CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
नई दिल्ली / एजेंसी / जिस पर सारे देश की निगाहें थी उस पर इलाहाबाद कोर्ट ने सुनवाई को एक दिन और बाधा दिया बता दे कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर कल (गुरुवार) तक रोक लगा दी है. कोर्ट कल फिर इस मामले की सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद इंतजामिया अंजुमन कमेटी (मुस्लिम पक्ष) ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने आज (बुधवार को) इस पर सुनवाई की.इसके पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर बुधवार (आज) शाम पांच बजे तक रोक लगा दी थी.इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान एएसआई के एडीशनल डायरेक्टर मौजूद रहे.
इस मामले में हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए वकील विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों को बताया, " एएसआई की ओर से कोर्ट में एक हलफ़नामा पेश किया गया और बताया गया कि वो जितना भी काम करने की बात कर रहे हैं, उसे मौजूदा ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचेगा."
उन्होंने बताया, " इस पर अंजुमन इंतज़ामिया के वकील ने कहा है कि उन्हें ये हलफ़नामा पढ़ने का वक़्त दिया जाए. ऐसे में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कल गुरुवार को दोपहर साढ़े तीन बजे एक बार फिर इस मामले की सुनवाई रखी है. तब तक के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी किया गया अंतरिम आदेश को जारी रखने का आदेश पारित किया है. अब तक सुनवाई होने तक एएसआई का सर्वे नहीं होगा."
वाराणसी की अदालत ने कहा था सर्वे के लिए
बीते शुक्रवार को वाराणसी की अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई से ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने के लिए कहा था.सोमवार की सुबह एएसआई की टीम के क़रीब 30 सदस्य मस्जिद सर्वे करने के लिए पहुंचे थे.इस सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के वकील भी मौजूद थे. इस सर्वे का मुस्लिम पक्ष ने बहिष्कार किया था. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि जब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है, तो उसका इंतज़ार किया जाना चाहिए. सोमवार को सर्वे के दौरान मस्जिद में ईंटों, परिसर को मापा गया. मस्जिद की तस्वीरें, वीडियो भी रिकॉर्ड की गईं. ये सर्वे चल ही रहा था, तभी सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सर्वे पर बुधवार शाम पांच बजे तक रोक लगाई और मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने के लिए कहा.
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.