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दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिले भर के जनप्रतिनिधियों से कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन को लेकर चर्चा की। प्रदेश में लॉकडाउन में छूट देने के बाद की परिस्थितियों पर विचार विमर्श किया। प्रभारी मंत्री ने कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने और लॉकडाउन को लेकर जनप्रतिनिधियों से सुझाव मांगे। इन सुझावों के आधार पर राज्य सरकार आगे की रणनीति तय करेगी।
वीडियो कांफ्रेंस के दौरान प्रभारी मंत्री अकबर से दुर्ग के महापौर धीरज बाकलीवाल ने दुर्ग जिले सहित पूरे प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढऩे पर चिंता जताते हुए कहा कि बचाव के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाने चाहिएं ,कारोबार और व्यवसाय को बंद नहीं किया जा सकता है , इसके लिए ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे बाजार में भीड़ ना हो साथ ही आम जनता को इस जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए आर्थिक गतिविधियों को चालू रखकर मास्क पहनना अनिवार्य करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने सहित सभी जरूरी सावधानियां बरतने ठोस कदम उठाना चाहिए। इससे बीमारी का संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी .
महापौर बाकलीवाल ने कहा कि लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद लोग मास्क पहने बिना घर से बाहर निकल रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है। अन्य सावधानी बरतना भी जरूरी है। ज्यादा देर तक दुकानें खुलने पर संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। व्यवसायिक गतिविधियां जरूरी हैं। मार्केट के व्यवसायिक संस्थानों समेत सभी स्थानों की दुकानें खुलने का समय कम करते हुए नियमों का पालन कड़ाई से होना चाहिए। बाकलीवाल ने साप्ताहिक बाजारों को भी बंद रखने पर जोर दिया है। बाकलीवाल ने कहा कि महामारी फैलने से लोगों का जीवन बचाने जरूरी होने पर 14 या 21 दिनों का पूर्ण लाकडाउन भी लागू करने के विकल्प पर भी विचार करना चाहिए।
कोरोना पेशेंट के साथ परिजनों के लिए बने क्वारेंटाइन सेंटर
बाकलीवाल ने एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर पेशेंट को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की व्यवस्था होती है। पेशेंट के अस्पताल में भर्ती होने के बाद घर पर रहने वाले परिजनों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। महामारी से बचाव और डर के कारण आसपास के लोग कोरोना पॉजिटिव पेशेंट के परिजनों को बोर या नल से पानी लेने नहीं देते। उन्हें राशन दुकान से राशन न मिलने की जानकारी भी मिली है। बाकलीवाल ने कहा कि कोरोना पेशेंट के साथ उनके संपर्क में आने वाले परिजनों समेत अन्य लोगों के लिए अलग से क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जाना चाहिए। जब तक सभी की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक परिजनों को भी क्वारेंटाइन सेंटर में रहने की व्यवस्था होना चाहिए। इससे पेशेंट के परिजनों को राहत और सुविधाएं मिलेगी।
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