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नई दिल्ली/शौर्यपथ /भारतीय यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान हाई कमीशन में बैठे जिस दानिश के साथ संपर्क में थी, उसके बारे में कई और जानकारियां सामने आई है. दरअसल दानिश पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा डेस्क में अधिकारी था. वह न सिर्फ भारत के लोगो को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए ट्रैप कर रहा था बल्कि हाई कमीशन में बैठकर घूसखोरी भी कर रहा था.
एक वीजा के बदले लेता था 5 हजार रुपये घूस
दानिश एक वीजा लगवाने की फाइल क्लीयर का करीब 5 हजार रुपये घूस लेता था. घूस की ये रकम गिरफ्तार आरोपी यामीन मोहम्मद के पास जमा रहते थे. दानिश संग यामीन का कनेक्शन भी सामने आ गया है. यामीन मोहम्मद वह शख्स है, जो पाकिस्तान हाई कमीशन वीजा लगवाने आने वाले को झांसे में लेता था और दानिश से मिलवाता था. फिर दानिश के कहने पर ही यामीन घूस की रकम क्लाइंट से लेकर रख लेता था. दानिश का मोबाइल नंबर***8939 पाकिस्तान हाई कमीशन के नाम पर रजिस्टर्ड है.
दानिश और यामीन का कनेक्शन जानिए
दानिश इस नंबर के जरिए ही ज्योति, गजाला और यामीन से व्हाट्सएप ,स्नेप चेट्स में वॉइस कॉल के जरिए बातचीत करता था. गज़ाला और तारिक जावेद का पाकिस्तान का वीजा सामने आया है. जिसमें अटैची हाई कमीशन ऑफ पाकिस्तान नई दिल्ली लिखा हुआ है औऱ मुहर भी देखी जा सकती है. गजाला यामीन और देवेन्द्र सिंह ढिल्लो से हुई सेंट्रल एजेसियों की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट भी सामने आई है.
गजाला ने पूछताछ में क्या कहा?
मैं गजाला, मेरे पति की कोविड में मौत हो गई थी, मैं पहली बार फरवरी में पाकिस्तान हाई कमीशन गई और दूसरी बार मार्च में पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी. पहली बार जब मैं पाकिस्तान हाई कमीशन गई तो मुझे वहां पर वीजा डेस्क पर दानिश नाम के एक पाकिस्तानी अधिकारी मिले. उन्होंने मेरे बारे में सारी जानकारी पूछी और मुझे अपना मोबाइल नंबर दे दिया. मैं कागजी कार्रवाई करके वहां से निकल आई. मेरा नंबर भी दानिश नाम के पाकिस्तानी अधिकारी के पास था. उसके बाद उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि कुछ वीजा में डॉक्युमेंट की कमी है एक बार फिर आपको पाकिस्तान हाई कमीशन आना होगा. इसके बाद में फिर पाकिस्तान हाई कमीशन गई. उसी दौरान हमारी काफी बातचीत हुई और फिर दानिश और हम एक दूसरे से लगातार बात करने लगे. दानिश ने मुझे बताया कि उसकी शादी हो चुकी है और उसकी पत्नी भी उसके साथ रहती है, लेकिन वह मेरे साथ शादी करना चाहता है. वह अपनी पत्नी को भी इसके बारे में बताएगा. मेरी आर्थिक तंगी को देखते हुए उसने मुझे पैसे देने की भी बात कही. उसके लिए उसने मेरे को यूपीआई के जरिए करीब 20000 पहुंचाएं. यह पैसा यामीन के जरिए मेरे पास पहुंचा. दानिश जब दिल्ली में इंडिया गेट या कई अन्य जगहों पर घूमने जाते थे कुछ छोटी-मोटी शॉपिंग या खाना पीना करते थे तो मुझे उसे शॉप का क्यूआर कोड भेज देते थे और बोलते थे कि इस पर पेमेंट कर दो. उसी 20 हजार में से वह मुझे भी वह खर्च करने के लिए कहते थे. मैं उनके मुताबिक वह सब कर रही थी. उन्होंने मुझसे पूछा भी कि पंजाब में आर्मी से जुड़ी कुछ जानकारियां तुम्हारे पास है या नहीं अगर है तो मुझे दो या अरेंज करो. मेरे पाकिस्तान के लाहौर में कुछ रिश्तेदार रहते हैं और उन्होंने मुझे कहा कि तुम यहां पर आ जाओ यहां पर कपड़े से जुड़ा व्यापार करेंगे तुम्हारी आर्थिक स्थिति भी सुधर जाएगी इसलिए मैं पाकिस्तान जाना चाह रही थी.
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