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मुंगेली / शौर्यपथ / राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत जिले के प्रत्येंक विकासखण्ड में दो-दो गौठानों में 04 रूपये प्रति लीटर के दर से गोबर खरीदी की जा रही है। योजना के तहत् शुरूआत से लेकर अबतक 06 हजार 740 लीटर से अधिक गौमूत्र की खरीदी की जा चुकी है। क्रय किये गये गौमूत्र का उपयोग महिला स्व सहायता समूहों द्वारा जैविक कीटनाशक बनाने में किया जा रहा है। इससे महिलाओं को एक ओर जहां स्वरोजगार प्राप्त हो रहा है। वहीं जैविक कीटनाशक के विक्रय से उन्हें अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो रही है। मुंगेली विकासखण्ड अंतर्गत 03 हजार 922 लीटर, पथरिया विकासखण्ड अंतर्गत 01 हजार 592 लीटर और लोरमी विकासखण्ड अंतर्गत 01 हजार 226 लीटर गोमूत्र का क्रय किया गया है। बता दें कि राज्य सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोमूत्र का उपयोग कर जैविक खेती की ओर किसानों को अग्रसर करने व फसलों को कीट तथा प्रदुषण से बचाने के लिए हरेली त्यौहार के अवसर पर इसकी शुरूआत की गई है।
ग्राम कुआगांव की जय दुर्गे महामाया स्व सहायता समूह ने गोमूत्र के कमाएं 22 हजार रूपए
ग्राम कुआगांव की जय दुर्गे महामाया स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत उनके द्वारा गोमूत्र से जैविक कीटनाशक निर्माण और विक्रय कर अब तक 22 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त की जा चुकी है। समूह की महिलाएं जैविक कीटनाशक के बारे में बताती है कि यह रासायनिक कीटनाशक की तुलना में काफी सस्ता और असरदार है। साथ ही फसल को रसायनिक कीटनाशक के उपयोग से होने दुष्प्रभाव सेे भी बचाया जा सकता है। समूह की महिलाओं द्वारा जैविक कीटनाशक तैयार करने के लिए गोमूत्र में पांच प्रकार की पत्तिया को बारीक कूटकर मिश्रित किया जाता है और इसे मूलमात्रा के आधा होने तक उबाला जाता है। जिसके पश्चात इसे दो से तीन दिन बाद छान कर बोतल में पैंकिंग किया जाता है। समूह का कहना है कि गौठान में गोमूत्र खरीदी प्रारंभ होने से उन्हें अतिरिक्त आमदनी का जरिया मिल गया है। इन महिलाओ ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और जिला प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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