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नई दिल्ली/शौर्यपथ /महाराष्ट्र में सियासी संकट जल्द खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. वैसे इस लड़ाई में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले बागी गुट की स्थिति लगातार मजबूत होती जा रही है और सीएम उद्धव ठाकरे की स्थिति लगातार कमजोर पड़ रही है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि लगता नहीं कि महाराष्ट्र मामले को लेकर गतिरोध जल्द खत्म होने वाला है. उन्होंने कहा, "शिवसेना में दरार पड़ गई और यह दो धड़ों में बंट गई. बागी गुट के विधायकों की संख्या दो तिहाई होने की स्थिति में ही इस विभाजन को कानूनी माना जाएगा. यह प्रक्रिया तो विधानसभा स्पीकर के सामने ही हो सकती है. स्वाभाविक है कि ऐसे में बागी गुट को मुंबई आना होगा और स्पीकर के सामने जाना होगा, इसके बगैर कुछ नहीं हो सकता."
इस बारे में प्रक्रिया को लेकर बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री चव्हाण ने कहा, "देखिए सदन तो अभी है नहीं. अभी बुलाया भी नहीं गया. ऐसे में सीएम को सदन बुलाने के लिए गवर्नर को लेटर लिखना होगा. ऐसे में गर्वनर, उद्धव ठाकरे से पूछ सकते हैं कि आप सीएम हैं या नहीं. आपके पास बहुमत हैं या नहीं, साबित कीजिए. इसके पहले शिवसेना में आई अंदरूनी दरार के बारे में फैसला करना होगा. शिवसेना में लेकर इस समय दो स्थितियां हैं. बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे कह रहे-मैं नेता हूं, दूसरी ओर 2018 में जो चुनाव हुआ था, उसके बाद ठाकरे चुने गए थे. कुल मिलाकर जटिल स्थिति है, ऐसे में चुनाव आयोग का अहम रोल रहेगा कि चुनाव चिन्ह किसके पास रहेगा. एक बात तो साफ है कि बागी विधायकों को स्पीकर के पास जाना होगा. "
महाराष्ट्र विधानसभा में इस समय स्पीकर नहीं है, क्या डिप्टी स्पीकर, बागी गुट के कुछ लोगों को अयोग्य करार दे सकते हैं, इस पर चव्हाण ने कहा, "इस बारे में मेरे लिए कुछ कहना संभव नहीं है. डिप्टी स्पीकर को जो लीगल एडवाइज मिलेगी, उसके अनुसार वे फैसला करेंगे. " चव्हाण ने यह भी कहा कि यह शिवसेना की घर की लड़ाई है. बेहतर होगा कि वे इसे घर ही सुलझा लें, उद्धव ठाकरे ने भी यही बात कही है. महाराष्ट्र संकट में गवर्नर, इलेक्शन कमीशन और डिप्टी स्पीकर के रोल पर उन्होंने कहा कि यह सभी संवैधानिक पद हैं और इन्हें कानून के मुताबिक काम करना चाहिए. जहां तक ईसी के रोल की बात है तो यह चुनाव चिन्ह के बारे में फैसला करते समय होगा, अभी वह स्थिति नहीं आए हैं. गवर्नर का रोल भी तब आएगा जब इस्तीफा होगा. महाराष्ट्र का सियासी संकट कितना लंबा खिंचेगा, इस सवाल पर इस वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, "यह मैं नहीं जानता. कुछ भी कहना मुश्किल है. सीएम मुंबई में बैठे हैं, बागी विधायक गुवाहाटी में हैं. सरकार का कामकाज चल रहा है. बागी गुट का दरख्वास्त देने होगी, उन्हें स्पीकर के सामने जाना होगा."
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