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नई दिल्ली/शौर्यपथ /पूरे देश में मौसम का कहर देखने को मिल रहा है. एक तरफ दिल्ली समेत उत्तर भारत के राज्य भीषण लू की चपेट में हैं वहीं बंगाल की खाड़ी से सटे राज्यों में समुद्री तूफान का कहर देखने को मिल रहा है. भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा,राजस्थान और पंजाब के लगभग 3 दर्जन जगहों पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया.
बंगाल की खाड़ी में तूफान के कारण बंगाल, ओडिशा, पूर्वोत्तर के राज्यों में पिछले 2 दिनों में भारी बारिश हुई है. तूफान का असर गंगा बेसिन के क्षेत्रों में भी देखने को मिला है. बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में भी तूफान का असर देखने को मिला है. जिसके कारण तापमान में गिरावट आयी है और लोगों को लू से राहत मिली है.
क्या रेमल दिलाएगा गर्मी से राहत?
भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान के कारण ओडिशा, बंगाल, आंध्रप्रदेश के कुछ हिस्से, पूर्वोत्तर के राज्यों और बिहार, झारखंड में भारी बारिश हुई है. बारिश के कारण इन राज्यों में तापमान में गिरावट हुई है और अगले एक सप्ताह तक लू चलने की संभावना नहीं है. तापमान समान्य से नीचे आ गया है और लोगों को लू से राहत मिली है.
उत्तर और पश्चिम भारत के राज्यों को नहीं मिलेगी राहत
बंगाल की खाड़ी में आए तूफान से उत्तर भारत के राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मौसम पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है. वहीं राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिलेगी. दिल्ली में 30 मई तक हीटवेव चलने की चेतावनी जारी की गई है. उसके बाद 31 मई को हल्की बारिश होने की उम्मीद जतायी गयी है.
बंगाल की खाड़ी में आए तूफान का मॉनसून पर नहीं पड़ेगा असर
भारत में मॉनसून हिन्द महासागर व अरब सागर की ओर से हिमालय की ओर आने वाली हवाओं पर निर्भर करता है. जब ये हवाएं भारत के दक्षिण पश्चिम तट पर पश्चिमी घाट से टकराती हैं तो भारत तथा आसपास के देशों में बारिश होती है. साधारणत: भारत में मॉनसून केरल तट से दस्तक देता है. मौसम में परिवर्तन और पूरे देश में गर्मी से राहत मॉनसून की बारिश के बाद भी होता है. बंगाल की खाड़ी में आए तूफान का असर कुछ राज्यों में ही होता है और कुछ समय के बाद तापमान में परिवर्तन की फिर संभावना रहती है.
कई राज्यों में गर्मी को लेकर 'रेड अलर्ट' जारी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और गुजरात के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया गया. राजस्थान का फलौदी लगातार दूसरे दिन देश का सबसे गर्म स्थान रहा जहां अधिकतम तापमान 49.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. एक दिन पहले शहर का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कम से कम 37 स्थानों पर रविवार को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक दर्ज किया गया.
एनसीआर में गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. आईएमडी के मुताबिक सोमवार के दिन सुबह से ही तेज गर्मी का असर देखने को मिल रहा है. दोपहर तक पारा 46 डिग्री के पार जाने की संभावना है. आने वाले 30 मई तक हीट वेव का असर देखने को मिलेगा, उसके बाद मौसम सामान्य होने की उम्मीद है. आईएमडी ने अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए आंकड़ों में बताया है कि सोमवार को दिन में ही भीषण गर्मी का सामना लोगों को करना पड़ेगा. जारी किए गए आंकड़ों में 27 मई को पारा 46 डिग्री के पार जाने की संभावना जताई गई है. 28 मई को 45 डिग्री, 29 मई को 45 डिग्री और 30 मई को 44 डिग्री के आसपास पारा रहने की संभावना है.
एनसीआर में गर्मी से अभी राहत नहीं
एनसीआर में गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. आईएमडी के मुताबिक सोमवार के दिन सुबह से ही तेज गर्मी का असर देखने को मिल रहा है. दोपहर तक पारा 46 डिग्री के पार जाने की संभावना है. आने वाले 30 मई तक हीट वेव का असर देखने को मिलेगा, उसके बाद मौसम सामान्य होने की उम्मीद है. आईएमडी ने अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए आंकड़ों में बताया है कि सोमवार को दिन में ही भीषण गर्मी का सामना लोगों को करना पड़ेगा. जारी किए गए आंकड़ों में 27 मई को पारा 46 डिग्री के पार जाने की संभावना जताई गई है. 28 मई को 45 डिग्री, 29 मई को 45 डिग्री और 30 मई को 44 डिग्री के आसपास पारा रहने की संभावना है.
उत्तर प्रदेश के नोएडा के कई अस्पतालों में 30 प्रतिशत मरीज हीट वेव से परेशान होकर पहुंच रहे हैं. इसको देखते हुए जिला अस्पताल में हीट वेव को लेकर एक अलग वार्ड तैयार किया गया है. इस वार्ड में 30 बेड भी रिजर्व किए गए हैं. अस्पताल की सीएमएस के मुताबिक, ज्यादातर मरीज हीट वेव से परेशान होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. इनमें डिहाइड्रेशन के मरीज सबसे ज्यादा हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक, 30 मई के बाद जून के पहले हफ्ते से लोगों को हीट वेव का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसके साथ-साथ मौसम में भी बदलाव देखने को मिलेगा, जिसके चलते पारा नीचे गिरेगा और लोगों को गर्मी से निजात मिलेगी.
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