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छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवंबर 2022 में ईडी को पत्र लिखा था कि नान घोटाले पर मीडिया के कब जांच शुरू करेगी 15 दिनों में जांच शुरू नहीं किया गया तो न्यायालय की शरण में जाएंगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह पत्र नवंबर 2022 को लिखा था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चिट्ठी का जांच की दिशा में प्रवर्तन निदेशालय ने वर्तमान तक के कोई सार्थक पहल नहीं की किंतु वही प्रवर्तन निदेशालय द्वारा प्रदेश में 2019 से चल रहे शराब घोटाले में जांच युद्ध स्तर पर शुरू कर दी प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला लगभग ₹2000 करोड़ का होना बताया जा रहा है वही इस मामले में जांच तेजी से चालू है और कई गिरफ्तारी हो चुकी है इन गिरफ्तारियां में प्रमुख गिरफ्तारियां रायपुर महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर टेबल शराब और होटल व्यवसाई पप्पू ढिल्लों , गुरुचरण सिंह होरा जैसे लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी है एवं कई मशहूर हस्तियों पर जांच की तलवार लटकी हुई है साल 2019 के बाद वह ₹2000 करोड़ के घोटाले की जांच में जिस सक्रियता से प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच जारी की है और लगातार कार्रवाई की जा रही है वही प्रदेश में हजारों को रुपया के नाम घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय मौन है.
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि नान घोटाले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का नाम होने के कारण एवं केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने से केंद्र सरकार भारतीय जनता पार्टी के किसी पूर्व मुख्यमंत्री के ऊपर कार्यवाही करने के पक्ष में नहीं है इस तरह की राजनीतिक चर्चाओं से आम जनता के मन में इस तरह के सवाल उठने लगे हैं कि क्या प्रवर्तन निदेशालय का उपयोग राजनीतिक पार्टी अपने मतलब से अपने फायदे के लिए कर रही है वही प्रवर्तन निदेशालय के अस्तित्व पर भी सवाल उठने लगे हैं क्या प्रवर्तन निदेशालय सिर्फ केंद्र सरकार की कठपुतली के रूप में कार्य कर रही है और प्रवर्तन निदेशालय का उपयोग राजनीतिक सत्ता पाने एवं विपक्षियों को परेशान करने के लिए ही किया जा रहा है .
नाल घोटाले का मामला भी प्रवर्तन निदेशालय के पास है और ₹2000 करोड़ के शराब घोटाले का मामला भी प्रवर्तन निदेशालय के पास किंतु नान घोटाले की जांच अभी किसी मुकाम पर नहीं पहुंची वही दो-तीन साल पुराने मामले पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगातार छापेमारी गिरफ्तारियां की जा रही है संबंधित लोगों से लगातार पूछताछ जारी है उनकी संपत्तियों को अटैच किया जा रहा है आम जनता को इस बात की खुशी है कि भ्रष्टाचारियों को सामने लाने का कार्य प्रवर्तन निदेशालय कर रही है किंतु एक पक्षीय कार्रवाई से आम जनता के मन में जांच एजेंसियों के खिलाफ एक विरोधाभास वाली भावना भी जागृत हो रही है वही अब आप जनता यह सब समझने लग गई है कि केंद्र सरकार सत्ता पाने के लिए जांच एजेंसियों का पुरजोर इस्तेमाल कर रही है लोकतंत्र में आम जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार को किसी ना किसी बहाने परेशान करने की प्रथा की ज़बरदस्त शुरुवात हो गयी है और इस प्रथा को केंद्र सरकार द्वारा अपनी जांच एजेंसियों के सहारे भरपूर तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है .
आम जनता में चर्चा का विषय यह भी रहता है कि कल को जब सत्ता परिवर्तन होगा तो यही जांच एजेंसियां आज सत्ताधारी पार्टियों के साथ है उनके विरुद्ध हो जाएंगे और फिर पुराने मामले को खोद कर निकाले जाएंगे इस बदले की राजनीति के चक्कर में आज निष्पक्ष जांच एजेंसियां भी सत्ता की कठपुतली बनते नजर आ रही है ना जाने यह प्रथा कब तक चलेगी और कब तक सत्ता की ताकत के आगे यह जांच एजेंसियां अपने अस्तित्व को खोती रहेंगी .....
वही देखा जाए तो आम जनता खुश है कि सत्ता की ताकत के आगे ही सही भ्रष्टाचार सामने आने लगा और कार्यवाही भी होने लगी ऐसी स्थिति में जनता भी हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन और भर्ष्टाचार उजागर की दिशा में भी विचार करने लगी है हो सकता है कि आज नहीं तो कल ऐसी प्रथा की शुरुवात भी हो जाए और अल्टरनेट सत्ता की कमान अलग अलग राजनितिक दलों के पास रहे ....
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