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0 स्कूल के प्रति जिम्मेदार अधिकारीयों का व्यवहार पक्षपातपूर्ण है, लगातार हो रही शिक्षको की मांग को पूरी करने में तत्कालीन डीईओ ने कोई रूचि नही दिखाया
राजनांदगांव/शौर्यपथ l शहर में इगनाईट योजना के अंतर्गत वर्ष 2018 से संचालित शास.अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक स्कूल गंजपारा की स्थिति चिंताजनक है क्योंकि इस स्कूल के प्रति जिम्मेदार अधिकारीयों का व्यवहार पक्षपातपूर्ण है, लगातार हो रही शिक्षको की मांग को पूरी करने में तत्कालीन डीईओ ने कोई रूचि नही दिखाया, वंही शाला में पदस्थ शिक्षिका मंजू गर्ग को नियम विपरीत प्रतिनियुक्ति में भेज दिया गया। शाला में दर्ज संख्या के अनुसार पर्याप्त शिक्षक नही होने के कारण बच्चों की पढ़ाई नही हो पा रही है, सीबीएसई पाठयक्रम की किताबों से हिन्दी मिडियम के शिक्षको के द्वारा पढ़ाया जाना, समझ से परे है, वंही अन्य कई सुविधाओें से बच्चे वंचित है। शाला में पदस्थ वरिष्ठ प्रधान पाठक को मिथ्या शिकायतों को आधार बनाकर पद से हटाकर एक बहुत ही कनिष्ठ शिक्षिका को प्रधान पाठक बना दिया गया, तो वंही एक संलग्न शिक्षक को भी मिथ्या व मनगढहंत आरोप लगातार कार्यमुक्त कर दिया गया, जबकि इस स्कूल में दर्ज संख्या के अनुसार शिक्षक ही नही है, और जो है उन्हे भी हटाया जा रहा है, और शिक्षको को हटाने के पूर्व शिक्षको की व्यवस्था तक नही किया गया। शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अथवा पालकगणों का आरोप है कि उनके विरोध प्रकट करने पर अब मामले की लीपापोती करने की मंशा से हिन्दी माध्यम के शिक्षक को संलग्न कर पालको को शान्त करने का प्रयास विभागीय अधिकारीयो द्वारा किया जा रहा है। यह समझ से परे है कि इस शाला मे सी.बी.एस.ई पाठ्यक्रम संचालित होता है लेकिन जिन शिक्षको को संलग्न किया गया है वह सभी हिन्दी माध्यम के शिक्षक है और बच्चों को हिन्दी में पढ़ाई कराया जा रहा है जबकि स्कूल अंग्रेजी माध्यम का है, यह कृत्य शासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है, इससे पालको मे अत्यन्त रोष है। शाला विकास समिति का कहना है कि शाला की प्रधान पाठक, शाला प्रबंधन समिति एवं पालकगण द्वारा भी शिक्षको को हटाये जाने का विरोध किया गया व निष्पक्ष जांच की मांग की गयी पर आज पर्यन्त तक जांच नही कराई गयी है। बस जांच की जायेगी इसका आश्वासन दिया जा रहा है, जो न्याय संगत नही है।
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