December 07, 2025
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Mrinendra choubey

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राजनांदगांव। शौर्यपथ / जिले की सक्रिय राजनीति में अपने दबंग व्यक्तित्व के जरिए जाने जाने वाली हिमानी वासनिक को बिलासपुर की सह-प्रभारी बनाया गया है। उनकी नियुक्ति से जिले के कांग्रेसियों में हर्ष का माहौल है। खासकर युवा वर्ग के कांग्रेस कार्यकर्ता और छात्रों में काफी हर्ष का माहौल है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. श्रीनिवास की सहमति से छत्तीसगढ़ प्रभारी संतोष कुमार कोलकुंडा एवं सह प्रभारी सुश्री एकता ठाकुर के निर्देश एवं सहमति से छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष पूर्णचंद्र कोको पाढ़ी के द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस सचिव हिमानी वासनिक को छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के संस्कृति विभाग प्रभारी और बिलासपुर जिला युवा कांग्रेस सह.प्रभारी नियुक्त किया गया है। जिला महिला कांग्रेस की प्रवक्ता रही हिमानी वासनिक लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय है। जिले की राजनीति में हिमानी कांग्रेस की हर कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते आ रही है। हिमानी की सफलता को देखते हुए प्रदेश युवा कांग्रेस कमेटी ने उन्हें बिलासपुर सहप्रभारी पद पर नियुक्त किया है, उनकी नियुक्ति होने से कांग्रेस और ज्यादा मजबूत होगी।

राजनांदगांव।शौर्यपथ / ग्राम डिलापहरी में 26 व 27 जून को दो दिवसीय वैक्सीनेशन शिविर संपन्न हुआ। डिलापहरी के पंचायत सचिव ने बताया कि पहला दिन 26 जून को 18 प्लस वाले लोगों को वैक्सीन लगाया गया। जिसमें 180 लोगों को पहला डोज लगाया गया। इसी प्रकार दूसरे दिन 27 जून को 45 प्लस वाले लोगों को वैक्सीन का डोज लगाया गया। जिसमें 40 लोगों को पहला डोज दिया गया। ग्रामीणों ने वैक्सीन लगाने को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला और उक्त शिविर में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । उक्त जानकारी घनश्याम पाटल ने दी है।

राजनांदगांव। शौर्यपथ /संगीत के क्षेत्र में एक अलग पहचान बना रहीं गायिका अरुणा चावड़ा एक बार फिर एक भक्ति गीत महामाया देवी आरती के रिलीज के लिए तैयार है। उनका नया गीत 29 जून को यूट्यूब चैनल और अन्य सभी डिजिटल ऑडियो प्लेटफॉर्म जैसे जिओ सावन, विंक म्‍यूकजि़क, आई ट्यून्स पर रिलीज किया जाएगा। इस गीत को लक्ष्मण धारी मिश्रा ने लिखा है। स्क्रिप्ट लिरिक्स गीतकार आशुतोष झा के हैं और कंपोज अरुणा चावड़ा द्वारा किया गया है। गायिका अरुणा चावड़ा बताती हैं कि उनके आवाज से प्रभावित होकर अश्रु आनंद के द्वारा उन्हें काफी सारे गाने का प्रोजेक्ट बॉलीवुड इंडस्ट्री में मिला। अरुणा चावड़ा का इससे पहले होली गाना "गाओ फाग रे हाई" फ्लो रिकॉर्ड से रिलीज किया गया जो फैंस को काफी पसंद आया है।अरुणा चावड़ा छत्तीसगढ़ की उभरती गायिका और म्यूजिक कंपोजर में से एक हैं। उनके दो और गाने ज़ी म्यूजिक कंपनी और छत्तीसगढ़ी फिल्म में रिलीज होने को तैयार है। अरुणा चावड़ा का जन्म अंबिकापुर में ओमप्रकाश मिश्रा के घर हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अंबिकापुर से की। बचपन से संगीत में लगाव के कारण वे अपनी संगीत की उच्च शिक्षा के लिए इंदिरा गांधी कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ आ गई। इस संगीत विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए क्लासिक, एमए पॉप म्यूजिक, इन लाइट म्यूजिक आदि कई प्रकार के उच्च शिक्षा ग्रहण की उसके बाद अरुणा चावड़ा का संगीत का सफर शुरू हुआ और पुरस्कारों का सफर की शुरुआत हुई। विवाह उपरांत इस गतिविधि में उनके पति अमित चावड़ा का भी विशेष योगदान रहा है। जिसकी बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंची है। गायकी के क्षेत्र में उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। --------------

राजनांदगांव।शौर्यपथ / भूपेश बघेल सरकार की गोबर खरीदी योजना को आड़े हाथ लेते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) की युवा इकाई ने इस पूरी योजना की कड़ी निंदा की है। योजना को लेकर कई सवाल भी उठाए गए हैं। युवा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के जिला अध्यक्ष दीपक सोनी ने कहा है कि, यह योजना ही समझ से परे है। जनता भी समझ नहीं पा रही है कि गोबर खरीदी की आड़ में आखिर चल क्या रहा है। दो रुपये प्रति किलो में गोबर खरीदकर किसानों को उसे ही 10 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाना आखिर किस तरह की राजनीति है। किसानों के लिए 300 रुपये तक की गोबर खरीदी को अनिवार्य करने के पीछे आखिर क्या गणित है। गोबर के बहाने किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है कि, वे कम से कम तीन सौ रुपये कीमत का गोबर खरीदेंगे, तभी उन्हें अन्य खाद बीज मिलेगा, जो सरासर अन्याय हैं। इसीलिए युवा जकांछ इस योजना का तीखा विरोध कर रही है। श्री सोनी का सवाल है कि, खुद को किसान हितैषी बताने वाली राज्य की भूपेश सरकार किसानों के असली हित के बारे में आखिर कब सोचेगी। ---------------

राजनांदगांव।शौर्यपथ / साइकोलॉजिकल फोरम छत्तीसगढ़ एवं शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार के पहले दिन कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का संचालन फोरम के सचिव डॉ. जय सिंह एवं अध्यक्षीय उद्बोधन अध्यक्ष डॉ. बसंत सोनबेर ने प्रस्तुत किया, जिसमें फोरम द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख भी किया गया। शासकीय कमला देवी राठी महिला महाविद्यालय राजनांदगांव की प्राचार्य डॉ. सुमन सिंह बघेल ने स्वागत उद्बोधन कर सभी सम्माननीय अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. बंश गोपाल सिंह, कुलपतिए पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ी ने बताया कि तनाव के बिना कोई भी व्यक्ति रह नहीं सकता, क्योंकि यही वह प्रतिक्रिया होती है, जो हमें काम करने के लिए प्रेरित करती है, लेकिन इसे सही या गलत, किस तरह से उपयोग करना है यह हम पर निर्भर है। दुनिया में तनाव तो रहेगा ही, लेकिन उस तनाव के साथ आप कैसे जीते हैं या उसके अनुरुप अपने व्यवहार को कैसे समायोजित कर लेते हैं यही हमें सीखना है। उन्होंने यह भी बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के चुनौतियां का स्वरुप बदल गया है। अत्याधुनिक जीवन शैली हमें बहुत ज्यादा तनाव ग्रस्त करती है, जिसकी वजह से हमारा मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है, हालांकि अलग-अलग आर्थिक वर्ग की अलग-अलग समस्याएं है जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। प्रोफेसर सिंह ने फोरम के सदस्यों के कार्यों की सराहना करते हुए बधाई दी कि वे मनोविज्ञान विषय की उपयोगिता को जन सामान्य तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। डी.डी.यू. गोरखपुर यूनिवर्सिटी, गोरखपुरए उत्तर प्रदेश की विभाग अध्यक्ष एवं कार्यक्रम की की-नोट स्पीकर प्रो. अनुभूति दुबे ने बताया कि हर प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अर्थ पागलपन ही है, इस मिथक को बदलने के लिए मानसिक स्वास्थ्य की चर्चा जन सामान्य तक पहुंचाना जरूरी है, जिसके लिए ऐसे जागरुकता के कार्यक्रम लगातार होने चाहिए। उन्होंने बताया कि जैसे स्वच्छ भारत अभियान प्रारंभ होने पर हर घर में साफ सफाई, सुरक्षा की बातें होने लगी, उसी तरह ऐसे बहुत से आयोजन और अभियान के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर लोगों का ध्यान जाने लगेगा और वह मनोचिकित्सक एवं परामर्शदाता तक बिना किसी संकोच के पहुंच पाएंगे। मानसिक स्वास्थ्य से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों के लिए हर संस्थानों में, चाहे वह सरकारी अथवा गैर सरकारी हो, एक मनोचिकित्सक एवं परामर्शदाता की आवश्यकता पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। दुर्ग विश्व विद्यालय की कुलपति प्रो. अरुणा पलटा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के बिना शारीरिक स्वास्थ्य का कोई महत्व नहीं हैं। मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य मिलकर ही सामाजिक स्वास्थ्य का आनंद लेने देते हैं, इसलिए शारीरिक की तरह मानसिक स्वास्थ्य पर भी उतना ही अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के भूतपूर्व प्रो. आरएन सिंह ने बताया कि लिटरेसी का मेंटल हेल्थ में बहुत अधिक महत्व है, जिस जगह शिक्षा कम है, वहां मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी बहुत अधिक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जैसे सर दर्द हो तो हम चिकित्सक के पास जाते हैं, ठीक वैसे ही तनाव और चिंता होने पर हमें परामर्शदाता एवं मनोचिकित्सक के पास जाने में झिझकना नहीं चाहिए। कोविड-19 के दौरान जो बात आपको खुशी दे, वहीं करना चाहिए क्योंकि उसी से आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है, के बारे में भी बताया। देवेंद्र नगर महिला महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं परामर्शदाता डॉ. जेसी अजवानी ने बताया कि कोरोना काल में 300 प्रतिशत ज्यादा घरेलू हिंसा बढ़ी है, लेकिन यह केवल उन्हीं परिवारों में हैं जहां आपसी प्रेम और तारतम्यता की कमी थी। ऐसे बहुत से परिवार है जिन्होंने इस समय का सदुपयोग किया और अपने आपसी संबंधों को बहुत मधुर बनाया। शिकागो यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे समय बीतता है, वैसे-वैसे हमारे व्यवहार में किसी नई समस्या, बीमारी या परिस्थिति के लिए एक्सपटेंस आना शुरू हो जाती है। कोविड-19 के लगभग डेढ़ साल होने में हम इसी स्थिति में पहुंच रहे हैं, लेकिन इसके साथ में रिस्क टेकिंग बिहेवियर भी आता है तो हमें इस बीमारी से सतर्कता के साथ निपटना है ना कि लापरवाही के साथ खुद को और दूसरों को परेशान करना है। दुधाधारी बजरंग शासकीय कन्या महाविद्यालय रायपुर के मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. उषा किरण अग्रवाल ने बताया कि अगर हम अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखेंगे तो आगामी वर्षों में हम पोस्ट कोविड इफेक्ट डिसऑर्डर नाम की बीमारी के बारे में भी बहुत आसानी से सुन पाएंगे। हमारे अंदर धीरे-धीरे भाव शून्यता आ रही हैं इससे बचने के लिए हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना बहुत आवश्यक है। साथ ही छोटे बच्चे जिनके माता पिता की इस महामारी के दौरान मृत्यु हुई है, वो बच्चे जिनकी स्कूल जाने की आयु बढ़ रही है, इन सभी के मानसिक स्वास्थ्य जैसे बहुत से संवेदनशील मुद्दों पर उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया। देर शाम तक देश के विभिन्न कौन से आए स्कॉलर अपने शोध पत्र के माध्यम से विचार व्यक्त करते रहे। ----------------

राजनांदगांव।शौर्यपथ / जिले में मलेरिया, डेंगू व डायरिया नियंत्रण तथा इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मचारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के प्रशिक्षण हेतु बैठक आयोजित कर तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की गई है। मलेरिया, डेंगू व डायरिया के मद्देनजर संवेदनशील क्षेत्रों के लिए विशेष एहतियात बरती जा रही है। जिले के लोगों को मलेरिया से बचाने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाने, जन-जागरूकता के लिए रैली, नाटक का आयोजन करने तथा बैनर-पोस्टर व नारा लेखन करने के निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिला सलाहकार विकास राठौर ने बताया, मलेरिया, डेंगू व डायरिया पर नियंत्रण और इससे बचाव के लिए जिला स्तर पर 371 सर्वे दल का गठन किया गया है, जिनके द्वारा गृह भेंटकर मास स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके साथ ही जिले के सभी विकासखंडों के स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयारी कर ली है। गुजरे एक-दो साल में जिस क्षेत्र में मलेरिया के मामले मिले हैं, उन स्थानों की सूची बनाई जा रही है। इसके लिए मितानिन के सहयोग से जनभागीदारी के साथ कार्य किया जा रहा है। इसके बाद मलेरिया, डेंगू व डायरिया से बचाव हेतु हरसंभव उपाय शुरू किए जाएंगे। मलेरिया नियंत्रण अभियान के दौरान लोगों को घर में रखे गमले की ट्रे, कूलर, फ्रिज तथा पानी की टंकी को खाली कर सुखाने के बाद उपयोग करने के बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि मच्छर के अंडे, लार्वा को नष्ट किया जा सके। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए पुराने टायर, मटके, कबाड़ आदि में बरसात का पानी एकत्र न होने देने तथा घर के बाहर छोटे गड्ढों में मिट्टी का भराव करने हेतु लोगों को प्रेरित किया जाएगा, जिससे मच्छरों के प्रजनन को न्यून किया जा सके। उन्होंने बताया, नियमित रूप से साफ सफाई के साथ ही मच्छररोधी दवाई का छिड़काव करने पर भी लगातार जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान अंतर्गत चिन्हित विकासखंडों के अति संवेदनशील गांवों में मलेरिया व अन्य कीटनाशक बीमारियों से बचाव हेतु मच्छरदानी का वितरण किया जा रहा है। साथ ही जनसमुदाय को मच्छरदानी का उपयोग करने, फुल बाजू के कपड़े पहनने व घर के आसपास सफाई रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी तरह विकासखंड के ग्राम स्तर पर एक जुलाई से मास स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके अंतर्गत सर्वे दल के द्वारा 2 मलेरिया वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई) से अधिक के 199 संवेदनशील गांवों तथा पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के सीमा क्षेत्र के सभी गांवों, सीआरपीएफ, आईटीबीपी कैम्प, पुलिस चौकी एवं अन्य स्थानों पर मास स्क्रीनिंग की जाएगी। जनसमुदाय की शत-प्रतिशत रक्त जांच की जाएगी और मलेरिया सकरात्मक प्रकरण पाए जाने पर उन्हें संपूर्ण उपचार प्रदान किया जाएगा। लोगों को मलेरिया से रोकथाम की संपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी।

राजनांदगांव।शौर्यपथ / प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत के प्रथम नगर आगमन पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पदम कोठारी के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्यों द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया ।स्वागत कार्यक्रम में सदस्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अलाली राम यादव, उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी रमेश जैन, जिला कांग्रेस महामंत्री चुम्मन साहू, जिला कांग्रेस प्रवक्ता राहुल तिवारी, छुरिया ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रितेश जैन, सचिव जिला कांग्रेस कमेटी राम साहू, उपाध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कमलेश यादव, महामंत्री ब्लॉक कांग्रेस कमेटी संजीव गुप्ता, सोनू खान, विजय साहू एवं भावेश सिन्हा, सचिव ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अमित अग्रवाल, युवा कांग्रेस नेता मोहसिन खान, हेमंत भास्कर सहित खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।



० मौके पर पुलिस बल व प्रशासन रहा मौजूद
राजनांदगांव। छुरिया ब्लॉक में मुख्य ग्राम गैंदाटोला में स्थित विद्युत विभाग सब स्टेशन का घेराव कर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अजीत जोगी जनता कांग्रेस ने अपनी विभिन्न मांगों के साथ धरना प्रदर्शन किया और विद्युत विभाग की बदहाल व्यवस्थता से परिचय कराया, जिसको लेकर प्रदेश कोर कमेटी सदस्य अजीत जोगी युवा मोर्चा के नवीन अग्रवाल सहित लगभग 50 की संख्या में धरना प्रदर्शन में बैठे पदाधिकारियो ने बिजली विभाग को जमकर कोसते हुए कहा कि विभाग ग्रामीणों के घर में बेहिसाब बिल भेजता है, लेकिन जहां विद्युत की बात होती है, तो क्षेत्रीय ग्रामों के घर अंधेरा पसरा रहता है। वर्तमान कई ग्रामों में बिजली कटौती होने की जानकारी से अवगत कराया। मुख्य रूप से बेलरगोंदी एवं कोलियरी में बिजली कटौती की समस्या बनी हुई है, जबकि आज किसानों को पानी की आवश्यकता है, क्योंकि किसानों को रोपा एवं परहा का कार्य करना है। साथ ही कोरोना काल के चलते छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही है और आये दिन बिजली कटौती से उनको पढ़ाई में दिक्कत आ रही है। अगर विद्युत विभाग वर्तमान सुधार कार्य की ओर अग्रसर नहीं होता है तो हम करंट छुवाएंगे, उन्हें सक्रिय होने के लिए ये आंदोलन एक सांकेतिक प्रदर्शन है। अजीत जोगी युवा मोर्चा आम जनता के हित में अंगारो में भी चलने को तैयार है, हम उग्र प्रदर्शन को भी तैयार है। आंदोलन में अजीत जोगी युवा मोर्चा के प्रदेश कोर कमेटी सदस्य नवीन अग्रवाल सहित जिलाध्यक्ष अमर गोस्वामी एवं जिला उपाध्यक्ष विनोद पुराम, टिंकू देवांगन, शहर अध्यक्ष शुभम, यावर्त, जिला महासचिव नंदू कोहके सहित स्थानीय प्रतिनिधि पंकज कुमार परतेती, एवं कुंजाम, देवानंद पटेल, जीतू साहू, मनोहर मंडावी, बालमुकुंद चंद्रवंशी, कामता कोर्राम, भगवान दास, जगत मंडावी, ईश्वर मरकाम एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।

0 धरना प्रदर्शन को लेकर प्रशासन एवं पुलिस बल रहा मौजूद


अजीत जोगी युवा मोर्चा के धरना प्रदर्शन को लेकर तहसीलदार शिव कंवर, बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे एवं पुलिस बल बड़ी संख्या में सब विद्युत स्टेशन के सामने नजर आया। 


0 मांगों पर अतिशीघ्र हो अमल नहीं तो उग्र होगा आंदोलन


धरना-प्रदर्शन को लेकर अजीत जोगी युवा मोर्चा ने कनिष्ठ अभियंता को अपनी विभिन्न मांगों के अनुरूप ज्ञापन सौंपा और कहा कि जल्द अमल हो नहीं तो जनता जनार्दन के साथ विरोध में सड़कों पर आएंगे।
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राजनांदगांव।शौर्यपथ / नशे के आदी हो चुके लोगों का नशा छुड़वाकर उन्हें शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक तथा मानसिक नुकसान से बचाने हेतु अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर इस साल भी जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस संबंध में जिले के सभी बीईओ को पत्र जारी किया गया है। पत्र में बताया गया है कि, नशा निवारण दिवस के अवसर पर नशामुक्ति के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा तथा पीड़ित के अभिभावक से मुलाकात उन्हें नशा के दुष्परिणाम के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा। प्रतिवर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस मनाया जाता है, जिसका प्रमुख उद्देश्य पीड़ित को नशे से होने वाले शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक और मानसिक नुकसान से बचाना है। उनका नशा छुड़वाकर उन्हें सही उपचार दिलवाना है। विश्व से नशे को समाप्त करने हेतु साल 1987 से लेकर अब तक हर साल सरकार के द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। जगह-जगह नशामुक्ति केंद्र खोले गए हैं, जहां नशे के आदी हो चुके लोगों का उपचार किया जाता है और उन्हें नशे से मुक्ति दिलाई जाती है। इसके अलावा बहुत-सी ऐसी स्वयंसेवी संस्थाएं भी हैं, जो लोगों को नशा छोड़ने के लिए जागरूक कर रहीं हैं। इसी कड़ी में इस साल भी 26 जून को जिले में कोरोना प्रोटोकाल के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस को लेकर सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों में यह कहा है किए समाज में नशामुक्ति के पक्ष में सकारात्मक वातावरण निर्मित करने के उद्देश्य से 26 जून को नशामुक्ति निवारण दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय प्रशासन विभाग से समन्वय के साथ नशामुक्ति के खिलाफ व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। पीड़ित के परिजन को नशा के दुष्परिणाम की जानकारी जाएगी। नशामुक्ति के खिलाफ प्रचार-प्रसार हेतु पंपलेट वितरित किए जाएंगे तथा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रेरक स्लोगन व चित्रों को भी माध्यम बनाया जाएगा। इसके अलावा नशा व एड्स प्रभावित क्षेत्रों में वृहद पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. मिथलेश चौधरी ने बताया, अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर लोगों को नशीले पदार्थों के निवारण हेतु जागरूक किया जाता है, ताकि नशीले पदार्थों के सेवन से लोगों को रोका जा सके और एक अच्छे व स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। इस अवसर पर जिले में इस साल भी विभिन्न प्रेरक कार्यक्रम किए जाएंगे। संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से ग्रामीण अंचल में भी व्यापक जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। बच्चों को नशे से बचाए रखने में सबसे मुख्य भूमिका अभिभावकों की ही होती है। यदि अपने बच्चों की दिनचर्या की छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना बंद कर देते हैं तो बच्चे जाने-अनजाने में नशे जैसी गलत आदतों की तरफ आकर्षित हो जाते हैं। नशे की लत से आज हमारी युवा पीढ़ी ही सबसे ज्यादा ग्रस्त है। छोटे-छोटे बच्चे भी कई भयानक नशे का शिकार हो रहे हैं। जबकि यदि युवा नशा छोड़ अपने लक्ष्य की ओर ध्यान दें तो देश आर्थिक व सामाजिक रूप से और भी ज्यादा सक्षम हो जाएगा और लोगों को यहां रोजगार के बदले अच्छा वेतन भी मिलेगा जिससे हमें दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। --------------

 

0 24 जून को टीकाकरण महोत्सव

राजनांदगांव।शौर्यपथ / कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कोरोना से बचाव के लिए राजनांदगांव जिले में टीकाकरण को लेकर अभूतपूर्व उत्साह है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग कतार लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इस उत्सवी माहौल को आगे बढ़ाते हुए कल 24 जून 2021 को जिले में टीकाकरण महोत्सव मनाया जाना है। कल का दिन 'सुरक्षित टीका-सुरक्षित परिवार' जनआंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होगा। कोरोना के खिलाफ चल रही इस जंग में शामिल होकर पूरे राजनांदगांव जिले को सुरक्षा-कवच पहनाएं। स्वयं भी टीका लगवाएं एवं दूसरों को भी प्रेरित करें। शीघ्र ही राजनांदगांव जिला कोरोना से पूर्णत: सुरक्षित जिला बनेगा।

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