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नई दल्ली /शौर्यपथ /सूरत गुजरात कांग्रेसको एक बड़ा झटका लगा है. सूरत से पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया है, क्योंकि उनके तीन प्रस्तावकों ने जिला चुनाव अधिकारी को एक हलफनामे में दावा किया था कि उन्होंने उनके नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. 21 अप्रैल को, जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) सौरभ पारधी ने कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन इस आधार पर खारिज कर दिया कि उनके तीन प्रस्तावक उनके नामांकन फॉर्म का समर्थन करने के लिए डीईओ के सामने आने में विफल रहे.
साथ ही पार्टी के स्थानापन्न उम्मीदवारका नामांकन पत्र भी इसी आधार पर खारिज कर दिया गया है कि प्रस्तावकों ने फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है.
अपहरण का आरोप
अब सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं है. विपक्षी दल के नेताओं ने आरोप लगाया है कि उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज कराने के लिए पुलिस और राज्य मशीनरी की मदद से सत्तारूढ़ दल द्वारा प्रस्तावकों का "अपहरण" किया गया था. जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) ने 20 अप्रैल को गुजरात के सूरत लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी से जवाब मांगा, जब उनके तीन प्रस्तावकों ने दावा किया कि उन्होंने उनके नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. सूरत डीईओ सौरभ पारधी ने कुंभानी को अपना जवाब देने के लिए 21 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक का समय दिया. दिलचस्प बात यह है कि सूरत से कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला के एकमात्र प्रस्तावक ने भी इस बात से इनकार किया कि उन्होंने नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके बाद गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को अमान्य कराने की कोशिश कर रही है.
रविवार सुबह तक समय
20 अप्रैल की शाम को सूरत डीईओ के समक्ष सुनवाई के दौरान कुंभानी और पडसाला ने जवाब देने के लिए 21 अप्रैल तक का समय मांगा. कांग्रेस प्रवक्ता नैशाद देसाई ने कहा, "मुख्य उम्मीदवार (कुंभानी) और स्थानापन्न उम्मीदवार (पडसाला) के प्रस्तावकों ने कागजात पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है. अंतिम आदेश पारित होने से पहले हमें रविवार सुबह 11 बजे तक का समय दिया गया है. पार्टी एक विस्तृत तर्क प्रस्तुत करेगी." कुंभानी ने कहा कि उनके प्रस्तावक रमेश पोलारा, जगदीश सावलिया और धुविन धमेलिया इस समय संपर्क में नहीं हैं, लेकिन वह जल्द ही उनसे संपर्क करेंगे.
AAP के आरोप
AAP नेता गोपाल इटालिया ने आरोप लगाया कि कुंभानी के प्रस्तावकों का अपहरण कर लिया गया है. इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है. उन्होंने दावा किया कि प्रस्तावकों पर नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से इनकार करते हुए हलफनामा जमा करने का दबाव डाला गया है. गुजरात में कांग्रेस और AAP गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने 26 में से 24 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि AAP भावनगर और भरूच से चुनाव लड़ रही है.
"सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे"
गोहिल ने कहा कि पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए पूरा ध्यान रखती है कि उसके उम्मीदवारों के नामांकन फॉर्म में कोई त्रुटि न हो. गोहिल ने आरोप लगाया, "इसके बावजूद, भाजपा ने 14 स्थानों पर आपत्ति जताई. सूरत में, भाजपा को डर था कि कांग्रेस जीत जाएगी, इसलिए उन्होंने प्रस्तावकों पर फॉर्म पर हस्ताक्षर न करने के बारे में हलफनामा दाखिल करने के लिए दबाव डालने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया. सभी चार प्रस्तावकों, तीन मुख्य उम्मीदवार और एक अन्य स्थानापन्न उम्मीदवार के प्रस्तावकों ने समान दावे किए हैं." उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी.
इन सीटों पर भी पेंच
इसके अलावा अमरेली से कांग्रेस उम्मीदवार जेनी थुम्मर और भावनगर से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार उमेश मकवाना के नामांकन पत्रों पर आईं आपत्तियों पर भी अधिकारियों को अभी फैसला लेना है. भावनगर से भाजपा उम्मीदवार निमुबेन बंभानिया ने दावा किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मकवाना द्वारा दायर हलफनामे में आय विवरण और उनके वर्तमान हलफनामे में दी गई जानकारी में विसंगति थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता का भी पूरी तरह से खुलासा नहीं किया. अमरेली में, भाजपा के रावु खुमान ने आरोप लगाया कि थुम्मर ने अपने हलफनामे में अपनी संपत्ति का पूरा विवरण नहीं दिया है. उन्होंने कहा, "हमने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है और इस पर निर्णय लेना अधिकारी का काम है." अमरेली के डीईओ अजय दहिया ने कहा कि थुम्मर को स्पष्टीकरण प्रदान करने के लिए शाम 4 बजे तक का समय दिया गया था. 21 अप्रैल की सुबह अंतिम सुनवाई होगी, जिसके बाद फैसला लिया जाएगा.
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