December 07, 2025
Hindi Hindi

नियमित टीकाकरण है पोलियो का कारगर इलाज डॉ.परसाई

  • Ad Content 1

रायपुर / शौर्यपथ / हर वर्ष 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है । इस दिन लोगों को पोलियो के बारे में जागरूक किया जाता है| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)ने भारत को 27 मार्च वर्ष 2014 को पोलियो मुक्त घोषित किया है। छत्तीसगढ़ में 2002 के बाद कोई पोलियो का केस नहीं मिल है।
देश में पोलियो की रोकथाम बेहद जटिल थी , जो मज़बूत निगरानी प्रणाली, और गहन टीकाकरण अभियान के साथ सामाजिक गतिशीलता प्रयासों से संभव हुआ है। जब तक रोग समाप्त नहीं हो जाता है, भारत को सतर्क रहना होगा । अफगानिस्तान, नाइजीरिया और पाकिस्तान तीन देश हैं, ‘जहां वाइल्ड पोलियो वायरस का संचारण हो रहा है’। वर्ष 1998 के बाद से पोलियो के मामलों में ज्यादा की कमी आयी है। बाल्यावस्था में प्रतिरक्षा के उच्च स्तर को बनाए रखने के लिए समस्त देशों में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर बच्चों को टीकाकरण किया जाता है।
प्रभारी ज़िला टीकाकरण अधिकारी रायपुर डॉ. अनिल कुमार परसाई ने बताया पोलियोमाइलाइटिस (पोलियो) अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग हैजो कि मुख्यत: छोटे बच्चों (पांच वर्ष से कम आयु) को प्रभावित करता है। विषाणु मुख्यत: मल-मौखिक मार्ग या दूषित पानी या आहार के माध्यम से व्यक्ति-से-व्यक्ति में फैलता है यह संक्रामक वायरल रोग आंत में पनपता है, वहां से यह अपना सफर शुरू कर तंत्रिका तंत्र में पहुंच जाता है । पक्षाघात उत्पन्न करता है। शुरूआती लक्षणों में संक्रमित बच्चे को बुख़ार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न अंगों में दर्द है। दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण आमतौर पर पैरों में अपरिवर्तनीय पक्षाघात उत्पन्न करता है। पक्षाघात से पीड़ितों पांच से दस प्रतिशत की मृत्यु हो जाती है, उनकी श्वास की मांसपेशियों ठीक से कार्य नहीं करती हैं।
इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन और लाइव ओरल पोलियोवायरस वैक्सीन के उपयोग ने वर्ष 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (जीपीईआई) की स्थापना हुई थी । रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए रोटरी, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), यूनिसेफ, सहित और अन्य देशों की सरकारे भी शामिल हैं ।
पोलियो की खुराक और टीकाकरण शासकीय अस्पतालों में निशुल्क किया जाता है
पोलियो का कोई उपचार नहीं है, लेकिन सुरक्षित एवं प्रभावी टीकाकरण के माध्यम से पोलियो से बचा जा सकता है। टीकाकरण कई बार किया जाता है। टीकाकरण बच्चे के जीवन को सुरक्षित करता है। पोलियो खत्म करने की रणनीति, में संचारण समाप्त न हो जाएं तथा विश्व पोलियो मुक्त न हो जाएं, तब तक हर बच्चे को टीकाकरण के माध्यम से सुरक्षित कर सकते है । संक्रमण को रोकने के लिए दो प्रकार के टीके उपलब्ध होते हैं।ओपीवी (ओरल पोलियो वैक्सीन): यह वैक्सीन संस्थागत प्रसव पर जन्म के समय मौखिक रूप से दी जाती है, फिर प्राथमिक तीन खुराकों को छह, दस और चौदह सप्ताह तथा एक बूस्टर की खुराक सौलह से चौबीस महीने की आयु पर दी जाती है। इंजेक्टबल पोलियो वैक्सीन (आईपीवी): दो आंशिक खुराकें 6 सप्ताह और चौदह सप्ताह की आयु पर दाहिनी बांह के ऊपरी भाग में दी जाती है।

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)