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नई दिल्ली/शौर्यपथ /गुजरात के राजकोट गेमिंग जोन आग हादसे के बाद हर गुजरते दिन के साथ दुख और असहनीय पीड़ा की कहानियां लगातार हमारे सामने आ रही हैं. टीआरपी गेम जोन में लगी आग के कारण 28 लोगों की मौत हो गई थी और कई परिवारों ने अपने सदस्यों को खो दिया था. साथ ही एक परिवार ऐसा भी है, जो हादसे के बाद से ही अपने घर के इकलौते चिराग को ढूंढ रहा है. हालांकि हादसे को 60 से ज्यादा घंटे होने के बावजूद उसका पता नहीं चल रहा है.
राजकोट के अमृतवाटिका में रहने वाला बोरसानिया परिवार 20 साल के नीरव बोरसानिया की तलाश में जुटा है. बोरसानिया कंप्यूटर इंजीनियरिंग के सेकेंड ईयर के विद्यार्थी हैं. हादसे के दिन बोरसानिया अपने दोस्त प्रियांक पटेल के साथ टीआरपी गेम जोन में शाम करीब 5 बजे पहुंचे थे.
दोस्त के साथ मस्ती कर रहे थे बोरसानिया
बोरसानिया अपने दोस्त के साथ यहां पर मस्ती कर रहे थे. उन्हें वहां पर पहुंचे कुछ ही समय हुआ था कि टीआरपी गेम जोन में आग लग गई थी. लोग आग से बचने के लिए सोच ही रहे थे कि अचानक से आग पूरे जोन में फैल गई.
अगले दिन जूनागढ़ घूमने जाने था प्लान
नीरव के चाचा निलेश बोरसानिया और पिता रसिक ने एनडीटीवी से बातचीत की और बताया कि वे दोनों अगले दिन जूनागढ़ घूमने जाने वाले थे और गेम जोन में कुछ वक्त के लिए घूमने गए थे.
इस हादसे को 60 घंटे से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है और नीरव कहां है, इसका पता नहीं चल पा रहा है. इसे लेकर परिवार बेहद चिंतित है और हर तरीके से नीरव को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है.
पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार
उधर, इस हादसे के मुख्य आरोपी धवल ठक्कर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, ठक्कर को बनासकांठा पुलिस ने आबू रोड से गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक पुलिस ने कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं कोर्ट ने पहले से गिरफ्तार तीन आरोपियों को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. हादसे के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने मामले को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है. वहीं राज्य सरकार ने 7 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
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