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लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / आप जोर से छींकते हैं या फिर धीरे से। छींकने से पहले ‘सॉरी’ या ‘एक्सक्यूज मी’ बोलते हैं या फिर हाथ से छींक दबाने की कोशिश करते हैं। ये सभी चीजें आपके व्यक्ति के राज खोलती हैं। ब्रिटेन के जाने-माने हावभाव विशेषज्ञ रॉबिन करमोड ने अपनी किताब ‘स्पीक सो योर ऑडियंस विल लिसेन’ में यह खुलासा किया है।
‘सॉरी’ या ‘एक्सक्यूज मी’ बोलना-
-छींकने से पहले या बाद में ‘सॉरी’ या ‘एक्सक्यूज मी’ बोलने वाले अमूमन शांत, शालीन और अंतर्मुखी होते हैं। उन्हें दूसरों की जिंदगी में दखल देने बिल्कुल पसंद नहीं होता।
तेज आवाज निकालना-
-रॉबिन के मुताबिक छींक के दौरान तेज आवाज निकालने वाले हमेशा आकर्षण का केंद्र बने रहना चाहते हैं। उन्हें दूसरों के बीच अपनी अहमियत जताने और बातें मनवाने में मजा आता है।
रोकने की कोशिश करना-
-छींक दबाने की कोशिश करने वाले भी अंतर्मुखी होते हैं। वे भीड़भाड़ से दूर रहना पसंद करते हैं। लोग उनकी बातों को तवज्जों दें या न दें, वे मस्तमौला होकर अपनी जिंदगी जीते रहते हैं।
धीमे से छींकना-
-ऐसे लोग समाज में घुल-मिलकर रहने में यकीन करते हैं। वे आत्मनियंत्रण की कला में माहिर होते हैं। उन्हें यह बात बिल्कुल भी गंवारा नहीं होती कि लोगों को उनकी वजह से असुविधा हो।
नाक पर हाथ रखने वाले-
-छींकते समय नाक-मुंह को रुमाल या हाथ से ढंकने वाले लोग दूसरों की खुशी को भी तवज्जो देते हैं। उन्हें नियम-कायदों का पालन करना और मिल-जुलकर रहना ज्यादा रास आता है।
बार-बार छींकते रहना-
-एक के बाद एक कई बार छींकने वालों को भी लोगों का ध्यान खींचने में मजा आता है। लोग अगर उनकी बातों पर ध्यान न दें या उन्हें नजरअंदाज करें तो ये लोग बेहद उदास हो जाते हैं।
वायरस की वाहक
-1 लाख से अधिक कीटाणु निकलते हैं नाक से एक बार छींकने पर
-100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से 27 फीट के दायरे में फैल जाते हैं
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