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0बूरे फंसे जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम
0पालकों के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कोतवाली थाने में की गई है लिखित शिकायत
0 छ.ग. मानव अधिकार आयोग मे भी हुई शिकायत
0 बालक कल्याण समिति ने भी लिया संज्ञान
राजनांदगांव। शौर्यपथ/ ग्रीन फिल्ड सीआईटी स्कूल के संचालक ने जिला शिक्षा अधिकार कार्यालय में पत्र भेजकर बड़ा खुलासा कर दिया कि स्कूल शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने बिना प्रबंधन को जानकारी दिए ही स्कूल बंद कर दिया जिसके लिए शिक्षा विभाग जिम्मेदार है और अब स्कूल प्रबंधन स्कूल संचालित नही करेगा।
स्कूल संचालक ने गंभीर आरोप लगा कर जिला शिक्षा अधिकारी की मुश्किले बढ़ा दिया है क्योंकि अब तक पालको यह जानकारी दिया जा रहा था कि स्कूल संचालकों ने अचानक स्कूल बंद कर दिया है और इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी ने दो बार डीपीआई रायपुर भेज कर स्कूल का नाम आरटीई पोर्टल से भी हटा दिया गया था।
इस पूरे मामले में पुलिस विभाग भी शिक्षा विभाग से जानकारी ले रहा है क्योकि पालको की लिखित शिकायत है कि जिला शिक्षा अधिकारी की घोर लापरवाही और उदासिनता के चलते उनके बच्चों का जीवन व भविष्य बर्बाद हो गया है।
शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत गरीब बच्चों को इस स्कूल में जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा प्रवेश दिलाया था और इन बच्चों को कक्षा बारहवी तक शिक्षा पूर्ण कराने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी है लेकिन गरीब बच्चे विगत एक वर्ष से शिक्षा पाने भटक रहे है।
बालक कल्याण समिति भी इस बात को लेकर गंभीर है और उनका भी कहना है कि बच्चों को किसी अन्य स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाना चाहिए जिसको लेकर समिति ने जिला शिक्षा अधिकारी को दिनांक 5 अप्रैल को पत्र भी जारी किया है।
कलेक्टर ने भी इस मामले में कई पत्र जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित कर चूके है लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने उनकी बातों को गंभीरता से नही लिया।
पालको का कहना है कि उनके बच्चो को शिक्षा से वंचित रखकर उनके बच्चों के मौलिक अधिकार का हनन किया गया है जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी दोषी है और डीईओ के विरूद्ध सख्त कार्यवाही किया जाना चाहिए।
पालको ने इस मामले की पूरी जानकारी छ.ग. मानव अधिकार आयोग को भी प्रेषित कर दिया है क्योकि उनका कहना है जिला शिक्षा अधिकारी ने उनके बच्चों के मौलिक अधिकार का हनन किया है।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अब घिरते नजर आ रहे है क्योंकि मामला बच्चों के जीवन व भविष्य से जूड़ा हुआ है और इन गरीब बच्चो को स्वयं शिक्षा विभाग ने इस स्कूल में प्रवेश दिलाया था और गरीब बच्चे विगत एक वर्ष से शिक्षा से वंचित है और शिक्षा पाने जिला शिक्षा अधिकारी से आग्रह कर रहे है लेकिन इन गरीब बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया।
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