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व्रत त्यौहार/शौर्यपथ /श्रावण मास कैलाश निवासी भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस माह में सोमवार का काफी महत्व होता है और विशेष संयोग के चलते इस बार श्रावण मास की शुरुआत सोमवार से ही होगी. श्रवण नक्षत्र में सर्वार्थ सिद्धि योग से श्रावण के पावन माह की शुरुआत होगी. इससे भी खास बात यह है कि भगवान शिव की पूजा-आराधना के लिए समर्पित श्रावण मास में इस बार कई श्रेष्ठ और फलदायी शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. इस वर्ष श्रावण मास 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग पर पूर्णिमा के दिन समाप्त हो जाएगा.
सावन के श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त
इस बार श्रावण मास में 10 विशेष शुभ मुहूर्त वाले दिन बन रहे हैं. पांच सोमवार के अलावा 1 और 17 अगस्त को प्रदोष व्रत और 4 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि पुष्य योग के साथ अमावस्या. शुभ मुहूर्त वाले विशेष दिनों पर पूजा-अर्चना, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक जैसे विशेष उपाय कर दोष दूर किया जा सकता है, ऐसी मान्यता है. ऐसा माना जाता है कि श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त में विशेष पूजा-अर्चना और उपाय कर आप मनवांछित फल पा सकते हैं.
तीन खास उपाय से बनेंगे सभी काम
वैसे तो संपूर्ण श्रावण मास ही शुभ और फलकारी होता है लेकिन माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में विशेष उपाय की मदद से आप दोषमुक्त होकर मनोवांछित फल पा सकते हैं. सभी तीन उपायों से अलग-अलग फल प्राप्त होंगे. माना जाता है कि राहु-केतु का अशुभ प्रभाव कम करने, कर्ज और कई तरह के कष्टों से छुटकारा पाने के लिए और गृह शांति के लिए सोमवार को विशेष पूजा, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करना शुभ है. रोग निवारण, पितृ दोष और कर्ज मुक्ति के लिए अमावस्या के दिन रवि पुष्य योग में विशेष पूजा-अर्चना करना अच्छा है. मान्यतानुसार सावन शिवरात्रि और प्रदोष में पूजा, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से संतान फल प्राप्त होता है.
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