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राजनांदगांव।शौर्यपथ / जनसंख्या स्थिरीकरण माह तथा विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा शुरू किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत में पहले दिन जनसंख्या स्थिरीकरण पर जोर देते हुए वर्चुअल मीटिंग की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा हितग्राही शामिल हुए। बैठक में परिवार नियोजन पर आधारित विभिन्न आवश्यक जानकारी देते हुए परिवार नियोजन के बेहतर उपाय बताए गए।
जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा जिले में 24 जुलाई तक मनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यालय में आयोजित की गई वर्चुअल मीटिंग में सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारी प्रमुखता से शामिल हुए। इस दौरान जिले के सभी विकासखंड व शहरी क्षेत्र के चिन्हित योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से जोड़ने पर जोर दिया गया। साथ ही परिवार नियोजन के साधन जैसे-महिला नसबंदी, पुरूष नसबंदी, आईयूसीडी, निरोध, माला-एन, छाया एवं अंतरा इंजेक्शन के संदर्भ में हितग्राहियों से भी विस्तृत चर्चा की गई। उन्हें उपयुक्त साधन की जानकारी व इसके उपयोग करने की सलाह दी गई।
वर्चुअल मीटिंग में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने हितग्राहियों से आग्रह किया कि, अपनी जान-पहचान के लोगों से भी परिवार नियोजन के साधन अपनाने हेतु चर्चा करें एवं अपना अनुभव साझा करें। उन्होंने कहा, परिवार नियोजन का अर्थ छोटा परिवार और बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर से है। कई मामले में गर्भधारण, प्रसव तथा असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण महिलाएं असहज खतरे की शिकार हो जाती हैं, जबकि प्रसव के दौरान महिलाओं पर हावी होने वाली असहज स्थिति को परिवार नियोजन द्वारा काफी हद तक रोका जा सकता है।
इसी तरह नवविवाहिता को भी प्रसव के दौरान जोखिम उठाना पड़ता है, क्योंकि उनका शरीर पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ रहता है। वहीं नवजात को भी जन्म से 1 वर्ष तक अनहोनी की आशंका रहती है। इन्हीं विषयों पर लोगों को जागरुक करने, परिवार नियोजन के प्रति प्रेरित करने तथा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा हैश्। वर्चुअल बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरीए जिला कार्यक्रम प्रबंधक गिरीश कुर्रे, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक अनामिका विश्वास, जिला सलाहकार डॉ. स्नेहा जैन व जिला एमईआईओ रईशा बेगम खान समेत अन्य शामिल थे।
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खुशहाल है हमारा परिवार
औंधी निवासी लक्ष्मण पोयाम और अमृता पोयाम (बदला हुआ नाम) पति-पत्नी हैं। इनका विवाह साल 2010 में हुआ है। वे दो बच्चों के माता-पिता हैं। दोनों बच्चों में लगभग तीन साल का अंतर है और यह परिवार अब काफी खुशहाल है। प्रेरित करने वाली बात यह है कि, एक जिम्मेदार पति होने का फर्ज निभाते हुए लक्ष्मण ने अपनी नसबंदी कराई है। लक्ष्मण ने बताया, एक बच्चा होने के बाद से ही वह परिवार नियोजन का साधन अपनाने लगे थे। दूसरा बच्चा होने के बाद नसबंदी कराने के लिए अमृता भी तैयार थी, लेकिन आपसी सामंजस्य के बाद मैंने ही नसबंदी कराने का निर्णय लिया। लक्ष्मण का कहना है, परिवार नियोजन हर दृष्टिकोण से बेहतर है। अच्छी सेहत और आर्थिक स्थिति, दोनों में लाभदायक है।
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हम हुए समझदार, अब आपकी बारी...
करेली निवासी रामदयाल निषाद और निर्मला निषाद (बदला हुआ नाम) की शादी को लगभग चार वर्ष हो गए हैं। दोनों की एक बेटी है, जो लगभग तीन वर्ष की है। रामदयाल ने बताया, बेटी के जन्म के बाद वह परिवार नियोजन के पक्षधर हो गए हैं और परिवार नियोजन का साधन अपना रहे हैं। वहीं पत्नी निर्मला भी काफी सुलझी हुई और समझदार है। दूसरे बच्चे के बारे में उन्होंने अभी कुछ तय नहीं किया गया है और वर्तमान में उनका दांपत्य जीवन सुखमय है। उनका कहना है, परिवार नियोजन की दिशा में प्रत्येक योग्य दंपतियों को स्वयं से सामने आना चाहिए, ताकि औरौं को भी इससे प्रेरणा मिलेश्।
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0गैदाटोला थाना प्रभारी अमृत लाल साहू ने जनसमस्याओं का शिविर लगाकर निराकरण किया।।
राजनांदगांव l शौर्यपथ/ कम्युनिटी पुलिसिंग के अंतर्गत थाना गैंदाटोला क्षेत्र के नक्सल प्रभावित ग्राम केशोखैरी में कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए ग्राम के पंच, सरपंच ,पटेल एवं ग्राम वासियों की उपस्थिति में ग्राम के नव युवकों को खेल सामग्री वितरण किया गया, एवं उपस्थित ग्राम वासियों को जन चौपाल के माध्यम से अन्य कोई जन शिकायत इत्यादि के संबंध में चर्चा कर ,ग्राम वासियों को covid-19 टीकाकरण कराने हेतु अपील की गई।
राजनांदगांव। शौर्यपथ / किसानों की काश्तकारी समय को देखते हुए किसानों की धान बुवाई का काम तेजी से हो रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की विफलता का पहचान किसानों को समय पर खाद बीज उपलब्ध नहीं कराना नहीं किसानों की दुख दर्द पीड़ा को समझना जिस किसानों की बदौलत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सरकार काबिज हुए हैं, किंतु सत्ता में आने के बाद इरादे और वादे दोनों भूलकर किसानों को रुलाने में लगे हैं, जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 08 के जिला पंचायत सदस्य व संचार सकर्म विभाग के सभापति तथा आबकारी विभाग समिति के सलाहकार अशोक देवांगन ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए बताया कि किसानों की धान बुवाई का काम तेजी से हो रहे हैं, इसके बाद भी कृषि विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को समय पर खाद बीज उपलब्ध कराने में पसीना छूट रहे हैं, किसान खाद बीज के लिए सोसायटीओं के चक्कर काट रहे हैं, सोसायटी में समिति प्रबंधक किसानों को खाद बीज कब मिल पाएगा जवाब नहीं दे पा रहे हैं, ऐसे हालातों में किसान अपने मजबूरी बस महंगे दाम पर बाहर से खाद व बीज खरीद कर अपने कार्य कार्य कर रहे हैं। श्री देवागन ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार व कृषि विभाग जानबूझकर किसानों को ब्लैक में खाद बीज लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं, क्योंकि विभाग पूरी सेटिंग में प्राइवेट दुकानदार कृषि केंद्र को सपोर्ट कर रहे हैं, कृषि विभाग को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने यह भी बताया कि कृषि विभाग की लापरवाही के कारण राजनांदगांव शहर सहित पूरे जिले में प्राइवेट कृषि खाद बीज उपकरण को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके कारण किसान भाइयों अधिक दाम पर कृषि कार्य खाद व बीज उपकरण ले रहे हैं, इसके लिए पूर्ण रूप से छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कृषि विभाग भी जिम्मेदार हैं, कृषि विभाग को ध्यान आकर्षित करते हुए कहा राजनांदगांव शहर सहित पूरे जिले में खाद बीज का अवैध भंडारण को छापा मारकर कार्यवाही करें ताकि सही दाम पर किसानों को खाद व बीज अन्य उपकरण वस्तु इस समय पर उचित दाम पर उपलब्ध हो। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इस ओर ध्यान देते हुए समय पर खाद वह बीज उपलब्ध कराएं जिससे जिले के किसानों कृषि कार्य करने में सुविधा हो।
राजनांदगांव।शौर्यपथ / सेवाभावी संस्था इंडियन रोटी बैंक लगातार अपनी सेवा भावना से जरूरतमंद लोगों की सेवा में जुटा हुआ है। भूखा न सोए कोई अपना इस उक्ति को चरितार्थ करते हुए सेवाभावी संस्था गरीब और जरूरतमंदों के लिए सहारा बनी हुई है। इंडियन रोटी बैंक लगातार अपनी गतिविधियों की वजह से बहुत ही कम समय मे नगर में अपनी एक पहचान बनाने में सफल हुई है और नित नए आयाम स्थापित करती जा रही है। कोरोना की भीषण आपदा में जब लोगों के पास खाने को भोजन नहीं था, तब भी इंडियन रोटी बैंक ने पहल करते हुए आगे बढ़कर जरूरतमंदों का सहारा बनी, और आज भी इनका यह सेवाभाव निरंतर जारी है। इस बार इंडियन रोटी बैंक ने एक और पहल करते हुए शीतला मंदिर, प्यारे लाल चौक हनुमान मंदिर, नया बस स्टैंड व फ्लाई ओवर के नीचे बैठे जरूरतमंद व भूखे वृद्धजनों को पुलाव का वितरण कर मानवता की एक नई मिशाल पेश की। उक्त कार्यक्रम में जिला कोडिनेटर भावना तिवारी (टेरो कार्ड रीडर व रेकी मास्टर हिलर), कमलेश तिवारी (मेल जिला कोडिनेटर), अक्षय, आकाश, पूजा, खुशी, अनूप श्रीवास विश्व हिंदू परिषद नगर अध्यक्ष, मुदित चितलंगया, ओजस्विनी, विकास शर्मा एवं उनकी टीम का कार्य बहुत ही सराहनीय रहा। रोटी बैंक सेवाभाव संस्था के उक्त प्रयासों की चहुंओर चर्चा रही और लोगों ने इसे खूब सराहा। --------------------
राजनांदगांव। शौर्यपथ / जिले की सक्रिय राजनीति में अपने दबंग व्यक्तित्व के जरिए जाने जाने वाली हिमानी वासनिक को बिलासपुर की सह-प्रभारी बनाया गया है। उनकी नियुक्ति से जिले के कांग्रेसियों में हर्ष का माहौल है। खासकर युवा वर्ग के कांग्रेस कार्यकर्ता और छात्रों में काफी हर्ष का माहौल है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. श्रीनिवास की सहमति से छत्तीसगढ़ प्रभारी संतोष कुमार कोलकुंडा एवं सह प्रभारी सुश्री एकता ठाकुर के निर्देश एवं सहमति से छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष पूर्णचंद्र कोको पाढ़ी के द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस सचिव हिमानी वासनिक को छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के संस्कृति विभाग प्रभारी और बिलासपुर जिला युवा कांग्रेस सह.प्रभारी नियुक्त किया गया है। जिला महिला कांग्रेस की प्रवक्ता रही हिमानी वासनिक लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय है। जिले की राजनीति में हिमानी कांग्रेस की हर कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते आ रही है। हिमानी की सफलता को देखते हुए प्रदेश युवा कांग्रेस कमेटी ने उन्हें बिलासपुर सहप्रभारी पद पर नियुक्त किया है, उनकी नियुक्ति होने से कांग्रेस और ज्यादा मजबूत होगी।
राजनांदगांव।शौर्यपथ / ग्राम डिलापहरी में 26 व 27 जून को दो दिवसीय वैक्सीनेशन शिविर संपन्न हुआ। डिलापहरी के पंचायत सचिव ने बताया कि पहला दिन 26 जून को 18 प्लस वाले लोगों को वैक्सीन लगाया गया। जिसमें 180 लोगों को पहला डोज लगाया गया। इसी प्रकार दूसरे दिन 27 जून को 45 प्लस वाले लोगों को वैक्सीन का डोज लगाया गया। जिसमें 40 लोगों को पहला डोज दिया गया। ग्रामीणों ने वैक्सीन लगाने को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला और उक्त शिविर में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । उक्त जानकारी घनश्याम पाटल ने दी है।
राजनांदगांव। शौर्यपथ /संगीत के क्षेत्र में एक अलग पहचान बना रहीं गायिका अरुणा चावड़ा एक बार फिर एक भक्ति गीत महामाया देवी आरती के रिलीज के लिए तैयार है। उनका नया गीत 29 जून को यूट्यूब चैनल और अन्य सभी डिजिटल ऑडियो प्लेटफॉर्म जैसे जिओ सावन, विंक म्यूकजि़क, आई ट्यून्स पर रिलीज किया जाएगा। इस गीत को लक्ष्मण धारी मिश्रा ने लिखा है। स्क्रिप्ट लिरिक्स गीतकार आशुतोष झा के हैं और कंपोज अरुणा चावड़ा द्वारा किया गया है। गायिका अरुणा चावड़ा बताती हैं कि उनके आवाज से प्रभावित होकर अश्रु आनंद के द्वारा उन्हें काफी सारे गाने का प्रोजेक्ट बॉलीवुड इंडस्ट्री में मिला। अरुणा चावड़ा का इससे पहले होली गाना "गाओ फाग रे हाई" फ्लो रिकॉर्ड से रिलीज किया गया जो फैंस को काफी पसंद आया है।अरुणा चावड़ा छत्तीसगढ़ की उभरती गायिका और म्यूजिक कंपोजर में से एक हैं। उनके दो और गाने ज़ी म्यूजिक कंपनी और छत्तीसगढ़ी फिल्म में रिलीज होने को तैयार है। अरुणा चावड़ा का जन्म अंबिकापुर में ओमप्रकाश मिश्रा के घर हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अंबिकापुर से की। बचपन से संगीत में लगाव के कारण वे अपनी संगीत की उच्च शिक्षा के लिए इंदिरा गांधी कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ आ गई। इस संगीत विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए क्लासिक, एमए पॉप म्यूजिक, इन लाइट म्यूजिक आदि कई प्रकार के उच्च शिक्षा ग्रहण की उसके बाद अरुणा चावड़ा का संगीत का सफर शुरू हुआ और पुरस्कारों का सफर की शुरुआत हुई। विवाह उपरांत इस गतिविधि में उनके पति अमित चावड़ा का भी विशेष योगदान रहा है। जिसकी बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंची है। गायकी के क्षेत्र में उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। --------------
राजनांदगांव।शौर्यपथ / भूपेश बघेल सरकार की गोबर खरीदी योजना को आड़े हाथ लेते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) की युवा इकाई ने इस पूरी योजना की कड़ी निंदा की है। योजना को लेकर कई सवाल भी उठाए गए हैं। युवा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के जिला अध्यक्ष दीपक सोनी ने कहा है कि, यह योजना ही समझ से परे है। जनता भी समझ नहीं पा रही है कि गोबर खरीदी की आड़ में आखिर चल क्या रहा है। दो रुपये प्रति किलो में गोबर खरीदकर किसानों को उसे ही 10 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाना आखिर किस तरह की राजनीति है। किसानों के लिए 300 रुपये तक की गोबर खरीदी को अनिवार्य करने के पीछे आखिर क्या गणित है। गोबर के बहाने किसानों पर दबाव बनाया जा रहा है कि, वे कम से कम तीन सौ रुपये कीमत का गोबर खरीदेंगे, तभी उन्हें अन्य खाद बीज मिलेगा, जो सरासर अन्याय हैं। इसीलिए युवा जकांछ इस योजना का तीखा विरोध कर रही है। श्री सोनी का सवाल है कि, खुद को किसान हितैषी बताने वाली राज्य की भूपेश सरकार किसानों के असली हित के बारे में आखिर कब सोचेगी। ---------------
राजनांदगांव।शौर्यपथ / साइकोलॉजिकल फोरम छत्तीसगढ़ एवं शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार के पहले दिन कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का संचालन फोरम के सचिव डॉ. जय सिंह एवं अध्यक्षीय उद्बोधन अध्यक्ष डॉ. बसंत सोनबेर ने प्रस्तुत किया, जिसमें फोरम द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख भी किया गया। शासकीय कमला देवी राठी महिला महाविद्यालय राजनांदगांव की प्राचार्य डॉ. सुमन सिंह बघेल ने स्वागत उद्बोधन कर सभी सम्माननीय अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. बंश गोपाल सिंह, कुलपतिए पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ी ने बताया कि तनाव के बिना कोई भी व्यक्ति रह नहीं सकता, क्योंकि यही वह प्रतिक्रिया होती है, जो हमें काम करने के लिए प्रेरित करती है, लेकिन इसे सही या गलत, किस तरह से उपयोग करना है यह हम पर निर्भर है। दुनिया में तनाव तो रहेगा ही, लेकिन उस तनाव के साथ आप कैसे जीते हैं या उसके अनुरुप अपने व्यवहार को कैसे समायोजित कर लेते हैं यही हमें सीखना है। उन्होंने यह भी बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के चुनौतियां का स्वरुप बदल गया है। अत्याधुनिक जीवन शैली हमें बहुत ज्यादा तनाव ग्रस्त करती है, जिसकी वजह से हमारा मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है, हालांकि अलग-अलग आर्थिक वर्ग की अलग-अलग समस्याएं है जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। प्रोफेसर सिंह ने फोरम के सदस्यों के कार्यों की सराहना करते हुए बधाई दी कि वे मनोविज्ञान विषय की उपयोगिता को जन सामान्य तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। डी.डी.यू. गोरखपुर यूनिवर्सिटी, गोरखपुरए उत्तर प्रदेश की विभाग अध्यक्ष एवं कार्यक्रम की की-नोट स्पीकर प्रो. अनुभूति दुबे ने बताया कि हर प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अर्थ पागलपन ही है, इस मिथक को बदलने के लिए मानसिक स्वास्थ्य की चर्चा जन सामान्य तक पहुंचाना जरूरी है, जिसके लिए ऐसे जागरुकता के कार्यक्रम लगातार होने चाहिए। उन्होंने बताया कि जैसे स्वच्छ भारत अभियान प्रारंभ होने पर हर घर में साफ सफाई, सुरक्षा की बातें होने लगी, उसी तरह ऐसे बहुत से आयोजन और अभियान के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर लोगों का ध्यान जाने लगेगा और वह मनोचिकित्सक एवं परामर्शदाता तक बिना किसी संकोच के पहुंच पाएंगे। मानसिक स्वास्थ्य से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों के लिए हर संस्थानों में, चाहे वह सरकारी अथवा गैर सरकारी हो, एक मनोचिकित्सक एवं परामर्शदाता की आवश्यकता पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। दुर्ग विश्व विद्यालय की कुलपति प्रो. अरुणा पलटा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के बिना शारीरिक स्वास्थ्य का कोई महत्व नहीं हैं। मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य मिलकर ही सामाजिक स्वास्थ्य का आनंद लेने देते हैं, इसलिए शारीरिक की तरह मानसिक स्वास्थ्य पर भी उतना ही अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के भूतपूर्व प्रो. आरएन सिंह ने बताया कि लिटरेसी का मेंटल हेल्थ में बहुत अधिक महत्व है, जिस जगह शिक्षा कम है, वहां मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी बहुत अधिक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जैसे सर दर्द हो तो हम चिकित्सक के पास जाते हैं, ठीक वैसे ही तनाव और चिंता होने पर हमें परामर्शदाता एवं मनोचिकित्सक के पास जाने में झिझकना नहीं चाहिए। कोविड-19 के दौरान जो बात आपको खुशी दे, वहीं करना चाहिए क्योंकि उसी से आपका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है, के बारे में भी बताया। देवेंद्र नगर महिला महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं परामर्शदाता डॉ. जेसी अजवानी ने बताया कि कोरोना काल में 300 प्रतिशत ज्यादा घरेलू हिंसा बढ़ी है, लेकिन यह केवल उन्हीं परिवारों में हैं जहां आपसी प्रेम और तारतम्यता की कमी थी। ऐसे बहुत से परिवार है जिन्होंने इस समय का सदुपयोग किया और अपने आपसी संबंधों को बहुत मधुर बनाया। शिकागो यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे समय बीतता है, वैसे-वैसे हमारे व्यवहार में किसी नई समस्या, बीमारी या परिस्थिति के लिए एक्सपटेंस आना शुरू हो जाती है। कोविड-19 के लगभग डेढ़ साल होने में हम इसी स्थिति में पहुंच रहे हैं, लेकिन इसके साथ में रिस्क टेकिंग बिहेवियर भी आता है तो हमें इस बीमारी से सतर्कता के साथ निपटना है ना कि लापरवाही के साथ खुद को और दूसरों को परेशान करना है। दुधाधारी बजरंग शासकीय कन्या महाविद्यालय रायपुर के मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. उषा किरण अग्रवाल ने बताया कि अगर हम अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखेंगे तो आगामी वर्षों में हम पोस्ट कोविड इफेक्ट डिसऑर्डर नाम की बीमारी के बारे में भी बहुत आसानी से सुन पाएंगे। हमारे अंदर धीरे-धीरे भाव शून्यता आ रही हैं इससे बचने के लिए हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना बहुत आवश्यक है। साथ ही छोटे बच्चे जिनके माता पिता की इस महामारी के दौरान मृत्यु हुई है, वो बच्चे जिनकी स्कूल जाने की आयु बढ़ रही है, इन सभी के मानसिक स्वास्थ्य जैसे बहुत से संवेदनशील मुद्दों पर उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया। देर शाम तक देश के विभिन्न कौन से आए स्कॉलर अपने शोध पत्र के माध्यम से विचार व्यक्त करते रहे। ----------------
राजनांदगांव।शौर्यपथ / जिले में मलेरिया, डेंगू व डायरिया नियंत्रण तथा इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मचारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के प्रशिक्षण हेतु बैठक आयोजित कर तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की गई है। मलेरिया, डेंगू व डायरिया के मद्देनजर संवेदनशील क्षेत्रों के लिए विशेष एहतियात बरती जा रही है। जिले के लोगों को मलेरिया से बचाने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाने, जन-जागरूकता के लिए रैली, नाटक का आयोजन करने तथा बैनर-पोस्टर व नारा लेखन करने के निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिला सलाहकार विकास राठौर ने बताया, मलेरिया, डेंगू व डायरिया पर नियंत्रण और इससे बचाव के लिए जिला स्तर पर 371 सर्वे दल का गठन किया गया है, जिनके द्वारा गृह भेंटकर मास स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके साथ ही जिले के सभी विकासखंडों के स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयारी कर ली है। गुजरे एक-दो साल में जिस क्षेत्र में मलेरिया के मामले मिले हैं, उन स्थानों की सूची बनाई जा रही है। इसके लिए मितानिन के सहयोग से जनभागीदारी के साथ कार्य किया जा रहा है। इसके बाद मलेरिया, डेंगू व डायरिया से बचाव हेतु हरसंभव उपाय शुरू किए जाएंगे। मलेरिया नियंत्रण अभियान के दौरान लोगों को घर में रखे गमले की ट्रे, कूलर, फ्रिज तथा पानी की टंकी को खाली कर सुखाने के बाद उपयोग करने के बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि मच्छर के अंडे, लार्वा को नष्ट किया जा सके। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए पुराने टायर, मटके, कबाड़ आदि में बरसात का पानी एकत्र न होने देने तथा घर के बाहर छोटे गड्ढों में मिट्टी का भराव करने हेतु लोगों को प्रेरित किया जाएगा, जिससे मच्छरों के प्रजनन को न्यून किया जा सके। उन्होंने बताया, नियमित रूप से साफ सफाई के साथ ही मच्छररोधी दवाई का छिड़काव करने पर भी लगातार जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान अंतर्गत चिन्हित विकासखंडों के अति संवेदनशील गांवों में मलेरिया व अन्य कीटनाशक बीमारियों से बचाव हेतु मच्छरदानी का वितरण किया जा रहा है। साथ ही जनसमुदाय को मच्छरदानी का उपयोग करने, फुल बाजू के कपड़े पहनने व घर के आसपास सफाई रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी तरह विकासखंड के ग्राम स्तर पर एक जुलाई से मास स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके अंतर्गत सर्वे दल के द्वारा 2 मलेरिया वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई) से अधिक के 199 संवेदनशील गांवों तथा पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के सीमा क्षेत्र के सभी गांवों, सीआरपीएफ, आईटीबीपी कैम्प, पुलिस चौकी एवं अन्य स्थानों पर मास स्क्रीनिंग की जाएगी। जनसमुदाय की शत-प्रतिशत रक्त जांच की जाएगी और मलेरिया सकरात्मक प्रकरण पाए जाने पर उन्हें संपूर्ण उपचार प्रदान किया जाएगा। लोगों को मलेरिया से रोकथाम की संपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी।