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धर्म संसार /शौर्यपथ/
आषाढ़ के महीने में शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस माह में कोई भी कामना पूर्ण हो जाती है. इस समय देवी देवताओं का आशीर्वाद ज्यादा फलित होता है. इसलिए इस माह भगवान भोलेनाथ की पूजा पाठ का बहुत महत्व होता है. ऐसे में आपको आषाढ़ शिवरात्रि के पूजा-पाठ और समय के बारे में जान लेना चाहिए. ताकि आपसे किसी प्रकार की भूल न हो क्योंकि देवों के देव महादेव ऐसे देवता हैं जिन्हें उनकी सरलता और क्रोध दोनों के लिए जाना जाता है. तो उनकी आराधना में थोड़ी सी भूल-चूक आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है.
आषाढ़ मास मासिक शिवरात्रि मुहूर्त इस माह शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 27 जून को सुबह 03 बजकर 25 मिनट पर है जो अगले दिन 28 जून को 05 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी.
आषाढ़ शिवरात्रि का महत्व |
महीने शिवरात्रि व्रत रखने का खास महत्व होता है. इस दिन शिव मंत्र का जाप और पूरे तन मन से पूजा पाठ करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. इनका पूजा अर्चना करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है.
पूजा विधि
शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनकर मंदिर में पूजा करें. इसके बाद शिवलिंग पर दूध का अभिषेक करें. साथ ही उन्हें बेलपत्र और फूल चढ़ाएं. इनकी पूजा करने से जिन लड़के लड़कियों की शादी विवाह में बाधा आ रही है वह भी समाप्त हो जाती है. ऐसे में आपको इनकी पूजा और व्रत जरूर करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि भोलेनाथ के खुश होने से जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है. इस दिन सफेद चीजों का दान करने से भगवान शिव खुश होते हैं.
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