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नई दिल्ली/ शौर्यपथ / कोरोनावायरस की दूसरी लहर के चलते देश में कई राज्यों में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू सहित कई सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं. देश की श्रम शक्ति का अहम हिस्सा, देश के मजदूरों के लिए स्थिति पहली लहर जितनी भयावह तो नहीं है, लेकिन हां उन्हें कोई राहत भी नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने इसे लेकर श्रम मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में कोरोना की मार झेल रहे गरीब मजदूरों के लिए तुरंत वित्तीय राहत पैकेज की मांग की गई है.
भारतीय मज़दूर संघ ने श्रम मंत्री संतोष गंगवार से कोरोना संकट झेल रहे गरीब मज़दूरों के लिए तत्काल वित्तीय राहत पैकेज की मांग की है. बता दें कि भारतीय मज़दूर संघ के महासचिव बिनोय सिन्हा ने श्रम मंत्री को चिठ्ठी लिखकर मांग की है कि ESI स्कीम से जुड़े कोरोना पीड़ित मज़दूरों के इलाज पर हुए खर्च का पूरा पैसा उन्हें रिइंबर्स किया जाए.
इसमें यह भी कहा गया है कि सभी ESI के अस्पतालों और मेडिकल डिस्पेंसरीज़ में मज़दूरों के लिए टीकाकरण मुफ्त हो और जिन मजदूरों की मौत हुई है, उनके परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाए. वहीं, कोरोना से होने वाली मौत के अंतिम संस्कार के लिए राहत राशि बढ़ाकर 30,000 की जाए.
CAIT ने भी मांगी थी मदद
बता दें कि अभी पिछले हफ्ते ही कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भी व्यापारियों के लिए राहत मांगी थी. संगठन ने बताया था कि पिछले 40 दिनों में घरेलू व्यापार को 7 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. इस चिट्ठी में कई तत्काल वित्तीय राहत उपायों और GST (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स) और आयकर के तहत विभिन्न वैधानिक देय तारीखों को 31 अगस्त, 2021 तक बढ़ाने का आग्रह किया था.
साथ ही यह भी कहा गया था कि बैंकों को लॉकडाउन की अवधि के लिए व्यापारियों से ऋण पर कोई ब्याज नहीं लेने का निर्देश दिया जाए और छह महीने का एक मोरेटोरियम अवधि दी जाए, जिसमें ऋण की ईएमआई का भुगतान करने पर रोक लगाई जाए.
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