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हिसार/शौर्यपथ / हरियाणा में हिसार लोकसभा क्षेत्र पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. यहां इस बार काफी रोचक चुनाव हो रहा है और इस मुकाबले के केंद्र में चौटाला परिवार है. इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला है और इन चार उम्मीदवारों में से तीन पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के परिवार के लोग हैं. यहां ससुर और दो बहुएं आमने-सामने हैं.
हिसार में 2019 के चुनाव में बीजेपी पहली बार जीती थी. इस क्षेत्र में करीब 18 लाख वोटर हैं, जिनमें से 46 फीसदी महिलाएं हैं. इस चुनाव में रणजीत चौटाला के लिए अमित शाह और मनोहरलाल खट्टर पूरी ताकत लगा रहे हैं. जयप्रकाश (जेपी) के लिए भूपेंद्र हुड्डा जुटे हुए हैं. नैना चौटाला के प्रचार की कमान उनके बेटे दुष्यंत चौटाला ने संभाल रखी है.
‘स्टील सिटी' के नाम से मशहूर हिसार का चुनावी मूड समझने के लिए एनडीटीवी की टीम अपनी चुनावी यात्रा में मतदाताओं के बीच पहुंची. यहां 25 मई को मतदान होना है. हिसार में इस बार उम्मीदवारों के चयन ने इस सीट को खासा दिलचस्प बना दिया है.
हिसार लोकसभा क्षेत्र से जुड़े तीन प्रमुख पहलू
इस सीट पर पिछले कुछ चुनावों से जीता हुआ प्रत्याशी अगले चुनाव से पहले ही पार्टी बदल लेता है. इस बार भी ऐसा ही हुआ है. यह सीट हरियाणा के बड़े राजनीतिक घरानों की सियासी लड़ाई का केंद्र रही है. जाटों की लड़ाई में कुछ सवर्ण और पिछड़ी जातियां निर्णायक हो जाती हैं.
ससुर और दो बहुओं में फाइट, कौन जेपी की साइड
इस बार हिसार में बीजेपी ने पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला पर दांव खेला है तो उनके सामने परिवार की दो बहुएं ताल ठोक रही हैं. इनमें जेजेपी से नैना चौटाला तो इनेलो से सुनैना चौटाला मैदान में हैं. कांग्रेस ने पूर्व सांसद जयप्रकाश यानी जेपी को टिकट दिया है. चारों जाट हैं और इस बार हिसार में चतुष्कोणीय (फोर कॉर्नर कॉन्टेस्ट) चुनावी भिड़ंत हो रही है. माना जा रहा है कि हिसार हरियाणा का चुनावी ‘सार' तय करने जा रहा है.
परिवार की लड़ाई में कांग्रेस को आस
चौटाला परिवार में ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत पर उत्तराधिकार की लड़ाई है तो दूसरी ओर कांग्रेस अपनी खोई सियासी प्रतिष्ठा पाना चाहती है. इस पारिवारिक लड़ाई ने कांग्रेस की उम्मीदें बढ़ा दी हैं.
हिसार सीट पर बीजेपी ने 2019 में पहली दफा जीत हासिल की थी. कांग्रेस यहां पर सात बार जीत चुकी है. भजनलाल और देवीलाल परिवार का करीब तीन दशक तक यहां दबदबा रहा है.
किसने किसके लिए झोंकी ताकत
गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सीएम मनोहरलाल खट्टर हिसार में रणजीत चौटाला के लिए प्रचार में जुटे रहे हैं. वहीं इस सीट से 2014 में सांसद रहे दुष्यंत चौटाला अपनी मां नैना चौटाला के लिए जुटे रहे हैं. दुष्यंत के लिए यह सीट साख का सवाल भी है. सुनैना चौटाला के लिए जेठ अभय चौटाला ने कमान संभाल रखी है. जेपी के पक्ष में भूपेन्द्र हुड्डा ने काफी पसीना बहाया है.
हिसार में जाट वोटों का बंटना तो तय है, लिहाजा ब्राह्मण, बनिया और पिछड़ी जातियों के वोटर ईवीएम पर निर्णायक साबित होंगे.
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