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माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 पारित
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पारित माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, राज्य में व्यापार एवं वाणिज्य को सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस संशोधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य व्यापारियों को कानूनी राहत, कारोबारी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, कर मामलों का शीघ्र निराकरण और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है।
विधेयक में इनपुट टैक्स क्रेडिट के प्रावधानों को और स्पष्ट किया गया है ताकि कारोबार, कर भुगतान और क्रेडिट के उपयोग में पारदर्शिता आ सके। विशेष श्रेणी के लेन-देन (जैसे सेज, निर्यात, वेयरहाउस परिसंचरण) को स्पष्ट परिभाषित किया गया है। साथ ही वित्त अधिनियम, 2025 के केंद्र सरकार के संशोधनों के अनुरूप कई तकनीकी और प्रक्रियागत बदलाव किए गए हैं।
माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 के अनुसार इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर नियम में संशोधन किया गया है। अब आईजीएसटी में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के अंतर्गत प्राप्त इनपूट टैक्स क्रेडिट का वितरण अपनी शाखाओं में करने की अनुमति मिलेगी। इससे जीएसटी अधिनियम की विसंगतियां दूर होंगी और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा।
विधेयक में ऐसे पेनाल्टी की राशि जिसमें टैक्स डिमांड शामिल नहीं है ऐसे प्रकरणों में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत करने के लिए पूर्व डिपोजिट 25 प्रतिशत राशि को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार वाउचर टैक्स निर्धारण को और अधिक स्पष्ट किया गया है। पहले जीएसटी प्रणाली में वाउचर पर कर निर्धारण के संबंध स्थिति स्पष्ट नही थी इस पर जीएसटी कब लगेगा इन्हें जारी करने के समय या इन्हें रिडीम करते समय इस संबंध में विभिन्न एंडवास रूलिंग अथारिटी मत भिन्नता थी। संशोधन विधेयक के अनुसार अब वाउचर रिडीम करते समय जीएसटी लगेगा।
तंबाकू आदि उत्पादों के लिए ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म लागू किया गया है, जिससे उनकी आपूर्ति श्रृंखला की कड़ी निगरानी हो सकेगी। ऐसे उत्पादों के सभी यूनिट पैकेट में एक क्यूआर कोड अंकित करना होगा, जिसे स्कैन करने पर निर्माता, उत्पाद, एमआरपी, विक्रेता, बिल आदेश, भुगतान के सभी रिकार्ड आदि जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही निर्माता और होलसेलर को इन यूनिट पैकेट के मूव्हमेंट का रिकार्ड रखना होगा। ताकि जांच एजेंसियों को किसी भी समय ऐसी सूचनाएं उपलब्ध हो सके।
विशेष आर्थिक क्षेत्र को प्रोत्साहन के तहत इन विशेष क्षेत्रों के वेयर हाउस में रखे गए वस्तुओं के निर्यात किए जाने से पूर्व वस्तुओं के फिजिकल मूवमेंट के बिना क्रय विक्रय किए जाने पर अब जीएसटी नहीं लगेगा। यह बदलाव सेज में निवेश और कारोबार को बढ़ावा देगा तथा ये क्षेत्र अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे। विधेयक में ‘प्लांट या मशीनरी’ शब्दों के स्थान पर ‘प्लांट और मशीनरी‘ शब्दो को प्रतिस्थापित किया गया है। प्लांट शब्द में ‘भवन‘ सम्मिलित नहीं होगा एवं इस पर इनपुट क्रेडिट की पात्रता नहीं होगी। डिजिटल मुहर, डिजिटल चिन्ह या किसी प्रकार का अन्य चिन्हांकन सहित ‘विशिष्ट पहचान चिह्नांकन’ का प्रावधान भी शामिल किया गया है।
छत्तीसगढ़ की उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2024-25 में राज्य को 16,299 करोड़ रूपए जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38 प्रतिशत है। इस वर्ष 18 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की गई और छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर रहा। राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की सीमा 50,000 रूपए से बढ़ाकर 1,00,000 रूपए कर दी गई है, जिससे 26 प्रतिशत छोटे व्यापारियों को कागजी कार्यवाही से राहत मिली है।
नई सरकार के गठन के बाद से 43,612 नए पंजीकरण किए गए हैं। पंजीकरण प्रक्रिया को 13 दिनों से घटाकर अब सिर्फ 2 दिन में पूर्ण किया जा रहा है। पूर्व में केवल 15 जिलों में जीएसटी कार्यालय थे, अब राज्य के 33 जिलों में कार्यालय स्थापित कर दिये गये हैं। कर अपवंचन की रोकथाम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स और बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट का गठन किया गया है।
डेयरियों की गंदगी पर 5000 का जुर्माना, नोटिस जारी किए जाएंगे
सभी सहायक राजस्व निरीक्षक वार्डों में फील्ड में रहकर करेंगे निगरानी
दुर्ग /शौर्यपथ /नगर पालिक निगम! महापौर अलका बाघमार ने आज निगम परिसर के सभागार मे आज लोक कर्म प्रभारी देव नारायण चंद्राकर व राजस्व विभाग प्रभारी शेखर चंद्राकर सहित अधिकारियो की मौजूदगी मे वार्ड-वार इंजिनियरो व सहायक राजस्व निरीक्षकों की क्लास ली.
उन्होंने कहा की शहर सीमा क्षेत्र अंतर्गतनिरीक्षण के दौरान उन्होंने वार्डों में सफाई व्यवस्था,अवैध निर्माण और कर वसूली की स्थिति का गहन परीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरों और सहायक राजस्व निरीक्षकों की बैठक लेकर कड़े निर्देश जारी किए।
-अवैध निर्माण पर तत्काल रोक का आदेश:
महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि शहर में बिना अनुमति चल रहे निर्माण कार्यों की तुरंत जांच की जाए।यदि निर्माण की अनुमति नहीं है, तो उसे तत्काल रोका जाए और संबंधितों को नोटिस जारी किया जाए।उन्होंने निर्देश दिया कि सहायक राजस्व निरीक्षक फील्ड में रहकर हर निर्माण गतिविधि की निगरानी करें और वार्ड इंजीनियर को उसकी जानकारी दें।
गंदगी फैलाने वाली डेयरियों पर जुर्माना
महापौर ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र की सभी डेयरियों की सफाई व्यवस्था की जांच की जाएगी।जहां गंदगी पाई जाएगी, उन डेयरियों पर ₹5000 का जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें निगम द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।
उन्होंने सुपरवाइजरों को निर्देश दिए कि वे ARI के साथ मिलकर जुर्माने की वसूली सुनियोजित ढंग से करें।
फील्ड में रहकर करें कार्य, ईमानदारी से करें कार्य..
महापौर ने सभी सहायक राजस्व निरीक्षक को निर्देशित किया कि वे वार्डों में नियमित रूप से फील्ड में उपस्थित रहें, टैक्स वसूली में पारदर्शिता रखें और निर्माण कार्यों की अद्यतन जानकारी समय-समय पर दें।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार एवं लोक कर्म प्रभारी देव नारायण चंद्राकर ने कहा की 15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट, लापरवाही पर कार्रवाई तय, उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों और सहायक राजस्व निरीक्षकों को 15 दिनों के भीतर वार्डवार रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। जिन अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट नहीं दी जाएगी या कार्य में लापरवाही बरती जाएगी, उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
नियमों का पालन अनिवार्य
बैठक में नगर निगम के इंजीनियरिंग स्टाफ और राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। महापौर ने कहा कि शहर की छवि और नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अव्यवस्था किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी अधिकारी जिम्मेदारी के साथ फील्ड में काम करें और जनता को बेहतर सुविधा दें!इस अवसर पर लोककर्म प्रभारी देव नारायण चंद्राकर बाजार प्रभारी शेखर चंद्राकर, ज्ञानेश्वर ताम्रकार, कार्यपालन अभियंता दिनेश कुमार नेताम,सहायक अभियंता संजय ठाकुर, विनोद मांझी हरिशंकर साहू, पंकज साहू, विकास दमाहे, प्रेरणा दुबे, अर्पणा मिश्रा,राजस्व व बाजार अधिकारी शुभम गोयर सहित राजस्व विभाग अमला मौजूद रहे!
हर वार्ड में बनेगा सफाई रजिस्टर, 12 बजे बाद क्लस्टर सिस्टम लागू होगा, कंट्रोल रूम से सीधे दर्ज होंगी शिकायतें
रिसाली / SHOURYAPATH /
नगर पालिक निगम रिसाली में सफाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से महापौर शशि सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में कई निर्णय लिए गए। अब से हर वार्ड के सफाई सुपरवाइजरों को प्रतिदिन सफाई कार्यों की जानकारी संबंधित पार्षद को देनी होगी, साथ ही नागरिकों से सफाई की पुष्टि कराकर रजिस्टर में हस्ताक्षर लेना अनिवार्य किया गया है।
आयुक्त मोनिका वर्मा ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक वार्ड के लिए तीन अलग-अलग रजिस्टर बनाए जाएं, जिनमें:
नाली की सफाई
सड़क-बाजार क्षेत्र की सफाई
पार्षद एवं नागरिकों की शिकायतें
का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नाली सफाई की जानकारी “कहां से कहां तक” हुई, यह नागरिकों से प्रमाणित कराना होगा, जबकि सड़क और बाजार क्षेत्र की सफाई कार्यों की जानकारी सुपरवाइजर द्वारा पार्षद को दी जाएगी। यदि किसी पार्षद की ओर से सफाई कार्यों को लेकर कोई शिकायत है, तो उसे रजिस्टर के रिमार्क कॉलम में दर्ज कर तत्काल जन स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराना होगा।
बैठक में कई पार्षदों ने यह शिकायत की कि दोपहर 12 बजे के बाद सफाईकर्मी वार्डों में नज़र नहीं आते, जबकि उनकी ड्यूटी दोपहर 2 बजे तक की है। इस पर आयुक्त ने एक नई कार्य योजना के तहत निर्देश दिया कि अब 3 से 4 वार्डों का एक क्लस्टर बनाया जाएगा। इन क्लस्टर्स में सफाई कर्मचारी बल्क में एकत्र होकर हर दिन किसी एक वार्ड में गहन सफाई कार्य करेंगे। इसके लिए पार्षदों को रोस्टर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
नवाचार के तहत आयुक्त ने जनस्वास्थ्य विभाग में एक कंट्रोल रूम स्थापित करने की घोषणा की है। शीघ्र ही इसके लिए टेलीफोन नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे, जिससे नागरिक सीधे कंट्रोल रूम से संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
शिकायतें प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध की जाएंगी और संबंधित सुपरवाइजर को तत्काल कार्रवाई के लिए सौंपा जाएगा।
बैठक में महापौर शशि सिन्हा के साथ नेता प्रतिपक्ष शैलेन्द्र साहू, एमआईसी सदस्य अनिल देशमुख, जहीर अब्बास, रंजीता बेनुआ, ममता यादव, जमुना ठाकुर, चन्द्रभान ठाकुर, गोविन्द चतुर्वेदी, विनय नेताम, धर्मेन्द्र भगत, अनुप डे, शीला नारखेड़े, सोनिया देवांगन, रमा साहू, हरीशचन्द्र नायक, खिलेन्द्र चंद्राकर, पार्वती, सारिका साहू सहित कई पार्षद उपस्थित रहे।
? निष्कर्ष:
रिसाली नगर निगम द्वारा उठाए गए ये कदम पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। यदि यह मॉडल सफल रहा, तो इसे अन्य नगरीय निकायों में भी लागू किया जा सकता है।
– संवाददाता
91 कर्मियों की सेवाओं को किया गया सम्मानित, संयंत्र प्रबंधन ने दी उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं
भिलाई / SHOURYAPATH /
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र से जुलाई 2025 माह में सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन भावपूर्ण वातावरण में किया गया। इस माह कुल 91 कर्मचारी सेवा से निवृत्त हो रहे हैं, जिनमें 14 कार्यपालक तथा 77 गैर-कार्यपालक कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी कर्मियों ने संयंत्र की प्रगति में अपने योगदान से नई ऊँचाइयाँ सुनिश्चित कीं।
कार्यपालकों हेतु विदाई समारोह इस्पात भवन स्थित निदेशक प्रभारी सभागार में आयोजित किया गया, जहाँ संयंत्र के वरिष्ठ कार्यपालक निदेशकगण एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। वहीं गैर-कार्यपालकों के लिए समारोह का आयोजन भिलाई निवास परिसर में हुआ, जहाँ सहकर्मियों ने आत्मीय वातावरण में उन्हें विदाई दी।
सेवानिवृत्त होने वाले कार्यपालकों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
मुख्य महाप्रबंधक: राजीव कुमार श्रीवास्तव
महाप्रबंधक: सुधीर सोरते, सेवाराम जटरेले, श्याम नारायण सिंह
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी: डॉ. नोहर सिंह ठाकुर
उप महाप्रबंधक: सुनील कुमार
सहायक महाप्रबंधक: मोहम्मद आरिफ खान, मृदुल कुमार श्रीवास्तव, राजिल कुमार रणदीवे, दीपांकर कुमार मजुमदार, राज कुमार शुक्ला, जीएमवी पद्मिनी कुमार
वरिष्ठ प्रबंधक: बीरेंद्र कुमार सिंह
उप प्रबंधक: अनिल कुमार फुले
कार्यक्रम में संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति आदेश-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया और उनके समर्पित कार्यकाल की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने सेवानिवृत्त सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि “संयंत्र की आधारशिला को मजबूत बनाने में आपके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। आपका परिश्रम, अनुशासन और संगठन के प्रति निष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।”
इस अवसर पर सभी सेवानिवृत्त कर्मियों को स्वस्थ, सम्मानजनक एवं आनंदमय जीवन की शुभकामनाएं दी गईं।
भारत की सीमाओं की रक्षा में प्राणों की आहुति देने वाले वीरों के सम्मान में गूंजा जयघोष
दुर्ग / शौर्यपथ /
"कारगिल की बर्फीली चोटियों पर लिखी गई थी वो अमर कथा... जहाँ मातृभूमि के सपूतों ने अपने लहू से विजय की इबारत रची थी।"
इसी अपार गौरव की स्मृति में आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के एस. राधाकृष्णन सभागार देशभक्ति के रंग में रंग गया। कारगिल विजय दिवस की पावन स्मृति में आयोजित विचार गोष्ठी में विद्यार्थियों, प्राध्यापकों और आमजनों ने भारत माता के अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. एन.पी. दीक्षित (छत्तीसगढ़ प्रांताध्यक्ष, जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र) ने अपने प्रभावशाली पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की सामरिक और भौगोलिक जटिलताओं को उजागर करते हुए कहा कि “कारगिल विजय, केवल एक युद्ध नहीं बल्कि भारत के अदम्य साहस, अद्वितीय बलिदान और अनन्त राष्ट्रप्रेम की जीवंत कथा है।" उन्होंने आगामी "नो मोर पाकिस्तान" अभियान की भी जानकारी दी, जिससे उपस्थित युवाओं में राष्ट्र के लिए सोचने और कुछ कर गुजरने का संकल्प जागृत हुआ।
विशिष्ट वक्ता डॉ. राजेश पाण्डेय (अपर संचालक, दुर्ग संभाग) ने कहा कि “इस सभागार में वीरों की शौर्यगाथा की सुगंध महसूस हो रही है। भारत के रणबांकुरों ने जिस धरती पर अपना रक्त बहाया, उसकी एक-एक कण स्वर्ण से कम नहीं है।"
दुर्ग विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय तिवारी ने कहा, “कारगिल की रणभूमि केवल बंदूकों की गूंज नहीं थी, वह तो भारत मां की जयकार से गूंजता वह युद्धस्थल था, जहाँ भारत के सपूतों ने अपनी छाती को ढाल बना पाकिस्तान के षड्यंत्रों को नेस्तनाबूद किया।“
प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने युवाओं को राष्ट्रसेवा की ओर प्रेरित करते हुए कहा कि "इस देश का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब हर युवा भारत मां की रक्षा को अपने जीवन का लक्ष्य माने।"
इस भावपूर्ण आयोजन में महाविद्यालय में कार्यरत सेवा-निवृत्त सैनिकों — प्रदीप कुमार थापा, कुमार कन्नौजे एवं साजन दुबे को सम्मानित किया गया। उनके चेहरे पर झलकता गर्व, उपस्थित सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
कार्यक्रम में एक विशेष डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से कारगिल युद्ध के परिदृश्य को प्रस्तुत किया गया, जिससे उपस्थित लोगों की आँखें नम हो गईं। साथ ही एन.सी.सी., रा.से.यो. एवं रेडक्रॉस की छात्र इकाइयों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति से परिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने वातावरण को भावविभोर कर दिया।
एक अत्यंत मार्मिक क्षण तब आया जब छत्तीसगढ़ के अमर वीर शहीद, ‘वीर चक्र’ से सम्मानित कौशल यादव के जीवन पर आधारित गीति-नाट्य मंचित किया गया। उपस्थित जनसमूह ने खड़े होकर भारत माता के इस अमर सपूत को श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम का संचालन डी. ज्योति धारकर एवं डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी ने अत्यंत गरिमामय ढंग से किया और डॉ. सतीष सेन ने भावभीना धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर बी.आई.टी दुर्ग के प्राचार्य डॉ. ए. अरोरा, सुनील पटेल, डॉ. अरविंद शुक्ला सहित अनेक गणमान्य नागरिक, प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
"कारगिल के शिखरों से बहती है वीरता की हवा,
जिसने बताया कि हिंदुस्तानियों का सीना पर्वत से भी ऊंचा होता है।
शौर्य की वो चिनगारी आज भी जल रही है,
हर भारतीय हृदय में राष्ट्रभक्ति की मशाल बनकर।"
जय हिंद! जय भारत!
ग्राम पंचायतों को अविवादित नामांतरण-बंटवारे का अधिकार, ग्रामीणों को तहसील कार्यालयों के चक्कर से मिलेगी मुक्ति - उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
ग्राम संपदा ऐप से पंचायत परिसंपत्तियों का होगा पारदर्शी डिजिटलीकरण
हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत प्रथम चरण में बस्तर के जनप्रतिनिधियों को मिलेगा राजधानी में प्रशिक्षण
रायपुर / शौर्यपथ /
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में आज महानदी भवन मंत्रालय में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की बैठक हुई। बैठक की शुरुआत पंचायतों के माध्यम से अविवादित नामांतरण और बंटवारे की प्रक्रिया से हुई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब ग्राम पंचायतें अपने अधिकार क्षेत्र में अविवादित राजस्व मामलों का समाधान कर रही हैं, जिससे ग्रामीणों को तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और शासन-प्रशासन के बीच की दूरी कम होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी जिलों में इस व्यवस्था का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए और अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो।
बैठक में प्रमुख सचिव पंचायत विभाग निहारिका बारीक सिंह, सचिव भीम सिंह, संयुक्त सचिव धर्मेश कुमार साहू सहित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने ग्राम पंचायतों की परिसंपत्तियों के डिजिटल रिकॉर्ड के लिए बनाए गए 'ग्राम संपदा ऐप' की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि पंचायतों में उपलब्ध परिसंपत्तियों की पारदर्शिता के लिए ऐप को अपडेट किया जाए और इसकी तकनीकी समस्याओं को शीघ्र दूर किया जाए। सभी जिलों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर आवश्यक संशोधन करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में 'अटल डिजिटल सुविधा केंद्र' की कार्यप्रणाली पर विशेष चर्चा हुई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन की सुविधा सुनिश्चित करना समय की मांग है। ग्राम पंचायतों में ही नकद निकासी की सुविधा होनी चाहिए ताकि लाभार्थियों को दूरस्थ बैंकों के चक्कर न लगाने पड़ें। शेष बची पंचायतों में भी जल्द यह केंद्र खोले जाएंगे।
बैठक में आगामी राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर छत्तीसगढ़ कर्मवीर पंचायत जनप्रतिनिधि पुरस्कार की शुरुआत किए जाने पर चर्चा हुई और इसके दिशा-निर्देश एवं मापदंड तय करने के निर्देश दिए गए। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण पूर्व एवं पश्चात् प्रदेश में आकर बसे परिवारों की पृथक पंजी व्यवस्था, पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में संचालित विभिन्न विभागीय योजनाओं जैसे विषयों पर भी गंभीर विचार-विमर्श हुआ।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हमर छत्तीसगढ़ योजना की शुरुआत बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधियों को राजधानी रायपुर बुलाकर दो से तीन दिवसीय प्रशिक्षण के रूप में की जाएगी।
विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी सना, छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का क्षण
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) की महिला बॉक्सर सना माचू को भारतीय बॉक्सिंग टीम में चयनित होने पर हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि सना का चयन न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। बिलासपुर रेल मंडल में सीसीटीसी के पद पर पदस्थ सना माचू अब इंग्लैंड के लिवरपूल में 4 से 14 सितंबर तक आयोजित होने वाली विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की बेटियों की बढ़ती प्रतिभा, मेहनत और आत्मविश्वास का प्रतीक है। उन्होंने विश्वास जताया कि सना अपने दमदार प्रदर्शन से देश का नाम विश्व पटल पर रोशन करेंगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी। मुख्यमंत्री ने सना को चैंपियनशिप के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू; विभागीय प्रगति, शहरी विकास और छत्तीसगढ़ के जमीनी मुद्दों पर हुई विस्तृत चर्चा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर प्रधानमंत्री को दी बधाई; शहरी फैलाव, भूमि अधिकार और योजना समन्वय पर रखे अहम सुझाव
नई दिल्ली /रायपुर / शौर्यपथ /
भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तथा बिलासपुर लोकसभा सांसद तोखन साहू ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने प्रधानमंत्री को आतंकवाद विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल संचालन के लिए बधाई दी। यह अभियान देश में सक्रिय आतंकवादी खतरों को समाप्त करने के उद्देश्य से चलाया गया था। श्री साहू ने प्रधानमंत्री के निर्णायक नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान भारत की "आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता" की नीति और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता का परिचायक है।
इस अवसर पर साहू ने प्रधानमंत्री को आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत चल रही प्रमुख आवासीय और शहरी विकास योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी और छत्तीसगढ़ राज्य की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत चर्चा की।
श्री साहू ने प्रधानमंत्री को बताया कि देशभर में अराजक शहरी विस्तार (अर्बन स्प्रॉल) एक गंभीर चुनौती बन चुका है। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि निजी कारों पर निर्भरता को कम करने और मिश्रित-प्रयोजन विकास (जहां आवासीय, वाणिज्यिक और सार्वजनिक उपयोग के स्थान एक साथ हों) को बढ़ावा देकर इस विस्तार पर अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि "हमारा ध्यान जन-परिवहन उन्मुख विकास (ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट) पर है, जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों का समावेश होता है। इससे निजी वाहनों की निर्भरता कम होती है। विभिन्न शोधों से स्पष्ट है कि इस प्रकार की योजना से कार उपयोग में 20% से 50% तक की कमी लाई जा सकती है, जिससे शहरी भीड़ घटेगी और सतत शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।"
बैठक में प्रधानमंत्री ‘सूर्य गृह मुफ्त बिजली योजना’ को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएम-आवास) से जोड़ने के विषय पर भी चर्चा हुई। श्री साहू ने प्रस्ताव रखा कि इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली निःशुल्क बिजली को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित सभी घरों में लागू किया जाए। इससे बिजली के वितरण की लागत घटेगी, टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा और लाभार्थी ऊर्जा दक्ष घरों में निवास कर सकेंगे। साथ ही, सरकारी सब्सिडी युक्त लघु ऋणों तक उनकी पहुंच सुगम हो सकेगी जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
श्री साहू ने प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ राज्य की जमीनी स्थिति और क्षेत्रीय चुनौतियों से भी अवगत कराया। उन्होंने सामाजिक-आर्थिक विकास, शहरी योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की भूमिका और जटिल भूमि विवादों पर चर्चा की।
विशेष रूप से "बड़े झाड़ का जंगल" से लगे क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि वहां की बस्तियों में लोग दो से तीन पीढ़ियों से निवासरत हैं, लेकिन उन्हें वैध स्वामित्व नहीं मिल पा रहा है। इससे वे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं और अतिक्रमी माने जाने के कारण बेदखली का खतरा बना रहता है। ये क्षेत्र जल, बिजली, और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं क्योंकि उनका दर्जा अभी भी वन क्षेत्र का है और इसलिए शहरी योजनाओं में उन्हें प्राथमिकता नहीं मिलती। छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों में ऐसे भूमि विवाद सामाजिक तनाव का कारण बनते हैं।
श्री साहू ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम, 2006 में हाल ही में किए गए संशोधन अब इन निवासियों को कानूनी स्वामित्व दिलाने में सहायक होंगे, जिससे वे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने गैर-महत्वपूर्ण वन भूमि के प्रबंधन, दस्तावेज प्रक्रिया को सरल बनाने, और पूरक वृक्षारोपण जैसी रणनीतियों के माध्यम से वन विभाग एवं शहरी विकास एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में विचारों का रचनात्मक आदान-प्रदान हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री ने सभी विषयों पर मार्गदर्शन दिया और आवास तथा शहरी बुनियादी ढांचे के सतत विकास में केंद्र की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना, क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी नागरिक पीछे न छूटे।
श्री साहू ने प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता, समावेशी विकास की प्रतिबद्धता, और "सबका साथ, सबका विकास" के मूल मंत्र को चरितार्थ करने के प्रति आभार प्रकट किया, जो यह सुनिश्चित करता है कि भारत की प्रगति का लाभ हर वर्ग तक पहुंचे।
नई दिल्ली /रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली स्थित 17, छत्तीसगढ़ सदन में राज्य के सांसदों से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर आयोजित रात्रि भोज के दौरान मुख्यमंत्री ने सांसदों के साथ राज्य और राष्ट्र के समसामयिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों को छत्तीसगढ़ के समग्र विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों की सक्रिय उपस्थिति और सहभागिता से राज्य के हित और ज़मीनी ज़रूरतें राष्ट्रीय फलक पर बेहतर ढंग से प्रस्तुत हो पाती हैं।
इस सौहार्दपूर्ण मुलाक़ात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे व्यापक परिवर्तनों की चर्चा भी हुई। सांसदों ने छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की योजनाओं की प्रगति को लेकर फीडबैक साझा किया और राज्य के जमीनी अनुभवों से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति, निवेश आकर्षण, युवाओं को मिल रहे नए अवसर, किसानों की आर्थिक सशक्तिकरण योजनाओं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तनकारी विकास कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी।
जशपुर जिले में शिक्षा के विस्तार की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मनोरा विकासखंड के शासकीय कॉलेज भवन के निर्माण कार्य के लिए 4 करोड़ 61 लाख 25 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। यह स्वीकृति मुख्यमंत्री द्वारा अपने जशपुर प्रवास के दौरान की गई घोषणा के अनुरूप दी गई है, जिस पर राज्य सरकार द्वारा तत्परता से अमल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जशपुर जिले के विकास कार्यों में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना और सड़क-पुल निर्माण से जुड़े कार्यों के लिए लगातार स्वीकृतियाँ दी जा रही हैं, ताकि विकास योजनाएं तेज़ी से धरातल पर उतर सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि दूरस्थ अंचलों के बच्चों को भी उच्च शिक्षा की बेहतर सुविधाएं उनके निकट ही उपलब्ध हों। इसी उद्देश्य से मनोरा में कॉलेज भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
मनोरा में कॉलेज भवन निर्माण की स्वीकृति से क्षेत्र के विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा और उन्हें स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने मुख्यमंत्री की इस पहल के लिए उनका आभार प्रकट किया है।