नारायणाय नम:।।
- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।।
- ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।।
- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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