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सुपोषण के बारे मे जागरूकता लाने और बच्चों, महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुपोषण चौपाल का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है । ग्रामों में भी सुपोषण चौपालों का आयोजन किया जा रहा है। सुपोषण चौपाल में पौष्टिक आहार से संबंधित जानकारियां बच्चों गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को दी जा रही है।
ज़िले में सुपोषण चौपाल का आयोजन जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडे के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है ।
सुपोषण चौपाल की जानकारी देते हुए गुढ़ियारी सेक्टर की पर्यवेक्षक रीता चौधरी ने बताया “ आज गुढ़ियारी सेक्टर की समस्त 28 आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुपोषण चौपाल का आयोजन किया गया है। सुपोषण चौपाल को माह के प्रथम और तृतीय गुरुवार को करने का कहा गया है । सुपोषण चौपाल का उद्देश्य बच्चों, महिलाओं को कुपोषण से बचाना है ।कोविड-19 महामारी के इस दौर मे कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी गतिविधियां का आयोजन किया जा रहा है। सुपोषण चौपाल में महिलाओं को पोषण आहार से जुड़ी विशेष जानकारी दी जाती है । साथ ही पूरक पोषण आहार के बारे में बताया जाता है। गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है,क्योंकि इस समय शरीर को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते। पोषण आहार ना खाने से माता और नवजात शिशु कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुपोषण चौपाल अभियान चलाकर प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने की पहल कर रहा है।”
उन्होंने कहा ‘’पोषण अभियान अंतर्गत सुपोषण चौपाल समुदाय आधारित गतिविधि है । जिसमें अन्नप्राशन,गोद भराई दिवस, शाला पूर्व शिक्षा प्रवेश दिवस, जनस्वास्थ्य दिवस आदि दिवसों का आयोजन किया जाता है।सुविधानुसार प्रत्येक सुपोषण चौपाल के दिन किसी न किसी गतिविधि पर फोकस करते हुए गतिविधियों का आयोजन और प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ।प्रत्येक माह में उपलब्ध हितग्राहियों के अनुसार सुपोषण चौपाल आयोजित की जाती है । जिसमे गर्भवती महिलाओं का शीघ्र पंजीयन कर गोद भराई दिवस का आयोजन किया जाता है एवं छह माह की आयु पूर्ण कर चुके बच्चों के लिए अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है। गर्भवती महिलाओं के प्रति बच्चों के पिता और पुरुषों की भागीदारी के लिए सुपोषण दिवस थीम पर सुपोषण चौपाल का आयोजन करते है।‘’
उन्होंने बताया ‘’गोद भराई में एक नारियल, आधा किलो चना, या मूंग जिसे वह प्रतिदिन अंकुरित करके खाएगी दिया जाता है । बच्चों को अन्नप्राशन के लियें एक कटोरी और एक चम्मच प्रत्येक बच्चे के लिए पोषण दिवस पर दिया जाता है ।जन स्वास्थ्य दिवस पर समुदाय को जागरूक करने के लिए गतिविधियों का आयोजन करते जैसे-रंगोली प्रतियोगिता और प्रश्नोत्तरी करते हैं और पुरस्कार भी वितरित किया जाता है।
“आंगनवाड़ी केंद्र पर उपस्थित प्रतिभागियों को नाश्ते में अंकुरित सामग्री या गुड़ चना या फल्ली गुड़ जैसी पोषण सामग्री प्रदान करने का प्रयास किया जाता है । बच्चों, महिलाओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पौष्टिक आहार का वितरण भी करती है। सुपोषण के प्रति जागरूकता लाने के लिए आकर्षक रंगोली तथा चित्रकारी सुपोषण थाली प्रतियोगिता भी करवायी जाती है ।विविध गतिविधियां भी आयोजित की जा रही है। जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ताओ एवं समूहों की महिलाओं द्वारा केन्द्रों और अपने घरों में पोषण अभियान संबंधी आकर्षक रंगोली तथा चित्रकारी बनाई जा रही है।“
“हाथ साफ करने के दिये टिप्स भी दिये जाते है। लाभार्थी को बीमारी की चपेट से आने से बचाने के लिए साफ सफाई का विशेष ख्याल रखने को कहा जाता है। मां को कब कब अपने हाथ अच्छी तरह साबुन से धोना चाहिए इस बारे में महिलाओं को समझाया जाता है।“
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Feb 09, 2021 Rate: 4.00
