November 13, 2024
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

अहमदाबाद / शौर्यपथ / / कोरोनावायरस को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन 5) को सरकार ने 30 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है, हालांकि इस बार सरकार ने कंटेनमेंट…
नई दिल्ली / शौर्यपथ / दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां को शादी करने के लिए दस दिनों की अंतरिम जमानत दे…
नई दिल्ली / शौर्यपथ / पिछले कुछ दिनों से देशभर के कुछ राज्यो में चल रही भीषण लू से अब लोगों को राहत मिल गई है. रविवार का दिन उत्तर…
नई दिल्ली / शौर्यपथ / कोरोना के साथ जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं. कोरोना…
लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / कई बार शरीर की थकान अंदर से नहीं मिटती और यह आंखों और चेहरे पर झलक ही जाती है। ऐसे में…
खाना खजाना / शौर्यपथ / 1. पुदीने की स्वादिष्ट चटनी सामग्री : 1 कप पुदीने की पत्त‍ियां, हरी मिर्च स्वादनुसार, दही 3-4 बड़े चम्मच, जीरा…
धर्म संसार / शौर्यपथ /विश्व की अमूल्य धरोहर श्रीमद् भगवद्गीता महाभारत के भीष्म पर्व का एक भाग है। महाभारत की रचना महर्षि वेदव्यास ने और…

दुर्ग / शौर्यपथ / शनिवार का दिन दमोदा बोरई निवासी शंकरलाल साहू के लिए काला दिन साबित हो गया . एक दुर्घटना में साहू की धर्म पत्नी झामवती साहू उम्र ५८ वर्ष की मौत हो गयी वही पुत्र की भी जान जाते जाते बची .
मामला महमरा एनिकट का है जहां यह दुर्घटना घटित हुई . प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतिका झामवती साहू ( नर्स  स्वास्थ्य विभाग - नागपुर स्वास्थ्य केंद्र ) पुत्र तेज प्रकाश साहू के साथ जिला अस्पताल दुर्ग से अपने घर अपने   निजी वाहन इंडिका cg/08 - 1486 से बोरई लौट रही थी तभी कार अनियंत्नरित होकर महमरा एनिकट पर नदी में गिर गयी . खबर की सुचना मिलते ही पुलगांव थाना हरकत में आई और आस पास के लोगो की मदद से झामवती साहू एवं तेज प्रकाश साहू को जिला अस्पाताल ले जाया गया .जहां चिकित्सक ने माँ को मृत घोषित किया और पुत्र तेज प्रकाश साहू को प्राथमिक उपचार बाद छुट्टी दे दी गयी .
पुलिस की सतर्कता से दूसरा हादसा होते होते बचा ..
पुलगांव पुलिस द्वारा दुर्घटना ग्रस्त वाहन को निकलने के लिए करें बुलवाया गया . करें द्वारा जब वाहन को निकाला जा रहा था तभी निकलते वक्त करें नदी में गिरते गिरते बची . पुलिस की सतर्कता का ही नतीजा है कि एक घटना के तुरंत बद हुई इस दूसरी घटना में कोई जान माल की हानि नहीं हुई जबकि दुर्घटना ग्रस्त वाहन को निकलते हुए देखने के लिए लोगो का हुजूम लगा हुआ था . साधुवाद उस सिपाही का जिसका ध्यान करें के झुकने की और गया और सभी को सावधान किया गया . एक पल की देरी भी एक बड़े घटना को अंजाम दे सकती थी .

दुर्ग / शौर्यपथ / शनिवार का दिन दमोदा बोरई निवासी शंकरलाल साहू के लिए काला दिन साबित हो गया . एक दुर्घटना में साहू की धर्म पत्नी झामवती साहू उम्र ५८ वर्ष की मौत हो गयी वही पुत्र की भी जान जाते जाते बची .
मामला महमरा एनिकट का है जहां यह दुर्घटना घटित हुई . प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतिका झामवती साहू ( नर्स  स्वास्थ्य विभाग - नागपुर स्वास्थ्य केंद्र ) पुत्र तेज प्रकाश साहू के साथ जिला अस्पताल दुर्ग से अपने घर अपने   निजी वाहन इंडिका cg/08 - 1486 से बोरई लौट रही थी तभी कार अनियंत्नरित होकर महमरा एनिकट पर नदी में गिर गयी . खबर की सुचना मिलते ही पुलगांव थाना हरकत में आई और आस पास के लोगो की मदद से झामवती साहू एवं तेज प्रकाश साहू को जिला अस्पाताल ले जाया गया .जहां चिकित्सक ने माँ को मृत घोषित किया और पुत्र तेज प्रकाश साहू को प्राथमिक उपचार बाद छुट्टी दे दी गयी .
पुलिस की सतर्कता से दूसरा हादसा होते होते बचा ..
पुलगांव पुलिस द्वारा दुर्घटना ग्रस्त वाहन को निकलने के लिए करें बुलवाया गया . करें द्वारा जब वाहन को निकाला जा रहा था तभी निकलते वक्त करें नदी में गिरते गिरते बची . पुलिस की सतर्कता का ही नतीजा है कि एक घटना के तुरंत बद हुई इस दूसरी घटना में कोई जान माल की हानि नहीं हुई जबकि दुर्घटना ग्रस्त वाहन को निकलते हुए देखने के लिए लोगो का हुजूम लगा हुआ था . साधुवाद उस सिपाही का जिसका ध्यान करें के झुकने की और गया और सभी को सावधान किया गया . एक पल की देरी भी एक बड़े घटना को अंजाम दे सकती थी .

कुलेश्वर वर्मा ने दृढ़ इच्छा शक्ति से त्यागी तंबाकू सेवन की आदत

*शौर्यपथ  विशेष*

कुलेश्वर वर्मा (36) पिछले 20वर्षों से तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पाद का सेवन कर रहे थे । तंबाकू ही उनका सब कुछ था । तंबाकू के बिना उनको लगता था एक पल भी जी नहीं पाऐंगे । लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति और निरंतर परामर्श ने कुलेश्वर वर्मा को 10 माह पूर्व तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पाद के सेवन से मुक्ति दिलाई।
कुलेश्वर वर्मा वाहन प्रबंधक के रूप में एक निजी संस्था में कार्य करते हैं । जब वह आठवीं क्लास में थे तब से उनको तम्बाकू की  आदत लग गई थी । शुरुआत के दिनों में मां बाप से छुपकर स्कूल में दोस्तों के साथ तंबाकू या गुटखे का सेवन करते थे लेकिन धीरे धीरे यह आदत ऐसी पड़ गई कि इससे पार पाना एक समुद्र पार करने के बराबर हो गया ।
घर की आर्थिक स्थिति भी इतनी सुद्रण नहीं थी। शुरुआती दिनों में पिताजी के जेब से एक दो रूपये चुराकर अपनी लत को पूरा किया और कभी-कभी दोस्तों ने भी सहयोग किया । मुझे लगा भी में जो सेवन कर रहा हूं यह एक बहुत बड़ा काम है ।‘’
लेकिन धीरे-धीरे इसने शरीर को अंदर ही अंदर खोखला करना शुरू कर दिया। कुलेश्वर बताते हैं आदत इतनी खराब हो गई थी एक दिन में वह कम से कम 50 से 100 रुपए तक के तंबाकू और गुटखे का सेवन करने लगे थे। जब नौकरी शुरू की तो यह आदत और बढगई। जो भी साथी मिलता वह भी गुटखे का शौकीन होता ।
एक वर्ष  पहले कुलेश्वर ने अखबार में नशा मुक्ति को लेकर एक खबर पढ़ी जिसमें बताया गया था रायपुर में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है जो पंडरी के जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक कुलेश्वर ने बताया मुझमें यह खबर पढ़ कर तम्बाकू खाने की आदत छोड़ने की इच्छा जागृत हुई।
मैंने वहां जाकर जब संपर्क किया तो सोशल वर्कर अजय बैस और नेहा सोनी ने मेरा परामर्श किया। डॉ सृष्टि यदु द्वारा मुझे निकोटीन चिंगम चबाने को दी गई। नियमित रूप से मेरी काउंसलिंग और व्यायाम कराने का कार्य किया गया।‘’
तम्बाकू से मेरा मुंह भी नहीं खुलता था।  लगातार फिज़ीयो थैरिपी सलाह का पालन करने से अब कुछ आराम मिला हैं । खाना खाने में स्वाद आने लगा है और मेरा पैसा बचने लगा है । घर में और समाज में मुझे एक विजेता के रूप में देखा जाने लगा  है’’ ।
कुलेश्वर कहते है तम्बाकू से मुक्ति पाना आसान नही था । शुरुआत में अजीब सी बेचैनी,  घबराहट, और चिड़चिड़ापन होता था। रात में नींद नहीं आती थी और छोटी छोटी बातो पर गुस्सा आता था। काम करने से पहले तम्बाकू खाने की इच्छा होती थी और नही मिलने पर काम में मन नही लगता था | भूख कम हो गई और कभी कभी लगा की मस्तिष्क संतुलन बिगड़ने लगा है ।
केंद्र के परामर्शदाताओं ने तम्बाकू को छोड़ने के लिए निकोटिन गम  दिया था । साथ ही मल्टीविटामिन का टेबलेट भी को दिया ।इसके साथ कुछ घरेलू उपचार के माध्यम से भी तम्बाकू को छुड़ाने के लियें  प्रयास करवाये जैसे सुबह योग के दौरान  दालचीनी और 2 काजू, बादाम को खाने के साथ अधिक पानी पीने की सलाह दी गई । परामर्श में तम्बाकू को नकारना भी सिखाया, और मन को नियंत्रण में करने पर बल दिया गया। शुरुआत में  बहुत परेशानी हुई लेकिन फिर तम्बाकू सेवन से मुक्ति पा गया ।
कुलेश्वर को जानने वाले कहते हैं जब यह ऑफिस में आते थे तो दिनभर इनके मुंह में तंबाकू भरा रहता था इनसे बात करने की इच्छा नहीं होती थी । जब यह बात करते थे तो बदबू आती थी।
लेकिन जब से इन्होंने यह आदत छोड़ी है।
आशीष सर्राफ ,कुलेश्वर के नियोक्ता  "मुझे बहुत खुशी होती है कि मेरे यहां भी तंबाकू पर विजय पाने वाला एक योद्धा मौजूद है । मैं अब दुसरों को कुलेश्वर का उदाहरण  दे सकता हूं।
कि जब कुलेश्वर तंबाकू छोड़ सकते हैं तो क्यों ना हम सब मिलकर इस तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पाद के सेवन से मुक्ति पाएं

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