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सेहत टिप्स /शौर्यपथ /आमतौर पर लोग पानी को प्लास्टिक की बॉटल में स्टोर करते हैं. जबकि प्लास्टिक की बॉटल में पानी रखना सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है. ऐसे में आप चाहें तो पानी रखने के लिए तांबे की बॉटल या फिर तांबे की किसी भी बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि तांबा यानी कॉपर के बर्तन में पानी रखकर इसका सेवन करने से सेहत को एक नहीं बल्कि कई सारे फायदे होते हैं. दरअसल कॉपर के बर्तन में जब पानी को आठ घंटे या उससे ज्यादा समय तक रखा जाता है. तब तांबे के कुछ अंश पानी में घुल जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. तो आइए जानते हैं तांबे के बर्तन में पानी रखकर पीने के फायदे क्या हैं.
तांबे के बर्तन में पानी रखकर पीने के फायदे |
1. कैंसर से लड़ने में मददगार
फ्री रेडिकल्स और उनके हानिकारक प्रभाव ही कैंसर के प्रमुख कारण रहे हैं. तांबा एक ऐसा प्रसिद्ध एंटीऑक्सीडेंट है, जो सभी फ्री रेडिकल्स के खिलाफ लड़ता है और उनके नकारात्मक प्रभावों को खत्म करने में मदद कर सकता है. इसके साथ ही तांबा मेलेनिन के उत्पादन में मदद करता है, जो सूर्य के हानिकारक यूवी किरणों से बचाव भी करता है.
2. हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकता है
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, तांबा कोलेस्ट्रॉल और ट्रिग्लिसराइड स्तर को कम करने के लिए जाना जाता है. अगर किसी की बॉडी में कॉपर की कमी बचपन से ही हो गई है, तो यह हाइपोटेंशन के विकास का कारण बनती है. अगर किसी वयस्क की बॉडी में तांबे की कमी है, तो उनको हाइपरटेंशन की दिक्कत हो सकती है. ऐसे में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है.
3. एनीमिया से बचाव कर सकता है
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से एनीमिया की दिक्कत से राहत मिल सकती है. बता दें कि शरीर में तांबे की कमी से हेमेटोलॉजिकल विकार हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कम सफेद रक्त कोशिकाएं भी होती हैं. तांबा खाद्य को हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है. यह शरीर में आयरन को अवशोषित करने में मददगार साबित होता है, जिसकी कमी से एनीमिया होता है.
4. गठिया और जोड़ों की सूजन से राहत
कॉपर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया और रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित रोगियों को काफी राहत प्रदान करते हैं. इसके साथ ही तांबे में हड्डियों को मजबूत करने वाले गुण होते हैं. तांबे के बर्तन में रखा पानी गठिया के लिए बेहतर इलाज साबित हो सकता है.
5. पाचन में सहायक
आयुर्वेद का दावा है कि "ताम्र जल" पीने से पेट डिटॉक्सीफाई और साफ होता है. कॉपर में ऐसे गुण भी होते हैं जो क्रमाकुंचन (पेट की परत का लयबद्ध विस्तार और संकुचन) को उत्तेजित करते हैं, पेट की परत की सूजन को कम करते हैं और बेहतर पाचन में सहायता करते हैं. कॉपर के बर्तन में रखा पानी पीना पेट के अल्सर, अपच और पेट के संक्रमण को दूर करने के लिए एक बेहतर तरीका हो सकता है.
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