
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
मुंगेली । शौर्यपथ । राज्य शासन की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का विस्तार कर अब नगरीय क्षेत्रों में भी शुरू की गई है। इस हेतु नगरीय क्षेत्रों के कृषि भूमिहीन मजदूरों से 15 अप्रैल तक आवेदन मंगाए गए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शहरी क्षेत्र के मजदूरों को उक्त योजना का लाभ दिलाने के लिए 25 मार्च को नगर पंचायत सरगांव में आयोजित कार्यक्रम में राजीव गांधी नगरीय भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ किया था। योजना का उद्देश्य भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान करना तथा प्रतिवर्ष 07 हजार रूपए चिन्हित परिवार के मुखिया को किश्तों में अनुदान सहायता राशि प्रदान करना है।
योजना के तहत नगर के भूमिहीन कृषि मजदूरों से आवेदन 15 अप्रैल तक लिया जाएगा व 22 अप्रैल तक पोर्टल में डाटा प्रविष्ट किया जाएगा। आवेदनों के स्वीकृति/अस्वीकृति के पश्चात् नगरीय क्षेत्रों पर प्रकाशन कर प्राप्त दावा-आपत्ति का सामान्य सभा में निराकरण 08 मई तक किया जाएगा। अंतिम सत्यापित सूची का प्रकाशन 15 मई तक किया जाएगा। कलेक्टर श्री राहुल देव ने उक्त योजना का क्रियान्वयन निर्धारित समय-सीमा में करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हितग्राही परिवार को आवश्यक दस्तावेज यथा आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ आवेदन नगरीय क्षेत्रों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना होगा।
बता दें कि नगरीय क्षेत्रों में निवासरत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। अनुसूचित क्षेत्रों के नगरीय क्षेत्रों के आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी/बैगा/गुनिया/मांझी आदि नामों से जाना जाता है तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया, कृषि भूमि धारण करने के बावजूद योजनांतर्गत पात्र होंगे। परंतु इस वर्ग के वे परिवार जो शासन में सामायिक भत्ता/आर्थिक सहायता अन्य योजना में प्राप्त कर रहे हों, वे पात्र नहीं होंगे। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत किया जाना होगा। योजना की विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के नगर पालिका अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.