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खेल /शौर्यपथ /वीरवार को मेजबान बांग्लादेश और भारत के बीच शुरू हुए दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय टीम के प्रदर्शन से ज्यादा दिग्गजों और फैंस के बीच चर्चा का विषय उस कुलदीप यादव को इलेवन से बाहर करना रहा, जिन्होंने चंद दिन पहले ही चटगांव में मैच जिताऊ प्रदर्शन करते हुए प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड अपनी झोली में डाला था. यही वजह है कि दिग्गज चर्चा कर रहे हैं कि आखिर यह प्रदर्शन कर क्या कुलदीप ने कोई गलती कर दी? वैसे एक और भारतीय बॉलर रहे हैं, जिनके साथ चटगांव में करीब 12 साल पहले ही ऐसा बर्ताव किया गया, जबकि उन्होंने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तब प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता था.
यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि पूर्व लेग स्पिनर अमित मिश्रा रहे, जिन्होंने तब चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में सात विकेट चटकाने के साथ ही अर्द्धशतक भी जड़ा था. लेकिन तब भी हुआ यह था कि मीरपुर में खेले गए अगले मैच में मिश्रा को बाहर बैठा दिया गया था.
और अब मिश्रा को बाहर बैठाने के करीब 12 साल बाद कुलदीप के साथ ऐसा बर्ताव हुआ है, यह दिग्गजों और फैंस को ज्यादा पंसद नहीं आ रहा है. मिश्रा के समय में सोशल मीडिया की आज जैसी बुलंद आवाज नहीं थी, लेकिन कुलदीप के टेस्ट से बाहर होने के साथ ही यह आवाज एक बड़ी बहस में तब्दील हो गई है, जिस पर ज्यादातर दिग्गज खुलकर बोल रहे हैं. दिग्गज सवाल कर रहे हैं कि आखिर कलाई के स्पिनर के साथ ही ऐसा बर्ताव क्यों होता है? ये कह रहे हैं कि पिच पर घास होने के कारण एक अलग से पेसर खिलाना भी था, तो फिर अक्षर को आराम क्यों नहीं? एक परफॉरमर को बाहर क्यों बैठाया गया?
पूर्व पेसर डोडा गणेश ने भी सवाल खड़ा किया है
कुलदीप के मुद्दे ने बड़ी बहस का रूप ले लिया है
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