December 05, 2024
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PANKAJ CHANDRAKAR

PANKAJ CHANDRAKAR

बिलासपुर /शौर्यपथ/

कमिश्नर डॉ. संजय अलंग एवं आईजी  रतनलाल डांगी ने आज अपोलो अस्पताल का दौरा कर राहुल के स्वास्थ्य का जायजा लिया। लगभग 105 घंटे तक बोरवेल में फंसे जांजगीर जिले के ग्राम पिहरीद निवासी राहुल साहू का अत्याधुनिक एवं सर्वसुविधायुक्त अपोलो अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है। आज यहां अस्पताल में राहुल के स्वास्थ्य की जानकारी लेने संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग एवं आई जी श्री रतन लाल डांगी पहुंचे। उन्होंने इलाज कर रहे डॉक्टरों से चर्चा कर उनके स्वास्थ्य एवं इलाज की जानकारी ली और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के निर्देशों के अनुरूप बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल में राहुल के माता-पिता एवं परिजनों से भी मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। संभागायुक्त डॉ. अलंग ने राहुल के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि राहुल ने बहुत हिम्मत दिखाई। गौरतलब है कि राहुल साहू को कल 60 फीट गहरे बोरवेल से सुरक्षित रूप से निकाल लिया गया । ग्रीन कॉरीडोर बनाकर उसे देर रात अपोलो अस्पताल लाया गया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि राहुल की स्थिति अभी स्थिर है और वह खाना खा रहा है।

कोरिया /शौर्यपथ/

जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से दूरस्थ बसे वनांचल रामगढ़ की स्कूली बच्चियों की हॉकी खेलने की चाह को जिला प्रशासन का साथ मिला है। बच्चियों की मांग पर स्थानीय प्रशासन द्वारा तुरंत हॉकी किट उपलब्ध कराई गई और उन्हें खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया गया।

विकासखंड सोनहत के ग्राम पंचायत रामगढ़ के शासकीय हाई स्कूल में पढ़ने वाली ये बच्चियां सुदूर वनांचल ग्रामों से आती हैं। रामगढ़, सिंघोर, चुलादर, नटवाही, एतवार, उज्ञाव और सलगंवा जैसों गांवों की रहने वाली इन स्कूली छात्राओं की इच्छा हॉकी खेलने की थी। कलेक्टर  कुलदीप शर्मा के संज्ञान में आते ही उन्होंने संबंधित एसडीएम को निर्देशित किया कि छात्राओं को नई किट दिलाई जाए। त्वरित कार्य करते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा हॉकी किट पहुंचाई गई। इस किट में जूते, जर्सी, गॉर्ड और हॉकी स्टिक शामिल है। किट मिलते ही बच्चियों की खुशी का ठिकाना ना रहा। किट मिलते ही छात्राओं ने के मैच खेला जिसमें टीम। में लक्ष्मी, कृति, मीनू, निर्मला, संतरिया, प्रेमवती, सीमा, रेशु, सीता, मुस्कान और उर्मिला शामिल रही तो टीम बी में मनीषा, अमीषा, सिमरन, संगीता, प्रतिमा, पूर्णिमा, चंदा, कन्या, प्रभावती और रोशनी शामिल रही। उन्होंने नई किट मिलने पर खुशी जताते हुए जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।

रायपुर /शौर्यपथ/

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा व्यसन मुक्ति अभियान की समीक्षा के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक संचालक समाज कल्याण श्री पी. दयानंद की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में सम्पन्न हुई। बैठक में नशा मुक्ति अभियान हेतु (भारत माता वाहिनी योजना) के तहत नौ करोड़ 97 लाख 31 हजार 795 रूपये की कार्ययोजना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। कार्ययोजना के तहत विभिन्न प्रचार माध्यमों के सहयोग से नशा मुक्ति हेतु व्यापक स्तर पर कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके तहत भारत माता वाहिनी के सदस्यों का प्रशिक्षण एवं अन्य प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम आयोजित होंगे।

बैठक में राज्य के सभी गांवों में भारत माता वाहिनी के द्वारा प्रभावी नशा मुक्ति अभियान चलाने के लिए सदस्यों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। प्रदेश में सभी ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले गांवों में नशा मुक्ति हेतु अभियान चलाने भारत माता वाहिनी के कार्यों के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। समाज कल्याण विभाग के संचालक ने कहा कि शराब व्यसन मुक्ति अभियान को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए सभी विभागों के सहयोग की आवश्यकता है। नशा एक सामाजिक बुराई है, इसे सभी के सहयोग और समन्वय से ही दूर किया जा सकता है। बैठक में बताया गया कि नशा पान करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए ग्राम पंचायतों में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा नशा मुक्ति के पक्ष में रैली, प्रभात फेरी, नशापान से होने वाले दुष्परिणामों का प्रचार-प्रसार, नारे, दीवार लेखन, पोस्टर, पम्पलेट, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नशा मुक्ति अभियान हेतु विभिन्न तिथियों में व्यापक कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसमें 26 जनवरी, 30 जनवरी, 31 मई, 26 जून, 15 अगस्त, दो अक्टूबर एवं 18 दिसम्बर को नशापान विरोधी प्रभात फेरी रैली इत्यादि के बड़े कार्यक्रम ग्राम पंचायतों में होंगे। शिक्षण संस्थाओं में नशा मुक्ति पर निबंध, भाषण, चित्रकला, लघु नाटिका, गायन प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में पंचायतों के प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा।

जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से नशा मुक्ति हेतु काउंसलिंग, योगाभ्यास, प्रोत्साहन संगोष्ठी, व्याख्यान इत्यादि में सक्रिय सहभागिता के लिए स्थानीय संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। बैठक में बताया गया कि रायपुर एवं भिलाई में केन्द्रीय अनुदान से तथा धमतरी, सरगुजा, दुर्ग एवं रायपुर में पृथक चार नशा मुक्ति केन्द्र राज्य शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाये जा रहे है। प्रदेश में शराब व्यसन मुक्ति अभियान के क्रियान्वयन से होने वाले प्रभावों का जिला स्तरीय समिति जिसके अध्यक्ष संबंधित जिले के कलेक्टर होंगे, उनके द्वारा पर्यवेक्षण, अनुश्रवण निगरानी की जाएगी तथा इसका प्रतिवेदन संचालनालय समाज कल्याण को उपलब्ध कराया जाएगा। बैठक में स्वास्थ्य, वाणिज्यिक कर, आबकारी, पंचायत, कृषि, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, जनसम्पर्क सहित अन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

रायपुर /शौर्यपथ/

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का समय पर पालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रति घोर लापरवाही और अज्ञानता के लिए तत्कालीन तीन जनसूचना अधिकारियों को 25-25 रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिए हैं। यह कार्यवाही छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त श्री धनवेन्द्र जायसवाल ने की है।

सरकारी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए साल 2005 में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून बनाया था। इस कानून के तहत भारत का कोई भी नागरिक सरकार के किसी भी विभाग की जानकारी हासिल कर सकता है। सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 7 में प्रावधान किया गया कि जनसूचना अधिकारी, आवेदक के द्वारा मांग की गई सूचना को 30 दिन के भीतर आवेदक को उपलब्ध कराएगा, जो उसके कार्यालय में संधारित किया गया है। कोई जनसूचना अधिकारी जानकारी देने से मना करता है, तो उसको इसका वास्तविक कारण बताना होगा, साथ ही इस संबंध में किसे अपील की जाए इसकी भी जानकारी देगा। सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 के तहत अगर कोई जनसूचना अधिकारी निर्धारित समय पर आवेदक को जानकारी नहीं देता है, तो उस पर 250 रुपये प्रति दिवस की दर से जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की यह राशि 25 हजार से ज्यादा नहीं होगी। इसके अलावा राज्य सूचना आयोग ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा कर सकते हैं।

शिकायकर्ता श्री शरद देवांगन रायगढ़ ने जनसूचना अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला जिला कोरबा को 22 जनवरी 2018 को आवेदन देकर एक जून 2012 से 31 दिसंबर 2017 के मध्य ग्राम पंचायतों के लेखा संधारण अभिलेख एवं अन्य पंजियों के संधारित तथा अद्यतन होने का प्रमाणपत्रों छायाप्रति की मांग की। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7 (1) के तहत आवेदन प्राप्ति के 30 दिवस के भीतर जानकारी आवेदक को देना होता है, किन्तु जनसूचना अधिकारी ने समय-सीमा में जानकारी आवेदक को नहीं उपलब्ध कराया। जानकारी प्राप्त न होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदन किया किन्तु प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा द्वारा निर्णय नहीं देने से क्षुब्ध होकर आयेग में द्वितीय अपील प्रस्तुत किया।

राज्य सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने प्रकरण का बारिकी से परीक्षण किया और आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के लिए आयोग में जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर अवसर प्रदान किया गया किन्तु जनसूचना अधिकारी ने आयोग के आदेशों की अवहेलना कर जवाब प्रस्तुत नहीं किया, जिसके लिए कलेक्टर कोरबा को निर्देशित किया गया कि जनसूचना अधिकारी जनपद पंचायत करतला को आयोग के समक्ष दस्तावेजों के साथ उपस्थित कराएं। तत्कालीन जनसूचना अधिकारी जनपद पंचायत करतला, जिला कोरबा के द्वारा आयेग में जवाब उपलब्ध नहीं कराने के कारण आयुक्त श्री जायसवाल ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी को 25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को निर्देश दिए हैं कि अर्थदण्ड की राशि की वसूली संबंधित जनसूचना अधिकारी के वेतन से काटकर शासकीय कोष में जमा कराकर आयोग को पालन प्रतिवेदन प्रेषित करें।

एक अन्य प्रक्ररण में अपीलार्थी जितेन्द्र सिंह ठाकुर ने बाजार पारा लैलूंगा जिला रायगढ़ ने जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत सकालो जनपद पंचायत अंबिकापुर को 27 दिसंबर 2017 को आवेदन देकर एक अपै्रल 2007 से 31 मई 2017 तक समस्त चेक रजिस्टर, पासबुक, पंचायत प्रस्ताव की सत्यापित छायाप्रति की मांग की। जनसूचना अधिकारी द्वारा समय सीमा में जानकारी प्राप्त न होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदन किया किन्तु प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा निर्णय नहीं देने से क्षुब्ध होकर आयोग में 4 जून 2018 को द्वितीय अपील प्रस्तुत किया। आयुक्त श्री जायसवाल ने आवेदन का परीक्षण कर जनसूचना अधिकारी को दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत होने निर्देश दिया गया। आयोग के आदेशों की अवहेलना कर जनसूचना अधिकारी ने जवाब प्रस्तुत नहीं किया, जिसके लिए कलेक्टर सरगुजा और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सयरगुजा को निर्देशित किया गया कि जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत सकालो को आयोग के समक्ष दस्तावेजों के साथ उपस्थित कराएं। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायसत सकालो द्वारा की गई अवहेलना घोर लापरवाही एवं अज्ञानता का प्रतीक माना गया, इस लापरवाही को राज्य सूचना आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत सकालो को 25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सरगुजा को निर्देश दिए हैं कि अर्थदण्ड की राशि की वसूली संबंधित जनसूचना अधिकारी के वेतन से काटकर शासकीय कोष में जमा कराएं और विभागीय जॉच कराकर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर आयोग को पालन प्रतिवेदन प्रेषित करें।

शिकायकर्ता श्री शरद देवांगन रायगढ़ ने जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत हरदीडीह जनपद पंचायत जैजैपुर को आयोग के द्वितीय अपील प्रक्ररण क्रमांक ए/614/2018 के पारित आदेश का पालन नहीं करने के कारण 2 जनवरी 2020 को आयेग में शिकायत किया। आयुक्त श्री जायसवाल ने शिकायत का गहन परीक्षण में पाया कि आयोग से आदेश होने के बाद भी जनसूचना अधिकारी ने आवेदक को किसी भी प्राकर की कार्यवाही नहीं किया। राज्य सूचना आयोग से नाटिस जारी होने पर अत्यधिक विलंब से आवेदक को जानकारी प्रदाय किया। आयुक्त ने आयोग में जनसूचना अधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं प्रस्तुत करने और आयोग के आदेश की अवहेलना को लापरवाही की पराकाष्ठा मानते हुए जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत हरदीडीह जनपद पंचायत जैजैपुर 20(1) के तहत 25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैजैपुर को निर्देश दिए कि अर्थदण्ड की राशि की वसूली संबंधित जनसूचना अधिकारी के वेतन से काटकर शासकीय कोष में जमा कराएं ओर आयोग को सूचित करें।

 

रायपुर /शौर्यपथ/

नगरीय प्रशासन विकास एवं श्रम मंत्री डॉं. शिवकुमार डहरिया की अनुशंसा से रायपुर जिले के अंतर्गत आरंग विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में 50 लाख रूपये के विभिन्न कार्यों की स्वीकृति दी गई है। गौरतलब है कि आरंग विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अंतर्गत सामुदायिक भवन निर्माण, रंगमंच, आहाता एवं सी. सी. रोड निर्माण कार्य हेतु ग्राम गुल्लू में सामुदायिक भवन निर्माण सतनामी पारा 6.50 लाख, भण्डारपुरी में सामुदायिक भवन निर्माण वार्ड क्र.-05 में 5.00 लाख, लखौली में रंगमंच निर्माण, सतनामी पारा में 2.00 लाख रूपये, चोरभट्ठी में सामुदायिक भवन में आहाता निर्माण कार्य, सतनामी पारा में 5.00 लाख रूपये, कुरूद में सामुदायिक भवन निर्माण हेतु स्वीकृत किए गए हैं। इसी प्रकार संत रविदास पारा में 5.00 लाख रूपये, भैंसा में सामुदायिक भवन निर्माण सतनामी पारा में 5.00 लाख रूपये, डूम्हा में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य बाबा गुरूघासी दास डूम्हा धाम में 5.00 लाख रूपये, ग्राम केषला में चबूतरा निर्माण कार्य जैतखाम बजरंग भाटा के पास 1.00 लाख रूपये, ग्राम-अमोदी में रंगमंच निर्माण कार्य, यज्ञ भवन चौक 2.50 लाख तथा रंगमंच निर्माण कार्य बड़े भाटा चौक 3.00 लाख रूपये स्वीकृत किए है। इसके अलावा ग्राम रींवा में सी. सी. रोड निर्माण कार्य श्याम लाल बंजारे के घर से गुरू घासीदास मंदिर तक तथा ग्राम सेमरिया (प) में सी. सी. रोड निर्माण कार्य, बाजार रोड से परसदा पहूंच मार्ग तक 5.00 उक्त समस्त कार्य हेतु 50 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इन कार्यों की स्वीकृति प्रदान करने पर जनप्रतिधियों एवं नागरिकों द्वारा मंत्री डॉ. डहरिया के प्रति आभार व्यक्त किया है।

रायपुर /शौर्यपथ/

अनेक गुणों से भरपूर लौकी भारतीय बाजारों में आसानी से उपलब्ध होती है। भारतीय व्यंजनों में लौकी का खूब इस्तेमाल किया जाता है। हजारों सालों से लौकी के रस का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इसमें संतृप्त वसा व कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम होती है। जिंक, फाइबर, लोहा यानि आयरन, विटामिन-सी, मैग्नीशियम व मैंगनीज की मात्रा ज्यादा होने से लौकी कई प्रकार की बीमारियों से बचाव में लाभप्रद है।

लौकी हमारे शरीर में विटामिन-बी, विटामिन-सी, आयरन और सोडियम की कमी को पूरा करने में मदद करती है। लौकी का जूस काफी लाभदायक है। यह फास्फोरस, फाइबर, पोटेशियम, आयरन, सोडियम और विटामिन का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें कैलोरी फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम होती है। लौकी अपने औषधीय गुणों के कारण दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही है। हृदय की समस्याओं के निदान में भी इसका उपयोग होता है। इसके नियमित उपयोग से बाईपास सर्जरी से भी बचा जा सकता है।

लौकी के कई तरह के व्यंजन बनाएं जा सकते हैं, जैसे लौकी का हलवा, लौकी की खीर, लौकी की सब्जी, लौकी का जूस, लौकी के पकौड़े आदि। लौकी की सबसे अच्छी बात यह है कि यह बेहद आसानी से मिल जाती है। सब्जी के रूप में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है।

शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि लौकी में विटामिन-ए और विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह पित्त व कफ़ दोषों में उपयोगी है। इससे न केवल शरीर के कई पोषक तत्वों की ज़रूरत पूरी होती है, बल्कि हमारा शरीर बहुत सारी बीमारियों से सुरक्षित भी रहता है। लौकी के इन्हीं गुणों के कारण कई बीमारियों में इसे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

लौकी शीतल व पौष्टिक होती है। यह एक बेहद फ़ायदेमंद सब्ज़ी है और हर मौसम में शरीर को फ़ायदा पहुंचाती है। इसमें डायटरी फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जबकि फैट और कोलेस्ट्रॉल बहुत ही कम मात्रा में होता है। लौकी में भरपूर मात्रा में थायमिन, राइबोफ्लेविन, मिनरल्स, फास्फोरस और सोडियम पाया जाता है, जो स्वस्थ रहने में मदद करता है। लौकी को छिलके सहित खाना अधिक लाभदायक होता है।

लौकी का सेवन शरीर को तरोताजा बनाए रखने का काम करता है। लौकी में पाया जाने वाला फाइबर कब्ज और बवासीर की समस्या को दूर करने में मददगार है। यह शरीर के दर्द और सूजन से राहत दिलाने का काम करता है। कुछ शोधों से यह भी पता चला हैं कि लौकी का रस अनिद्रा और मिर्गी के इलाज में भी फायदेमंद होता है। खाली पेट एक गिलास लौकी का जूस पीने से ताजगी और ऊर्जा मिलती है। इसके जूस में 98 प्रतिशत पानी और एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकाल देते हैं। इसे पीने से शरीर को ठंडक भी मिलती है।

यदि आप तनाव में रहते हैं और नींद भी ठीक से नहीं आती है, तो लौकी का जूस इसके लिए फायदेमंद है। लौकी यदि कड़वी है तो उसका सेवन नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को जुकाम या नजले की समस्या हो वे लौकी का रस सर्दियों में ना पियें। पीना ही चाहें तो सोंठ और काली मिर्च डालकर पिएं। शुरुआत में लौकी का जूस पीने से कब्ज और पेट खराब होने जैसी समस्या हो सकती है क्योंकि लौकी का जूस पेट से विकारों को बाहर निकालता है। इस तरह के कोई लक्षण हो तो घबराएँ नहीं। कुछ समय के बाद यह लक्षण अपने आप ठीक हो जायेगें। लौकी का औषधि के रूप में उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञ के परामर्श से ही करना चाहिए।

 

सूरजपुर /शौर्यपथ/

विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुये, उन्हें संरक्षण देने हेतु राज्य में छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम-1972 की धारा-3 उपधारा-2 (दो) के तहत् 16 जून 2022 से 15 अगस्त 2022 तक की अवधि को बंद ऋतु (क्लोज सीजन) के रूप में घोषित किया गया है। अतः छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त नदियों-नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों में जिन पर सिंचाई के तालाब जलाशय (बड़े या छोटे) जो निर्मित किये गये है में किये जा रहे केज कल्चर के अतिरिक्त सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून 2022 से 15 अगस्त 2022 तक पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। इन नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के नियम-3 (5) के अंतर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा 10 हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनांे एक साथ होने का प्रावधान है। उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी, नाले से नहीं है, के अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर में लागू नहीं होगें

रायपुर /शौर्यपथ/

त्रिस्तरीय पंचायत उप चुनाव 2022 के लिए अभ्यर्थिता से नाम वापसी के बाद राज्य में जनपद सदस्य के 3 पद, सरपंच के 22 और पंच के 406 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति है। जनपद पंचायत सदस्य के 3, सरपंच के 62 और पंच के 52 पदों पर निर्वाचन होगा। जिसके लिए 28 जून को प्रातः 7 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक मतदान होगा।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के जनपद पंचायत सदस्य के 6 रिक्त पदों में से 3 पद जिसमें बिलासपुर जिले के जनपद पंचायत तखतपुर, गरियाबंद जिले के छुरा और बीजापुर जिले के भैरमगढ़ जनपद पंचायत में निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति बनी है। मुंगेली जिले के जनपद पंचायत मुंगेली, बस्तर जिले के जनपद पंचायत तोकापाल और कोण्डागांव जिले के जनपद पंचायत फरसगांव में 1-1 सदस्य का निर्वाचन होगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के विभिन्न त्रिस्तरीय पंचायतों में जनपद सदस्य के 6, सरपंच के 108 और पंच के 631 रिक्त पदों पर उप निर्वाचन की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। नामांकन की अंतिम तिथि तक जनपद सदस्य के 6 पद, सरपंच के 84 और पंच के 458 पदों के लिए नाम-निर्देशन पत्र प्राप्त हुए। अभ्यर्थिता से नाम वापसी और निर्विरोध निर्वाचन के पश्चात् 3 जनपद सदस्य के लिए 9 अभ्यर्थी और 62 सरपंच पद के लिए 206 अभ्यर्थी तथा 52 पंच पदों के लिए 114 अभ्यर्थी चुनाव लड़ेंगे।
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में पंच के रिक्त 05 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। इसी तरह कोरबा जिले मे पंच के 7 पदों के लिए 1-1 अभ्यर्थी ने नामांकन दाखिल किया था। सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति है।
सरगुजा जिले में पंच के 06 पदों के लिए 1-1 अभ्यर्थी हैं। सरपंच के 1 पद के लिए 1 अभ्यर्थी ने नामांकन दाखिल किया था। इन पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ। कांकेर जिले में पंच के 13 पदों के लिए 1-1 अभ्यर्थी हैं। इन पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ, सरपंच के 1 पद के लिए 1 अभ्यर्थी ने नामांकन दाखिल किया था जिसके लिए निर्विरोध निर्वाचन हुआ।

सुकमा जिले में पंच के 1-1 अभ्यर्थी ने नामांकन दाखिल किया, इन पदों पर निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति है। नारायणपुर जिले में पंच के 8 पदों के लिए 1-1 और सरपंच के 3 पदों के लिए 1-1 अभ्यर्थियों ने नामांकन दाखिल किया। इन सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति है। दंतेवाड़ा जिले में पंच के 9 पदों के लिए 1-1 अभ्यर्थी और सरपंच के 2 पदों के लिए 1-1 अभ्यर्थी ने नामांकन दाखिल किया। इन सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ।
निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति के बाद अब शेष पदों के लिए बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चाम्पा, रायगढ़, बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर, कोरिया, रायपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बलौदाबाजार, दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, राजनांदगांव, कबीरधाम, बस्तर, कोण्डागांव तथा बीजापुर जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन होगा।

 

रायपुर /शौर्यपथ/

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यहार जागरूकता दिवस के अवसर पर समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में रायपुर सहित देश भर के 22 शहरों में सर्वेक्षण पर आधारित राष्ट्रीय सर्वे रिपोर्ट का विमोचन किया। हेल्प एज इंडिया की इस रिपोर्ट ’अपूर्णता का संभरण- बुजुर्गों की आवश्यकताओं को समझना’ (ब्रिज द गैप-अंडरस्टैंडिंग एल्डर नीड्स) में बुजुर्गों के आय, रोजगार, स्वास्थ्य, सुरक्षा, उनके सामाजिक व डिजिटल समावेशन और उनसे दुर्व्यव्हार पर अध्ययन किया गया है। कार्यक्रम का आयोजन समाज कल्याण विभाग और हेल्प एज इण्डिया द्वारा किया गया।
श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति बुजुर्गों के सम्मान की रही है। बुजुर्ग समाज के धरोहर हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल बुजुर्गों की हर संभव सहायता के लिए कृत संकल्पित हैं। समाज कल्याण विभाग बुजुर्गों सहित सभी वर्गों के लोगों के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कार्यक्रम में आए सुझावों पर तुरंत सहमति देते हुए अधिकारियों को बुजुर्गों को व्यस्त रखने के लिए छोटे-छोटे समूह की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने बुजुर्गों के मार्गदर्शन के लिए विशेषज्ञों के अनुभव का लाभ भी लेने के लिए कहा। ऐसे बुजुर्ग जो अकेले हों, या जिनके बच्चे बाहर काम करते हों उनके रहवास के लिए रायपुर में जमीन दिलाने की पहल करने का भी आश्वासन श्रीमती भेंड़िया ने दिया।

सर्वे रिपोर्ट का विमोचन

श्रीमती भेंड़िया ने बुजुर्गांे से बातचीत करते हुए उन्हें बताया कि राज्य सरकार ने राजीव गांधी युवा मितान योजना का संचालन शुरू किया है। इसमें गांवों के 10 युवाओं को शामिल कर मितान क्लब संचालित होगा। ये युवा हर वर्ग की मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि गांवों में आज भी आपसी मेलजोल की परंपरा बची हुई है,लेकिन शहरों में लोग स्वयं में सीमित हो गए हैं। अकेलेपन को दूर करने के लिए बुजुर्गा मित्र बनाएं और सत्संग, योग, व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें। बुजुर्गों के लिए हेल्पलाइन जारी की गई है उसकी मदद लें। छत्तीसगढ़ में बुजुर्गों की मदद के लिए कई संस्थाएं काम कर रही हैं। विशेषज्ञों और बुजुर्गों के सुझावों के अनुसार वरिष्ठजन की सहायता के लिए और पहल की जाएगी।
समाज कल्याण विभाग के संचालक श्री पी.दयानंद ने बताया कि बुजुर्गों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार एवं परेशानियों के विरुद्ध आवाज उठाने और जागरूकता के लिए 15 जून को संयुक्त राष्ट्र के आह्वान पर विश्व बुजुर्ग दुर्व्यहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दुनियाभर में लगभग हर 6 लोगों में से 1 बुज़ुर्ग दुर्व्यवहार का शिकार है। समाज को बुजुर्गों के प्रति भावनात्मक और मानसिक ठेस पर संवेदनशील होने की जरूरत है। यह खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ में 24 जिलों में संचालित 31 वृद्धाश्रमों में से अधिकांश में क्षमता के बराबर भी वृद्धजन नहीं हैं। इस साल जागरूकता दिवस की थीम ’सभी उम्र के लिए डिजिटल इक्विटी’ रखी गई है। बड़ी संख्या में बुजुर्ग साइबर क्राइम के शिकार होते हैं। इसके लिए उनमें जानकारी और जागरूकता लाने की जरूरत है।
हेल्प एज इंडिया के राज्य प्रमुख श्री शुभंकर विश्वास ने बताया कि वर्तमान जनसंख्या में 10 प्रतिशत बुजुर्ग हैं। आने वाले समय यह यह संख्या बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगी। अनुमानित 28 लाख बुजुर्ग छत्तीसगढ़ में निवास करते हैं। सीनियर सिटिजन का स्व-सहायता समूह बनाकर उनकी मदद की जा सकती है। कार्यक्रम में बताया गया कि छत्तीसगढ़ में बुजुर्गों के लिए हेल्पलाइन नंबर 14567 संचालित किया जा रहा है। सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक बुजुर्ग कानूनी परामर्श, पेंशन योजनाओं की जानकारी सहित किसी भी प्रकार की प्रताड़ना और समस्या के लिए हेल्प लाइन की मदद ले सकते हैं। हेल्पलाइन काउंसलर श्री अमित भौमिक ने बताया कि पुलिस के सहयोग से 2013 से बुजुर्गों के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001801253 संचालित है, जिसमें वाट्सअप के माध्यम से भी मदद मांगी जा सकती है।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा बुजुर्गों को स्वास्थ्य और डिजिटल जागरूकता बढ़ाने के लिए जानकारी भी दी गई। कृषि वैज्ञानिक डॉ. जे. एस. उरकरकर ने बुजुर्गों को साइबर क्राइम से बचाव के बारे में बताया और मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. अरविंद नेरल ने एजिंग को आगे बढ़ाने सहित स्वस्थ रहने के नुस्खे बताए। उन्होंने बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यस्तता, सामाजिक मेल-जोल और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम और उचित खान-पान को जरूरी बताया। उन्होंने बुजुर्गों की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए हॉस्पिटल में जीरियाट्रिक वार्ड और उसके विशषज्ञों की व्यवस्था करने पर बल दिया। उन्होंने पेड ओल्ड एज होम्स, मल्टी सर्विस सेंटर, हेल्थ विजिटर, सीनियर सिटिजन एडॉप्शन जैसी पहल के सुझाव भी समाज कल्याण विभाग के सामने रखे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।

 

रायपुर /शौर्यपथ/

राहुल को खुद भगवान ने बचाया जो दिन-रात ,भूखे-प्यासे, बिना सोये रेस्कयू में लगे थे

अस्पताल के आईसीयू में राहुल की माँ गीता साहू । माँ बार-बार बेटे का माथा चूम रही है..मेरा लाल..मेरा लाल कहकर सर में हाथ फेर रही है , दुलार रही है । एक -एक जख्मों को देख रही है मानो आज ही वो सारे जख्मों को भर देना चाहती हो ।
राहुल सुन नहीं सकता, पर माँ के हाथों में वो जादू है जिससे सिर्फ महसूस भर किया जा सकता है, सुनने की जरूरत ही कहाँ है । राहुल बोल भी नहीं सकता, एकटक माँ को ही देख रहा, माँ उसे निहार रही है फिर शब्दों की किसे जरूरत है । राहुल और उसकी माँ का प्यार देखकर तो लगा जैसे दोनों को पूरी दुनिया मिल गयी हो ।
अस्पताल में राहुल की माँ गीता साहू से जो भी मिलने आ रहा है वो दोनों हाथों को कृतज्ञता से जोड़ ले रहीं हैं । गीता ने पांच दिन से कुछ नहीं खाया है और ना ही सोयी हैं । वे कहती हैं कि भगवान कैसे होते हैं, बीते पांच दिनों में देखा है । मेरा तो बेटा है राहुल पर बाकी लोग उसे बचाने के लिये दिन-रात ,भूखे-प्यासे, बिना सोये लगे रहे । ये सब मेरे लिये साक्षात भगवान हैं। मैं तो सिर्फ पैदा की हूं राहुल को लेकिन सब ने मिलकर उसे नया जन्म दिया है । देश भर से करोड़ों लोगों की दुआओं ने असर किया है और आज मेरा बेटा मेरे सामने है।
हमर मुख्यमंत्री को हम सब परिवार के लोग करोड़ों बार प्रणाम करते हैं । वे दिन-रात राहुल की खबर लेते रहे । यहां अधिकारियों के पास और हमारे पास भी मुख्यमंत्री जी लगातार फोन करते रहे । गीता आगे कहतीं हैं कि सरकार, प्रशासन और बेटे को निकालने में लगी टीम को टीम को जीवन भर दुआएं दूंगी । भगवान सभी के बच्चों को लंबी उम्र दे ।
दरअसल गीता ने ही सबसे पहले खोजते हुए राहुल को बोरवेल में पाया था । उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राहुल घर के बाहर खेल रहा था । जब बहुत देर तक नहीं आया तो चिंता हुई । मैं खोजने निकली तो बोरवेल के पास से राहुल के रोने की आवाज आयी । मैं करीब गयी और कान लगाकर सुना तो राहुल ही रो रहा था । इसके बाद हमने प्रशासन को सूचना दी तो बिना देर किये सभी लोग आ गये और बचाव कार्य शुरू कर दिए।
गौरतलब है कि जांजगीर के पिहरीद गांव में बोरवेल में फंसे राहुल को 106 घँटे की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार की रात सकुशल निकाला गया था । इसके बाद राहुल को बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है । जहाँ उसका इलाज चल रहा है, डॉक्टरों के मुताबिक राहुल को कोई बड़ी समस्या नहीं है । बोरवेल में गिरने से जो घाव हुए हैं वो जल्द ही भर जाएंगे

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