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शौर्यपथ / अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसी)- डेविस के वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में दावा किया है कि पशुओं की कई प्रजातियां कोरोना महामारी की चपेट में आ सकती हैं। अध्ययन के अनुसार कोविड-19 बीमारी का कारण बनने वाले कोरोना वायरस के संभावित खतरे का सामना करने वाली एकमात्र प्रजाति मनुष्य नहीं है। पशुओं की कई प्रजातियों को भी बड़ा खतरा है।
अध्ययन के अनुसार कई गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियां जैसे कि पश्चिमी गोरिल्ला, ऑरंगुटन और गाल पर सफेद बाल वाले काले लंगूर आदि वायरस से संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हो सकते हैं। समुद्री स्तनधारियों जैसे ग्रे व्हेल और बॉटलनोज डॉल्फिन के साथ-साथ चीनी हैम्स्टर में भी वायरस के उच्च जोखिम में हैं।
वैज्ञानिकों ने कहा कि घरेलू पशुओं में बिल्लियों, मवेशियों और भेड़ों में एक मध्यम जोखिम पाया गया, जबकि कुत्तों, घोड़ों और सूअरों के लिए कम जोखिम है। वैज्ञानिकों ने एसीई-2 रिसेप्टर प्रोटीन की संरचना की तुलना करने के लिए जीनोमिक विश्लेषण का उपयोग किया। जो कोरोना वायरस, मछली सहित उभयचर, सरीसृप और स्तनधारी कशेरुकी जीवों की 410 विभिन्न प्रजातियों की कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए उपयोग करता है।
पीएनएएस नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, एसीई-2 सामान्य रूप से कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं और ऊतकों में पाया जाता है, जिसमें नाक, मुंह और फेफड़ों की बाहरी परत को शामिल करने वाली कोशिकाएं शामिल हैं। अध्ययन के प्रमुख लेखक हैरिस लेविन ने कहा, हमें उम्मीद है कि यह उन प्रतिक्रियाओं को प्रेरित करेगा, जो महामारी के दौरान पशु और मानव स्वास्थ्य दोनों की रक्षा करती हैं।
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