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व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /जन्माष्टमी पर पारंपरिक व्यंजन बनाने का रिवाज पहले से चला आ रहा है. जन्माष्टमी का भोजन के साथ एक अनोखा रिश्ता है. इस दिन जो व्यंजन बनते हैं वो भगवान कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को दिखाते हैं. इस दिन भगवान कृष्ण को ध्यान में रखकर व्यंजन तैयार किए जाते हैं. ये व्यंजन शरीर के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं. जन्माष्टमी के मौके पर आधी रात पर भगवान के जन्म के बाद ही प्रसाद ग्रहण किया जाता है. आइए जानते हैं इस दिन कौन-कौन से व्यंजन बनाए जाते हैं.
जन्माष्टमी पर बनाएं ये पारंपरिक व्यंजन
1. खीर-
दूध में थोड़े चावल, ड्राई फ्रूट्स, मखाने, साबूदाने आदि को मिलाकर पकाने पर बहुत ही स्वादिष्ट डेजर्ट तैयार होता है. स्वाद को बढ़ाने के लिए आप इसमें केसर या इलायची का भी प्रयोग कर सकते हैं. खीर को भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग के रूप में जन्माष्टमी की आधी रात को प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है.
2. पंजीरी-
पंजीरी इस त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण भोग माना जाता है. इसमें धनिया, चीनी, देसी घी, काजू, किशमिश, बादाम, पिस्ता और मिश्री को एक साथ पीसकर बनाया जाता है. यह प्रसाद बहुत ही स्वादिष्ट एवं पेट के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है. बिहार, उत्तर प्रदेश एवं पंजाब जैसे राज्यों में यह प्रसाद बहुत ही पॉपुलर है.
3. माखन और मिश्री-
माखन और मिश्री भगवान श्री कृष्ण का सबसे प्रिय प्रसाद माना जाता है. यह फ्रेश मक्खन और मिश्री या चीनी के साथ आसानी से घर पर तैयार की जा सकती है.
4. दूध के साथ शहद-
भगवान श्री कृष्ण को शहद और दूध से बना मिश्रण भी चढ़ाया जाता है. ऐसा मानते हैं कि इसके बिना भगवान श्री कृष्ण के जन्माष्टमी की पूजा अधूरी रहती है. इस मिश्रण को भगवान को अर्पित करने के बाद भक्तों में इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है.
5. मखाना पाग-
जन्माष्टमी के 1 दिन पहले शाम को यह स्पेशल डिश बनाई जाती है जिसमें जिसमें मखाने को घी, दूध, चीनी के साथ मिलाकर स्वादिष्ट डिश तैयार की जाती है.
6. रवा लडडू-
रवा लड्डू बनाने के लिए सूजी को सबसे पहले भून लिया जाता है और उसमें देसी घी, ड्राई फ्रूट्स और कसा हुआ नारियल मिलाकर लड्डू तैयार किया जाता है. यह प्रसाद भी भगवान श्री कृष्ण को बेहद प्रिय है.
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