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इंडिया टुडे के सीनियर एसोसिएट एडीटर श्री नरोन्हा ने मुख्यमंत्री बघेल को सौंपा पुरस्कार
रायपुर /शौर्यपथ/
इंडिया टुडे स्टेट ऑफ स्टेट्स 2021 कान्क्लेव में मोस्ट इंप्रुव्हड स्टेट इन इनवायरमेंट केटेगरी में छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया है। आज मुख्यमंत्री निवास में इंडिया टुडे के सीनियर एसोसिएट एडीटर राहुल नरोन्हा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह पुरस्कार सौंपा। इस अवसर पर जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा भी उपस्थित थे।
इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य वर्ष 2018 में 17वें, वर्ष 2019 में 6वें तथा वर्ष 2020 में दूसरे पायदान पर रहते हुए वर्ष 2021 में पहले पायदान पर है। इसी तरह इंडिया स्टेट ऑफ दी फारेस्ट रिपोर्ट के अनुसार राज्य के वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए गए कार्यों की यह एक बड़ी उपलब्धि है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोहा, कोयला, डोलोमाईट जैसे खनिजों से परिपूर्ण है। जिसके कारण राज्य में खनिज आधारित उद्योगों का विस्तार हुआ है। इन उद्योगों की स्थापना से एक ओर जहां क्षेत्र के लोगों की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हुई है, वहीं इसके कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और सॉलिड बेस्ट मेनेजमेंट की चुनौतियां भी मिल रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल इन समस्याओं और चुनौतियों से निपटने में बेहतर प्रबंधन के साथ आगे बढ़कर काम कर रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वातावरण में वायु की गुणवत्ता जांचने के लिए 18 वायु गुणवत्ता स्टेशन स्थापित किए गए हैं। वायु प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित तीन प्रमुख नगर निगमों रायपुर, भिलाई, कोरबा में राष्ट्रीय साफ वायु प्रोग्राम के तहत माइक्रो एक्शन प्लान तैयार किए गए हैं। वायु में सल्फर की मात्रा 37 प्रतिशत तक कम हो गई है। यह 2016 में 26.02 माइक्रोग्राम थी, जो 2020 में घटकर 16.34 माइक्रोग्राम हो गई। इसी प्रकार दैनिक नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड सकेन्द्रण में भी 17 प्रतिशत की कमी आई है। यह 24.11 माइक्रोग्राम से घटकर 19.88 माइक्रोग्राम रह गई है।
इसी तरह राज्य सरकार ने वाटर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत राज्य की 7 प्रमुख नदियों में पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए 27 स्टेशन स्थापित किए हैं। इनमें 5 प्रमुख नदियों खारून, महानदी, हसदेव, केलो और शिवनाथ का पानी पीने योग्य पाया गया है। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए 10 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की लगभग 28.8 मिलियन आबादी में 6 मिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं। शहरी क्षेत्रों से लगभग एक हजार 650 टन ठोस कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है। राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में मिशन क्लीन सिटी प्रोग्राम चलाया जा रहा है। अम्बिकापुर में विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट पृथककरण और रिसायकलिंग मॉडल का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। बलौदाबाजार जिले में भी हानिकारक कचरों के निपटान के लिए अलग से सुविधाएं विकसित की गई है। इसी प्रकार बायोमेडिकल कचरे के निपटान के लिए 4 यूनिट भी प्रस्तावित है। हाल ही में राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ को देश के सर्वश्रेष्ठ स्वच्छतम राज्य के रूप में सम्मानित किया है। छत्तीसगढ़ लगातार तीन सालों से देश में स्वच्छता के मामले में पहले स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य 44 प्रतिशत वनों से अच्छादित है, इससे ग्रीन हाऊस के प्रभावों को भी कम करने में मदद मिल रही है, वहीं सरकार द्वारा इंडस्ट्रीयल एरिया के 30 प्रतिशत क्षेत्र मंी वृक्षारोपण अनिवार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने आज पशुपालकों, ग्रामीणों, गौठानों केे महिला समूहों और गौठान समितियों के खाते में अंतरित की 2.92 करोड़ रूपए की राशि
रबी सीजन में मखाने की खेती को प्रोत्साहित करने का निर्णय: किसानों को दी जाएगी तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण
बीज की उपलब्धता और मखाने की बिक्री में दिया जाएगा सहयोग
किसान दलहनी-तिलहनी फसलें अपनाएं
गौठानों में तेलघानी और दालों को दरने, ग्रेडिंग-पैकेजिंग की व्यवस्था करने के निर्देश
रायपुर /शौर्यपथ/
गोधन न्याय योजना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समितियों को 2 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की। इस राशि में 15 नवम्बर से 30 नवम्बर तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2 करोड़ 44 लाख रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों और महिला समूहों को 48 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है। गोबर विक्रेताओं को आज भुगतान की गई राशि को मिलाकर अब तक गोबर विक्रेताओं को इस योजना के तहत 114 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गोधन न्याय मिशन के संचालन के लिए 50 लाख रूपए की राशि जारी की।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के गौठानों में तैयार किया जा रहा वर्मी कम्पोस्ट डीएपी खाद का अच्छा विकल्प है। किसान अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें, इससे स्वायल हेल्थ में सुधार होगा, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। उन्होने कहा कि आज पूरे देश में रासायनिक खादों की कमी है। भारत सरकार खाद की आपूर्ति किसानों को नहीं कर पा रही है। इससे कृषि प्रभावित होगी। आने वाले समय में भी रासायनिक खाद की आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर किसान अच्छी फसल ले सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में किसान भाईयों और पशुपालकों से अपने पशुओं को खुले में नहीं छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि पशुओं को घरों में या गांव के गौठान में रखें। इससे दूसरी फसल को बचाया जा सकेगा। पैरा न जलाएं, पैरे का उपयोग पशुओं को खिलाने में करें। बघेल ने पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था करने की आवश्यकता बताते हुए गौठानों के चारागाह में चारा लगाने की व्यवस्था करने की अपील भी की।
बघेल ने कहा कि रबी सीजन में मखाने की खेती को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया है। मखाने की बाजार में अच्छी मांग है और इसके भण्डारण में भी समस्या नहीं है। किसानों को मखाने की खेती की जानकारी और प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही उन्हें मखाने के बीज की उपलब्धता से लेकर मखाने की बिक्री तक हर संभव प्रोत्साहन दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसान रबी मौसम में दलहन और तिलहनी फसलें लें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि ऐसे क्षेत्र जहां किसान तिलहनी फसल ले रहे हैं, वहां के गौठानों में तेलघानी की व्यवस्था तथा ऐसे क्षेत्र जहां किसान दलहनी फसल लेते हैं, वहां के गौठानों में दालों को दरने उनकी ग्रेडिंग और पैकेजिंग की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे गौठानों में काम कर रहे महिला स्व-सहायता समूहों को नियमित रोजगार और आय का साधन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने गौठानों में तैयार की जा रही वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय मूल्य परिवहन लागत सहित तय करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय से मिलने वाली राशि तथा लागत की राशि के अंतर की राशि गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में लगभग 14 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाई गई, जिसमें से 9 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया गया। इसमें से ज्यादातर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग हमारे किसानों ने किया है। उन्होंने बताया कि 20 जुलाई 2020 को हरेली से प्रारंभ हुई, गोधन न्याय योजना के अंतर्गत 15 नवम्बर 2021 तक 55.77 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में एक दिसम्बर से शुरू हुई समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में यूं तो त्यौहारों की कमी नहीं है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होते ही धान खरीदी केन्द्रों में उत्सव का माहौल है। किसानों बड़ी संख्या में केन्द्रों में उपस्थित होकर धान बेच रहे हैं, वहीं मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी धान खरीदी केन्द्रों का दौरा कर वहां खरीदी व्यवस्था का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि धान खरीदी के दौरान किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। उन्होंने कहा कि धान खरीदी में केन्द्र द्वारा लगाए जा रहे अडं़गे के बीच इस वर्ष लगभग एक करोड़ 5 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी की उम्मीद है। किसानों को उनके बारदाने की 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए कीमत दी जा रही है। बघेल ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने जो कदम उठाए वे सफल रहे आज पूरे देश में इसकी चर्चा है। गोधन न्याय योजना इसका एक अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10569 गौठानों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 7777 गौठान पूर्ण होकर सक्रिय हो चुके हैं, इनमें से 2029 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। हमारी यह कोशिश होनी चाहिए कि सभी गौठान स्वावलंबी बने।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने इस अवसर पर कहा कि गोधन न्याय योजना से लगभग 2 लाख ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं, जिनमें 88 हजार 127 भूमिहीन हैं। गोबर खरीदी के एवज में अब तक विक्रेताओं को 114 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। अब तक 81 करोड़ रूपए की वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। गौठान समितियों को 19 से 20 करोड़ रूपए का लाभ हुआ है तथा गौठानों में विभिन्न गतिविधियों में संलग्न 9321 महिला स्व-सहायता समूहों की 67 हजार महिलाओं को लगभग 48 करोड़ 20 लाख रूपए की आय हो चुकी है। इन परिणामों से यह स्पष्ट है कि महिलाओं, पशुपालकों, किसानों को आय और रोजगार का नया जरिया उपलब्ध कराने में गोधन न्याय एक लाभप्रद योजना है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने बड़ी रूचि लेकर छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना और तैयार किए जा रहे वर्मी कम्पोस्ट के बारे में विस्तार से जानकारी ली और देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना को अपनाने की सलाह दी है।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की प्रगति की जानकारी दी तथा विशेष सचिव कृषि डॉ. एस. भारतीदासन ने गोधन न्याय मिशन पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और जनसम्पर्क आयुक्त दीपांशु काबरा सहित सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
क्रमांक / 5169 / सोलंकी
छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना का संचालन मिशन मोड में
गोबर संग्राहकों को अधिकतम लाभ पहुंचाने और योजना के व्यवसायिक और वैज्ञानिक क्रियान्वयन हेतु गठित किया गया है ’गोधन न्याय मिशन‘
वैज्ञानिकों और प्रबंधन-विपणन में विशेषज्ञता रखने वाली संस्थाओं की ली जाएंगी सेवाएं
रायपुर /शौर्यपथ/
छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना को मिशन मोड पर संचालन किया जाएगा। इसके लिए राज्य शासन द्वारा ‘गोधन न्याय मिशन‘ का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम में ‘गोधन न्याय मिशन‘ के सुचारू संचालन के लिए 50 लाख रूपए की राशि जारी की।
इस अवसर पर गोधन न्याय मिशन के अध्यक्ष कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार और गोधन न्याय मिशन के उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और जनसम्पर्क आयुक्त दीपांशु काबरा सहित सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि विभाग के विशेष सचिव और गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. एस. भारतीदासन ने गोधन न्याय मिशन पर प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर संग्राहकों को योजना का अधिकतम लाभ पहुंचाने एवं गोबर के लाभदायी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए योजना के व्यवसायिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्रियान्वयन के उद्देश्य से गोधन न्याय मिशन का गठन किया गया है। इस मिशन के संचालन में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन, नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की भागीदारी होगी। गोधन न्याय योजना को मिशन मोड में संचालित करने के लिए वैज्ञानिकों, प्रबंधन एवं विपणन विशेषज्ञता रखने वाली संस्थाओं, एनजीओ, कम्पनियों के कन्सलटेंट आदि की सेवाएं ली जाएंगी।
गोधन न्याय मिशन के माध्यम से वर्मी खाद एवं अन्य जैविक उर्वरक के विक्रय, गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जाएगा। साथ ही गौठानों में स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार उत्पादों की ग्रेडिंग और मानकीकरण की व्यवस्था भी की जाएगी। मिशन के माध्यम से गौठान में छोटी-छोटी उत्पादन इकाईयां स्थापित करने, उन्हें बैंक लिंकेज उपलब्ध कराने, स्व-सहायता समूह के सदस्यों के प्रशिक्षण और उनके कौशल विकास करने में सहायता दी जाएगी तथा गौठानों में तैयार किए जाने वाले उत्पादों के भण्डारण, पैकेजिंग और विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
ज्ञातव्य है कि राज्य में पशुपालन और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020 से गोधन न्याय योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत पशुपालकों एवं किसानों से दो रूपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाती है। इस गोबर से महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत स्थापित गौठानों में जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है। क्रय किए गए गोबर से कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के अतिरिक्त विद्युत उत्पादन तथा अन्य अनेक प्रकार की वस्तुओं का निर्माण किया जा रहा है।
रायपुर /शौर्यपथ/
अपने गरीब किसान पिता को खेत बेचने से रोकने के लिए उनकी मदद के लिए बैलों की जगह खुद हल में जुत जाने वाली दो बेटियों की कहानी प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस परिवार के लिए 04 लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है।
कोंडागांव जिले के उमरगांव के निवासी 22 साल की हेमबती और 18 साल की लखमी की कहानी अखबरों में प्रकाशित हुई थी। उनके पिता श्री अमल साय एक गरीब किसान हैं। मां भी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं। गरीबी की वजह से अमल साय अपनी बेटियों को पढ़ा नहीं पाए। परिवार के भरण-पोषण के लिए जब खेत बेचने की नौबत आ गई, तब बेटियों ने अपने पिता को रोकते हुए कहा आप हमारी जिंदगी बदलने के लिए खेत बेचना चाहते हैं, लेकिन इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। यही खेत हमारी जिंदगी बदलेंगे। हम आपका साथ देंगी। बेटियों की मदद के बाद किसान अमल साय की खेती संभलने लगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने भी परिवार को संबल दिया। उन्हें उपज की अच्छी कीमत मिलने लगी। अब यह परिवार कम संसाधनों के बावजूद पांच एकड़ में खेती करता है, लेकिन इसके लिए बेटियों को अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ अब भी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। अखबारों में यह कहानी प्रकाशित होने के बाद मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कोंडागांव जिला कलेक्टर से परिवार की पूरी जानकारी मंगाई, ताकि उनकी मदद की जा सके। मुख्यमंत्री ने इस परिवार के लिए 04 लाख रुपए की मदद स्वीकृत की है।
रायपुर /शौर्यपथ/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में
गोधन न्याय योजना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समितियों को 2 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की। इस राशि में 15 नवम्बर से 30 नवम्बर तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2 करोड़ 44 लाख रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों और महिला समूहों को 48 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं। इस योजना के तहत अब तक 111 करोड़ 56 लाख रुपए जारी किए जा चुके हैं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह, विशेष सचिव कृषि और गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी डॉ एस भारती दासन और जनसम्पर्क आयुक्त दीपांशु काबरा सहित सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
राज्यपाल ने एसोसिएशन ऑफ मेडिकल बायोकेमिस्ट्स ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सम्मेलन का किया उद्घाटन
रायपुर /शौर्यपथ/
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर में एसोसिएशन ऑफ मेडिकल बायोकेमिस्ट्स ऑफ इंडिया के 28वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बायोकेमेस्ट्री रोगों की पहचान और निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान बायोकेमिस्ट्स एवं एम्स रायपुर की भूमिका की अत्यंत सराहना की। इसका महत्व कोरोना काल में आम जनता को भी समझ में आया। बायोकेमेस्ट्री क्षेत्र में हुए शोधों के जरिए अनेक लाइलाज बीमारियों का उपचार भी संभव हो सका है। अभी कोरोना का नया वेरियंट ओमिक्रॉन की पहचान की गई है। उन्होंने विशेषज्ञों से आग्रह किया कि इसके पहचान और बचाव के उपाय ईजाद करें तथा इस महामारी से देश और प्रदेश को बचाने में मदद करें। इस अवसर पर एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर सहित देश-विदेश से आए प्रतिभागी उपस्थित थे।
राज्यपाल उइके ने इस सम्मेलन के प्रतिभागियों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में आपसी संवाद से बीमारियों के इलाज की नवीनतम तकनीक के बारे में जानकारी मिलेगी और इसका लाभ छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि बायोकेमेस्ट्री के विशेषज्ञों को छत्तीसगढ़ की आनुवांशिक बीमारियों के संबंध में भी शोध कर उसके निदान के उपाय ढूंढने चाहिए।
उन्होंने कहा कि बायोकेमेस्ट्री के महत्व का अंदाजा आम जनता को भी हो रहा है। क्योंकि बायोकेमेस्ट्री के क्षेत्र में अनेक वैज्ञानिकों को नोबल पुरस्कार मिला है, जिसमें ऐरीह वार्शल जो बायोकेमेस्ट्री के पायोनीयर माने जाते हैं, प्रमुख हैं। उन्होंने कम्प्यूटर मॉडलिंग के जरिए अनेक शोध किए और उन्हें दो अन्य वैज्ञानिकों के साथ वर्ष 2013 में नोबल पुरस्कार प्राप्त हुआ। बायोकेमेस्ट्री का उपयोग आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में अनेकों लाइलाज बीमारियों के इलाज में कारगर सिद्ध हुआ है। बायोकेमेस्ट्री में शरीर की कोशिकाओं एवं खून और शरीर से निकलने वाले अन्य द्रव्यों का सूक्ष्म विश्लेषण किया जाता है, जिसका उपयोग चिकित्सकों द्वारा बीमारी की पहचान के लिए और इलाज की मानिटरिंग करने के लिए किया जाता है। इस क्षेत्र में नित नये शोध हो रहे हैं और इसका लाभ आम जनता को भी मिल रहा है।
एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर ने राज्यपाल उइके को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे हमेशा एम्स के चिकित्सकों और कर्मचारियों को प्रोत्साहित करती हैं और सकारात्मक कार्यों में मदद करती है। एम्स के बायोकेमेस्ट्री विभाग सहित अन्य विभाग के चिकित्सकों और कर्मचारियों ने कोविड-19 के पहली एवं दूसरी लहर के दौरान समर्पित होकर अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन किया। आगे भी कोई महामारी या अन्य कोई समस्या आती है तो उस स्थिति में उसका सामने के लिए एम्स पूरी तरह से तैयार हैं। एम्स 2012 में स्थापना के बाद से उपचार, चिकित्सा शिक्षा और शोध के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने बायोकैमेस्ट्री के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए आशा प्रकट की कि कांफ्रेंस के माध्यम से चिकित्सकों को नए विषयों को जानने का मौका मिलेगा। डीन प्रो. एस.पी. धनेरिया ने कांफ्रेंस के विषयों को सामयिक बताते हुए इसे चिकित्सकों के लिए ज्ञानवर्धक बताया।
इससे पूर्व एएमबीआई की सचिव प्रो. जसबिंदर कौर ने एसोसिएशन की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। वर्तमान अध्यक्ष प्रो. अंजू जैन ने निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. नवजोत कौर को एसोसिएशन का दायित्व सौंपा। इस अवसर पर राज्यपाल उइके, प्रो. नागरकर और अन्य अतिथियों ने स्मारिका का विमोचन भी किया। सम्मेलन में प्रो. एली मोहापात्र, डॉ. रचिता नंदा, डॉ. बी. गोविंदराजू, डॉ. जैसी अब्राहम, डॉ. सुपर्वा पटेल, डॉ. सीमा शाह सहित चिकित्सकगण उपस्थित थे। सम्मेलन में देश-विदेश से प्रतिभागी ऑनलाईन माध्यम से भी जुड़े हुए थे।
रायपुर /शौर्यपथ/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियों और देश के लिए उनके अमूल्य योगदान को याद करते हुए बघेल ने कहा है कि मेजर ध्यानचंद का खेल के प्रति समर्पण और देश प्रेम की भावना हम सबके लिए प्रेरणास्पद है। मेजर ध्यानचंद के जादुई खेल से भारत को ओलंपिक खेलों में तीन स्वर्ण पदक हासिल हुए हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा देश के तीसरे सबसे बड़े सिविलियन अवार्ड पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेजर ध्यानचंद अपने हॉकी के प्रति समर्पण, प्रेम और अनुशासन से भारत में हॉकी की पहचान बन गए हैं।
रायपुर /शौर्यपथ/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज उनके नई दिल्ली प्रवास के दौरान सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने सौजन्य मुलाकात की I
कान्हाभैरा व बेंदरची के किसानों ने कहा- भूपेश बघेल सरकार किसान हितैषी सरकार
कवर्धा /शौर्यपथ/
3 नवम्बर 2021। कैबिनेट मंत्री व कवर्धा के विधायक मोहम्मद अकबर के प्रस्ताव पर राज्य शासन ने कबीरधाम जिले में 08 नवीन धान खरीदी केन्द्र प्रारंभ करने की मंजूरी दी है। इनमें कवर्धा विकासखंड के ग्राम कान्हाभैरा एवं बोड़ला विकासखंड के ग्राम बेंदरची भी शामिल है। इन दोनों ग्रामों के किसानों ने कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर के रायपुर स्थित शासकीय निवास पहुंचकर नवीन धान केन्द्र प्रारंभ करने के लिए मंत्री अकबर का आभार जताया। कान्हाभैरा व बेंदरची के किसानों ने ग्राम में नवीन धान खरीदी केन्द्र प्रारंभ करने की मांग कैबिनेट मंत्री व कवर्धा के विधायक मोहम्मद अकबर से की थी। नवीन धान खरीदी केन्द्र मंजूरी मिलने के बाद किसानों की मांग पूरी हो गई है।
खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए नवीन धान खरीदी केन्द्रों को मिलाकर कबीरधाम जिले में कुल धान खरीदी केन्द्रों की संख्या 102 हो गई है। जिले के किसानों में उत्साह का वातावरण बना हुआ है। मंत्री अकबर से मिलने पहुंचे कान्हाभैरा व बेंदरची के किसानों ने बताया कि उनके ग्राम में धान खरीदी केन्द्र की मंजूरी मिलने से उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है वे इसका पूरा श्रेय मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर को देते है। केबिनेट मंत्री अकबर किसानों की बातों को बड़े ही ध्यान से सुनते है, साथ ही कोई समस्या होने पर इसका त्वारित निदान निकालने का प्रयास करते है। किसानों ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार किसानों की हितैषी सरकार है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल स्वयं किसान पुत्र है इसलिए किसानों की हर समस्या को भलिभाति जानते है।
राज्य शासन द्वारा नवीन धान खरीदी केन्द्र की मंजूरी दिए जाने के बाद जिला कलेक्टर, कबीरधाम, रमेश कुमार शर्मा के निर्देश पर नवीन धान खरीदी केन्द्रों के लिए स्थल चयन, कर्मचारियों की डियूटी लगाई गई है। सभी नवीन केंद्रों में धान खरीदी शुरू हो गई है।
कवर्धा /शौर्यपथ/
1 दिसम्बर बुधवार को राज्य शासन के निर्देशानुसार पंजीकृत किसानों का समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य ग्राम नेवारी के उपार्जन केंद्र में प्रारंभ हो गया खरीदी से पहले उपार्जन केंद्र में जिलाकांग्रेस के महामंत्री ,व महात्मा गांधी रोजगार गारंटी सदस्य के मो.कलीम ने मुख्य अतिथि के रूप में पूजा पाठ कर धान खरीदी कार्य का शुभारंभ किया गया या अतिथियों व किसानों ने धन लक्ष्मी की जयकारे के साथ लाये हुए धान को तोलाई कर खरीदी प्रारंभ किया ,
उपार्जन केंद्र में उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुते मुख्य अतिथि मो ,कलीम ने कहा की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में पूरे प्रदेश व कबीरधाम जिले में केबिनेट मंत्री मो अकबर के नेतृत्व में कृषि व सहकारिता के क्षेत्र में कबीरधाम जिला पिछले तीन साल से किसानों के हित में अमूलचुक बदलाव आया है प्रदेश के मुखिया के साथ मिलकर केबिनेट मंत्री मो ,अकबर ने किसानों युवाओं वनवासियों सहित सभी वर्ग के आर्थिक सामाजिक की दिशा में अनेक कार्य किया है ,आज उपार्जन केंद्र का शुभारंभ करते हुए बहुत खुशी महसूस कर रहा हु ,मैं भी किसान हु और किसानों का दर्द मुझे अच्छी तरह अनुभव है ,कड़ी मेहनत व खून पसीना एक कर चाहे बरसते पानी हो ,या कड़कते धूप ,दिन रात एक करके अन्न उपजाता है ,पहले उनकी फसल का सही दाम नही मिलता था इस लिए किसान दुखी थे उन दुख दर्द को हमारी सरकार ,हमारे मंत्री सबने महसूस किया और 2500 क्यूंटल में धान खरीदने का फैसला लिया और न्याय योजना चलाकर किसानों की आय में इजाफा लाया आज किसानों की मुस्कुराते चेहरे से पता चलता है कि किसान बहुत खुश हैं केबिनेट मंत्री मो अकबर ने जिले के किसानों केउनकी समस्याओं के निदान करते हुए उनके लिए लगातार काम कर सुविधाएं बढ़ाने में लगे हैं किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी निहि हो इसके लिए उन्होंने 14 नए खरीदी केंद्र बढ़ाये है ।
सभा को जनपत सदस्य पंचू कोसरिया ,नगर पालिका उपाध्यक्ष जमील खान , नेवारी सरपंच नन्द राम पाटिल ,ने भी सम्बोधित किया मंच संचालन जिलाकांग्रेस के मीडिया प्रभारी दुखहरण सिंह ठाकुर ने किया ,न्याय उन विशेष नैतिक मूल्यों का नाम है जो स्पष्ट रूप से मानव कल्याण के हित में हो। प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के किसानों, युवाओ वनवासियों सहित सभी वर्गों के आर्थिक,सामाजिक जीवन में बदलाव लाने के लिए न्याय से जुड़े अनेक योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा रहा है। प्रदेश सहित कबीरधाम जिले में भी किसानों को उनके आर्थिक और सामाजिक उत्थान की दिशा में हुए अनेक कार्यां देखा और महसूस किया जा सकता है। किसानों के हित और उनके कल्याण के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय कार्यों में शामिल है कृषि और सहकारिता।
कबीरधाम जिले में कृषि और सहकारिता के क्षेत्र में कबीरधाम जिले में पिछले तीन बछर में किसानों के हित और उनके कल्याण क्षेत्र में अमूलचुक बदलाव आया है। राज्य सरकार की गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ पंच लाईन को साकार करते हुए कबीरधाम जिला प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
आगामी एक दिसम्बर से पूरे प्रदेश में एक साथ धान खरीदी की शुरूआत की गई
राज्य शासन ने कबीरधाम जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए आज 2 औऱ नवीन धान खरीदी खोलने की मंजूरी प्रदान की है। नए धान खरीदी केंद्रों में सहसपुर लोहारा विकासखण्ड के गौरमाटी और पंडरिया विकासखण्ड के नवागांव टिकैत शामिल है। इस सीजन में कबीरधाम जिले में कुल 8 नए धान खरीदी केंद्र खुलेंगे। इससे पहले 6 नवीन धान खरीदी केंद्र की मंजूरी मिली थी। राज्य शासन द्वारा जारी पहली सूची में जिले में 6 नवीन धान खरीदी केन्द्र खोले जाने की अनुमति प्रदान थी जिसमें सहसपुर लोहारा विकासखण्ड में गोरखपुर कला, मोतिमपुर, क्षीरबांधा, कवर्धा विकासखण्ड में कान्हाभैरा, जरती, और बोडला विकासखण्ड बेंदरची शामिल है। अब जिले में कुल धान खरीदी केंद्रों की संख्या 102 हो गई है नोडल ,प्रबंधक ,सेल्स मेन सहित सेकड़ो किसान उपस्थित थे ,ग्राम पंचायत नेवारी के सरपंच द्वारा सभी अतिथियों का शाल श्री फल से स्वागत किया सभा को जनपत सदस्य पंचू कोसरिया ,नगर पालिका उपाध्यक्ष जमील खान , नेवारी सरपंच नन्द राम पाटिल ,ने भी सम्बोधित किया मंच संचालन जिलाकांग्रेस के मीडिया प्रभारी दुखहरण सिंह ठाकुर ने