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- कलेक्टर ने स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण एवं विभिन्न योजनाओं के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की
- कलेक्टर ने आगामी शैक्षणिक सत्र में बोर्ड परीक्षा के परिणाम सुधार हेतु विशेष प्रयास करने के दिए निर्देश
- स्मार्ट क्लासेस का होना चाहिए सही उपयोग
- स्कूलों की रैंकिंग के संबंध में दिए निर्देश
- पढ़ाई में पिछड़ रहे क्षेत्रों में विशेष तौर पर कार्य करने की आवश्यकता
- युक्तियुक्तकरण एवं अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दिए आवश्यक निर्देश
- जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत अधिक से अधिक लाभान्वित करने की आवश्यकता
- श्रवण बाधित बच्चों के बैरा टेस्ट के माध्यम से बच्चों को उच्च गुणवत्ता के श्रवण यंत्र उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
- दृष्टि बाधित बच्चों के लिए पावर वाले चश्मा प्रदाय करने के लिए कहा
- सभी स्कूलों में अधोसंरचना, उपलब्ध सुविधाओं, साफ-सफाई की समीक्षा की
राजनांदगांव/शौर्यपथ /कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए कार्ययोजना, बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए मंथली टेस्ट, स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण एवं विभिन्न योजनाओं के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि बच्चों के पढ़ाई की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे बच्चे जो पढ़ाई में कमजोर है, उन पर ध्यान देते हुए कार्य करने की जरूरत है। बच्चों की पढ़ाई की निरंतरता बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र में बच्चों की गुणवत्तायुक्त पढ़ाई के लिए कार्ययोजना बनाकर प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में पिछड़ रहे क्षेत्रों में विशेष तौर पर कार्य करने की आवश्यकता है। कलेक्टर ने आगामी शैक्षणिक सत्र में बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधार हेतु प्रतिमाह यूनिट टेस्ट करवाने, कमजोर विद्यार्थियों का चिन्हांकन, स्टडी मटेरियरल उपलब्ध कराने तथा इस संबंध में व्यापक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में सभी आवश्यक निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने नवाचार तथा अच्छे सुझाव भी आपस में साझा करने कहा। उन्होंने कहा कि जिले में स्मार्ट टीवी के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे है। संपर्क डिवाईस के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में कार्य करें और स्मार्ट टीवी का सही उपयोग करें। बच्चों को कैरियर काउंसलिंग के साथ ही अच्छी पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने सभी स्कूलों में अधोसंरचना, उपलब्ध सुविधाओं, साफ-सफाई एवं शौचालय के संबंध में जानकारी ली। स्कूलों में फर्नीचर एवं अन्य सामग्री के रख-रखाव के संबंध में भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने आगामी शैक्षणिक सत्र में बोर्ड परीक्षा के परिणाम सुधार हेतु विशेष प्रयास करने के लिए निर्देश दिए।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न की जाएगी, जिसमें प्रथम चरण में स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा और दूसरे चरण में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। शालाओं का युक्तियुक्तकरण के तहत एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों का समायोजन किया जायेगा। उन्होंने 7 मई तक समायोजित होने वाली शालाओं का प्रस्ताव विकासखड स्तरीय समिति द्वारा जिला स्तरीय समिति को प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत अधिक से अधिक लाभान्वित करने की आवश्यक है। उन्होंने बच्चों के नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण, गणवेश वितरण, मध्यान्ह भोजन, सायकल वितरण के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि समग्र शिक्षा के तहत विभिन्न विद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण एवं समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराने के लिए निरीक्षण करने निर्देशित किया। उन्होंने कोविड से मृत्यु हुए पालकों के बच्चों को महतारी दुलार योजना के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के गृह भेंट करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने श्रवण बाधित बच्चों के कान की सुनने की क्षमता का बैरा टेस्ट के माध्यम से वास्तविक परीक्षण करवाकर बच्चों को उच्च गुणवत्ता के श्रवण यंत्र उपलब्ध कराने एवं दृष्टि बाधित बच्चों के लिए पावर वाले चश्मा प्रदाय करने के निर्देश दिए।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत जरूरतमंद बच्चों को लाभान्वित करने की जरूरत है। स्कूल से ड्राप आऊट बच्चों को चिन्हांकित कर उनकी काउंसलिंग करने की आवश्यकता है। बच्चों के सीखने की क्षमता पर ध्यान देते हुए तकनीक के माध्यम से बेहतर परिणाम प्राप्त करने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास कुमार बघेल ने स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में जानकारी दी तथा समग्र शिक्षा, स्कूल में स्मार्ट टीवी, उपलब्ध अन्य सुविधाएं, निर्माणाधीन स्कूल, नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक, गणवेश, मध्यान्ह भोजन, सायकल वितरण के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कक्षा 10वीं एवं 12वीं के बच्चों के कैरियर काउंसलिंग के लिए कार्य करेंगे, जिससे उनकी पढ़ाई हो सकेंगी। उन्होंने शिक्षा के अधिकार के संबंध में जानकारी दी। बैठक में नगर पालिक निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम राजनांदगांव खेमलाल वर्मा, एसडीएम डोंगरगढ़ मनोज मरकाम, एसडीएम डोंगरगांव श्रीकांत कोर्राम, सहायक संचालक शिक्षा आदित्य खरे, बी संगीता राव, डीएमसी सतीश ब्यौहरे, एडीपीओ पीआर झाड़े, एपीसी मो. रफीक अंसारी, आदर्श वासनिक, विकासखंड शिक्षा अधिकारी डीआर देवांगन, प्रशांत चिर्वतकर, आर एल पात्रे, श्री विरेंद्र कौर गरचा, बीआरसी भगत सिंह ठाकुर, पीडी साहू, अरविंद रत्नाकर, इनायत अली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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