February 06, 2025
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शौचालय के 21 लाख के गबन पर कांग्रेस नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष के पति पर आरोप , हुई गिरफ्तारी की मांग Featured

दुर्ग / शौर्यपथ / 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में आयी भाजपा के कार्यकाल के भ्रष्टाचार की बात करते करते और सुशासन देने का वादा करते हुए कांग्रेस चुनावी मैदान में उतरी थी . प्रदेश की जनता ने कांग्रेस की चुनावी वादों का सम्मान करते हुए सत्ता की चाबी सौपी किन्तु कांग्रेस के कुछ नेता ऐसे है जो प्रदेश सरकार की छवि खराब करने की अपने तरफ से पुरजोर कोशिश कर रहे है इन्ही कोशिशो में दुर्ग जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव के पति और मंत्री के करीबी रिवेंद्र यादव द्वारा शासन के पैसे गबन करने का आरोप लग रहा है कहते हैं जब सैयां भये कोटवार तो डर काहे का ये वाकया चरितार्थ हो रहा है दुर्ग जिले के ग्राम पंचायत बोरई में जहां रिवेंद्र यादव, जो वर्तमान जिला-पंचायत दुर्ग अध्यक्ष शालिनी यादव के पति हैं। साथ ही पंचायती राज के उच्च पद पर आसीन है वही रिवेंद्र यादव प्रदेश के कद्दावर मंत्री के करीबी भी है . राजनितिक हल्को में ये चर्चा है कि शालिनी यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में इन्ही मंत्री की महत्तवपूर्ण भूमिका रही थी . ग्राम पंचायत बोरई के सरपंच रहते हुए उन्होंने अपने साथी वेंडर सिन्हा ट्रेडर्स नगपुरा के संचालक ताम्रध्वज सिन्हा से मिलकर 21 लाख 70 हजार रुपए डकार दिए, निर्वाचन के 6 महीने बाद भी कई नोटिस दिए गए पर पैसा पंचायत को वापिस नही लौटाया गया। अब चूंकि जनपद व जिला-पंचायत उनके अधीनस्थ व नतमस्तक हैं , जिला प्रशासन की क्या मजाल की शासन के पैसों की वसूली कर पाए ।
आपको बता दे की ग्राम पंचायत बोरई के पूर्व सरपंच रिवेन्द्र यादव के द्वारा मनरेगा के तहत ग्राम बोरई में निजी शौचालय निर्माण करवाया गया व उसकी राशि का भुगतान 13 वे वित्त व 14वें वित्त आयोग के तहत किया गया। मनरेगा के तहत बनवाए गए शौचालयों का कुल लागत 21लाख 70 हजार रूपए एफ.टी.ओ. के माध्यम से तत्कालीन सरपंच रिवेन्द्र यादव (जो उस समय सरपंच संघ का अध्यक्ष भी था) के द्वारा जनपद पंचायत दुर्ग से सिन्हा ट्रेडर्स संचालक ताम्रधव्ज सिन्हा जो उसका करीबी आदमी व कार्यकर्ता है के खाते में जमा करवाया गया। लेकिन 3 वर्षा के बाद भी बोरई के पूर्व सरपंच रिवेन्द्र यादव ने सिन्हा ट्रेडस के मालिक ताम्रधव्ज सिन्हा से 21 लाख 70,000 रूपए की राशी को ग्राम पंचायत के खाते में वापस नहीं लिया।
भाजपा नेता अभिषेक जैसवाल की शिकायत के बाद मामला आया सामने
जिला भाजयूमों के नेता अभिषेक जैसवाल के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री औऱ जिलाधिश के नाम ज्ञापन सौंप कर मामले में तुरंत कार्यवाही करने को कहा है, उनका कहना है की यदि 7 दिवसों के भीतर उक्त राशी का समयोजन नहीं किया गया और उक्त आरोपीयों के उपर एफ.आई.आर नहीं की तो भाजयुमों के कार्यकर्ता बड़ा उग्र धरना प्रदर्शन व क्षेत्रीय विधायक का पुतला दहन करेंगे।
पंचायत सचिव व जनपद के कर्मचारियों की भी कार्य प्रणाली संदिग्ध :- उक्त मामला 3 साल पुराना है ,लेकिन वसूली के लिए जनपद ने एक भी नोटिस नहीं दिया जिससे यह कहना उचित है कि , कद्दू कट गया सब में बट गया। एक ओर जिस शौचालय निर्माण का जिस पार्टी के लोग छाती पिट पिट कर विरोध करते नजऱ आते थे वहीं मौका मिलते ही उसका पैसा दबाने में पीछे भी नहीं हटे है।

क्या है मामला
दरअसल ग्राम पंचायत बोरई में मनरेगा के अंतर्गत निजी शौचालय निर्माण किया गया था। जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा हितग्राहियों के द्वारा कार्य प्रारंभ करने हेतु ग्राम पंचायत मद के 13वें व 14वें वित्तीय से प्रति 217 हितग्राहियों का प्रति शौचालय 10 हजार के दर से 21 लाख 70 हजार का भुगतान जनपद पंचायत दुर्ग के द्वारा एफ.टि.ओ के माध्यम से सिन्हा ट्रेडर्स के खाते में जमा करवाया जा चुका है, लेकिन सिन्हा ट्रेडर्स के द्वारा 3 साल बीत जाने के बावजूद यह राशि ग्राम पंचायत के खाते में जमा नहीं करवाया गया।
इस राशि का न तो मनरेगा के तहत राशि मिलने से समायोजन किया गया और न ही शौचालयों का निर्माण पूरा किया गया। शौचालय निर्माण के बाद सम्पूर्ण राशि प्राप्त होने के बाद उस राशि से चौदहवें वित्त आयोग से उपयोग की जाने वाली राशि को उसमें समायोजन करना था जो कि नही हुआ।
बड़े नेताओं के साथ सांठ-गांठ के कारण नहीं हो रही कार्यवाही
रिवेंद्र यादव सत्ता पक्ष का नेता है व वर्तमान में उक्त व्यक्ती की पत्नी शालिनी यादव दुर्ग जिला पंचायत की अध्यक्ष है। पूर्व में रिवेन्द्र यादव सरपंच का अध्यक्ष भी रह चुका हैं और साथ ही रिवेन्द्र यादव दुर्ग के बड़े नेता और मंत्री का करीबी भी हैं। इस कारण जिला व जनपद पंचायत के अधिकारी इस मामले को दबाने की भरसक प्रयास कर रहें हैं। जनता के 21 लाख 70 हजार की राशि का गबन
रिवेन्द्र यादव व ताम्रधव्ज सिन्हा(सिन्हा ट्रेडर्स नगपूरा) के द्वारा सरेआम आमजनता का 21लाख 70 हजार रूपए चुना लगाया गया है, जिसका 3 साल का ब्याज ही 1 लाख से ज्यादा होता है। अत: आपके पार्टी के नेता और मंत्री के करीबी व्यक्तियों के द्वारा केंद्र सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का पैसा खाकर जनहित का दंभ भरना कदाचित छत्तीसगढ़ की आम जनता के साथ बेईमानी हैं।

मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन में इन मुद्दों को भाजयुमो ने प्रमुखता से उठाया
1. क्यो की रकम स्थांतरण तत्कालिन सरपंच रिवेन्द्र यादव कि सहमती से दिया गया था एवं अपने कार्यकाल पूर्ण होने तक उसके द्वारा एक बार भी रकम वापस नहीं मांगा गया, इससे यह बात स्पष्ट होता है की सिन्हा ट्रेडर्स औऱ सरपंच दोनों बराबरी के जिम्मेदार हैं।
2. शौचालय निर्माण राशी का भुगतान पंचायत के पैसों से किया गया, जो कि दूसरे मद का था, यह भी जांच का विषय हैं।
3. तीन साल से 21 लाख 70 हजार की अनियमितता के बाद भी जनपद पंचायत द्वारा साल दर साल कैसे ऑडिट किया जा रहा है, यह भी जांच का विषय है।
अत: उक्त राशि का ब्याज सहीत वसूला जांए, साथ ही अगर राशि जमा नहीं कि गई तो उक्त आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जांए।

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