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वास्तु शास्त्र /शौर्यपथ /हर घर में पूर्वजों को याद किया जाता है और उनके ना रहने के बाद उनकी तस्वीर जरूर रखी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि पूर्वजों की तस्वीर घर में होने से सुख-समृद्धि बनी रहती है, साथ ही घर के सदस्यों को पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है. यही वजह है कि ज्यादातर लोग घर के लिविंग रूम या फिर बेड रूम में घर के पूर्वजों की तस्वीर लगाते हैं. कई लोग घर के पूर्वजों की तस्वीर पूजा घर में भी रखते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि वास्तु के अनुसार पूर्वजों की तस्वीर रखने की भी अपनी एक निश्चित दिशा होती है. कहा जाता है कि अगर सही दिशा में पूर्वजों की तस्वीर ना रखी जाए तो घर में सुख-शांति के बजाय कलेश का सामना भी करना पड़ सकता है.
दीवार पर नहीं लटकानी चाहिए पूर्वजों की तस्वीर
इसे लेकर ज्योतिषाचार्य का मानना है कि पूर्वजों की तस्वीर घर में लगाते वक्त कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. वास्तु के अनुसार तस्वीरों को हमेशा किसी फ्रेम में लगाकर ही रखना चाहिए. इसके साथ ही इन तस्वीरों को किसी शेल्फ या अलमारी में रखना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों की तस्वीरों को दीवार पर लटकाकर नहीं रखनी चाहिए. दीवार पर तस्वीर लगाने से पूर्वजों का अपमान होता है. कहते हैं कि ऐसा करने से उनकी कृपादृष्टि प्राप्त नहीं होती और ये पितृ दोष का कारण भी बनता है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक घर के दक्षिण दिशा में ही पूर्वजों की तस्वीर रखी जानी चाहिए.
वास्तु विदों की माने तो पूर्वजों की तस्वीर घर में लगाते वक्त दिशा का भी खास ख्याल रखना चाहिए. अक्सर आपने देखा होगा कि लोग अपने एक ही पूर्वज की तस्वीर घर के अलग-अलग स्थान पर लगा लेते हैं, जबकि कहा जाता है कि एक पूर्वज की तस्वीर एक से ज्यादा नहीं लगानी चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से पितर नाराज हो जाते हैं और घर में यह कलह और कलेश का कारण बनता है. वास्तु के हिसाब से पितरों की तस्वीर घर के ब्रह्म स्थान या घर के मध्य स्थान में कभी नहीं लगना चाहिए. इसके साथ ही कहा यह भी गया है कि जीवित लोगों के चित्रों के साथ कभी पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए.
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