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व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पावन त्योहार मनाया जाता है, कहते हैं कि माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को वर स्वरूप प्राप्त करने के लिए इस व्रत को किया था, तब जाकर उन्हें भोलेनाथ वर स्वरूप प्राप्त हुए थे. ऐसे में कहा जाता है कि अगर अविवाहित कन्याएं ये व्रत करती हैं, तो उन्हें भोलेनाथ की तरह वर की प्राप्ति होती हैं, वहीं सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए ये व्रत रखती हैं. ऐसे में अगर आप भी हरतालिका तीज का व्रत रखना चाहती हैं, तो उससे पहले इस व्रत के ये 10 नियम जरूर जान लें.
इस दिन किया जाएगा हरतालिका तीज 2024 का व्रत
हरतालिका तीज 2024 का व्रत 6 सितंबर 2024, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा, लेकिन इसकी तिथि की शुरुआत 5 सितंबर 2024 को दोपहर 12:21 पर हो जाएगी. वहीं, इसका समापन 6 सितंबर को दोपहर 3:01 पर होगा, ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 6 सितंबर को ही निर्जला व्रत किया जाएगा. वहीं, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6:01 से लेकर 8:32 तक रहेगा.
हरतालिका तीज व्रत के 10 नियम |
1. अगर आप एक बार हरतालिका तीज का व्रत रखना शुरू कर दें, तो इसे जिंदगी भर रखना होता है. चाहे आप बीमार हो या माहवारी से हो, लेकिन ये व्रत कभी भी छोड़ते नहीं है.
2. हरतालिका तीज का व्रत निर्जला व्रत होता है, यानी कि इस व्रत में आप अन्न, जल का सेवन नहीं कर सकते हैं. अगले दिन सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाने के बाद ही खीरा या ककड़ी खाकर व्रत का पारण किया जाता है.
3. हरतालिका तीज की पूजा में मां पार्वती को खीरा भोग स्वरूप चढ़ाया जाता है या फिर सूजी का हलवा भोग लगाया जाता है.
4. हरतालिका तीज की पहली पूजा प्रदोष काल यानी कि शाम के समय की जाती है ये वो समय होता है जब सूरज डूबता है और रात होने से पहले का समय होता है.
5. हरतालिका तीज व्रत करने के दौरान महिलाओं को रात भर जागरण करना चाहिए, इस दौरान भजन कीर्तन और नृत्य आदि किया जा सकता है.
6. हरतालिका तीज व्रत करने के दौरान हरतालिका तीज व्रत कथा जरूर सुननी चाहिए, नहीं तो इस व्रत को अधूरा माना जाता है.
7. हरतालिका तीज व्रत के दौरान महिलाओं को 16 श्रृंगार जरूर करना चाहिए, कहते हैं कि 16 श्रृंगार करने से मां पार्वती अति प्रसन्न होती हैं.
8. हरतालिका तीज पूजा के दौरान मां पार्वती, शिवजी और भगवान गणेश की मिट्टी से प्रतिमा बनाकर पूजा करनी चाहिए और अगले दिन सुबह उसका विसर्जन करना चाहिए.
9. हरतालिका तीज पर मां पार्वती को सुहाग अर्पित करने का भी विशेष महत्व होता है, आप सुहाग की पिटारी में 16 श्रृंगार की चीजें रखकर मां पार्वती को अर्पित करें और शिव जी को धोती और अंगोछा भी चढ़ाएं.
10. हरतालिका तीज व्रत के दौरान अगले दिन सूर्योदय पर स्नान करने के बाद मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाने का विशेष महत्व होता है. इसके बाद ही व्रत का पारण किया जाता है, हरतालिका तीज व्रत के बाद किसी ब्राह्मण या गरीब महिला को सुहाग का सामान दान करना चाहिए.
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