August 04, 2025
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सभी शासकीय अस्पतालों में 1 जून से कैशलेस व्यवस्था : मंत्री टी.एस. सिंहदेव Featured

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मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए 5122 करोड़ 8 लाख 71 हजार रुपए की अनुदान मांगे पारित*

*डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से प्रदेश के 85 प्रतिशत परिवार लाभान्वित* 

*सिकलसेल की जांच के लिए 51 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग*

*मितानिनों को हर महीने मिलेंगे 2200 रूपए का मानदेय* 

 

रायपुर । शौर्यपथ ।   छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर और बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए कुल 5122 करोड़ आठ लाख 71 हजार रुपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गईं। इनमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 3207 करोड़ 70 लाख 90 हजार रुपए, चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 1574 करोड़ 48 लाख तीन हजार रुपए, वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित व्यय के लिए 335 करोड़ 76 लाख 63 हजार रुपए तथा बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से संबंधित व्यय के लिए चार करोड़ 13 लाख 15 हजार रुपए शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन को बताया कि प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में आगामी एक जून से कैशलेस व्यवस्था चालू हो जाएगी। मरीजों को इलाज, जांच एवं दवाओं के लिए एक रूपया भी नहीं देना होगा। ओपीडी, आईपीडी, दवा एवं सभी तरह की डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदेशवासियों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस पर अपनी स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि कैशलेस व्यवस्था से यूनिवर्सल हेल्थ केयर की परिकल्पना के अनुरूप स्वास्थ्य को एक अधिकार का रूप देने के लक्ष्य को हासिल करने के साथ ही प्रदेश की न्याय योजनाओं में एक और आयाम जुड़ेगा। इससे कैशलेस शासकीय अस्पताल की परिकल्पना पूर्ण होगी। 

श्री सिंहदेव ने कहा कि यूनिवर्सल हेल्थ केयर की अवधारणा को साकार करने में मानव संसाधन की अहम भूमिका है। प्रदेश में वर्ष 2017-18 में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या 179 थी जो पिछले 4 वर्षों में बढ़कर 534 हो गई है। विगत 4 वर्षों में ही इसमें तीन गुना वृद्धि हुई है। बीते 4 वर्षों में चिकित्सा अधिकारियों की संख्या 1302 से बढ़कर 2413 एवं दंत चिकित्सकों की संख्या 67 से बढ़कर 222 हो गई है। उन्होंने कहा कि 2017-18 में प्रदेश में डायलिसिस की सुविधा केवल तीन स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध थी, जो आज बढ़कर 29 स्वास्थ्य केन्द्रों तक पहुंच चुकी है। इन केन्द्रों में इस साल किडनी के मरीजों के 42 हजार डायलिसिस किए गए हैं। 

स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में बताया कि डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ प्रदेश के 85 प्रतिशत परिवारों को मिल रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत दुर्लभ एवं गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 20 लाख रूपए तक की राशि जरूरतमंदों को प्रदान की जा रही है। छत्तीसगढ़ आयुष्मान कार्ड बनाने में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने बताया कि डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के लिए वर्ष 2023-24 के लिए 990 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है, जो कि 2018-19 की तुलना में तीन गुना वृद्धि है। स्वास्थ्य योजनाओं में केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात वर्ष 2018-19 में 40ः60 प्रतिशत हुआ करता था, यह अब 30ः70 प्रतिशत हो गया है। आने वाले वर्षों में यह अनुपात 20ः80 प्रतिशत हो जाएगा।

श्री सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा सिकलसेल से प्रभावित मरीज पाए जाने वाले राज्यों में से एक है। इसे पूरी गंभीरता से लेते हुए राज्य के हर जिले में सिकलसेल प्रबंधन केन्द्र की स्थापना कर देश में सर्वाधिक 51 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। सिकलसेल इंस्टीट्यूट का नवीन भवन 45 करोड़ रूपए की लागत से निर्माणाधीन है। प्रदेश में सिकलसेल की जांच के लिए पाईंट ऑफ केयर टेस्टिंग की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। इस टेस्ट से तत्काल पता चल जाएगा कि व्यक्ति सिकलसेल से पीड़ित है या नहीं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के तीन नए मेडिकल कॉलेजों कांकेर, महासमुंद और कोरबा के भवन के निर्माण के लिए टेण्डर की प्रक्रिया चल रही है। 

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने सदन में बताया कि प्रदेश में मातृ मृत्यु दर में कमी आई है। छत्तीसगढ़ देश में मातृ मृत्यु दर में ज्यादा कमी लाने वाले राज्यों में शामिल है। हमें इसे और भी नीचे लेकर जाना है। पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की तारीफ राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। वहां ऐसी व्यवस्थाएं लागू की गई हैं, जो देश के किसी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नहीं है। श्री सिंहदेव ने सदन में बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में राज्य के सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों को नए भवन मिल जाएंगे। स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायता करने वाली मितानिनों को नए बजट में हर महीने 2200 रूपए का मानदेय देने की घोषणा हुई है। यह राशि विभिन्न योजनाओं के तहत उन्हें मिलने वाले प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त होगी।

वाणिज्यिक कर मंत्री श्री सिंहदेव ने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए 18 हजार 500 करोड़ रूपए जीएसटी के संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है। इस साल 28 फरवरी तक 15 हजार 723 करोड़ 81 लाख रूपए का राजस्व संग्रहण हो चुका है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 85 प्रतिशत है। वर्ष 2021-22 में 12 हजार 991 करोड़ 4 लाख रूपए का कर संग्रहण हुआ था। इस साल का कर संग्रहण पिछले वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है। छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल की कीमत पड़ोसी राज्यों से कम है। श्री सिंहदेव ने सदन में बताया कि राज्य शासन द्वारा छोटे भू-खण्डों की रजिस्ट्री पर रोक हटाने से आम लोगों को राहत मिली है। रोक हटाने के बाद से 4 लाख 29 हजार 605 छोटे भू-खण्डों की रजिस्ट्री की जा चुकी है। पंजीयन कार्यालयों में पुराने दस्तावेजों को स्कैन कर सुरक्षित रखा जा रहा है। 

श्री सिंहदेव ने बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के उत्तर में कहा कि इसके अंतर्गत गरीबी, रोजगार, शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य, कृषि, भूमि सुधार, सिंचाई, पेयजल, कमजोर वर्ग का संरक्षण तथा सशक्तिकरण, उपभोक्ता संरक्षण, पर्यावरण, ई-शासन आदि सामाजिक एवं आर्थिक पहलुओं को शामिल करने पर बल दिया गया है। प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत 5 करोड़ 96 लाख 80 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। इसके तहत हितग्राहियों को 1354 करोड़ 4 लाख 24 हजार रूपए दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 432 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में 39 हजार 550 स्व-सहायता समूहों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि वन विभाग के अंतर्गत कुल 34 हजार 703 हेक्टेयर क्षेत्र में 250 लाख पौधों का रोपण किया गया है। ऊर्जा विभाग के अंतर्गत 8869 पंप सेटों को बिजली प्रदान की गई है। 

विधानसभा में आज लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर और बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, डॉ. विनय जायसवाल, सर्वश्री सौरभ सिंह, धर्मजीत सिंह, अजय चंद्राकर, शैलेष पाण्डेय, प्रमोद शर्मा, केशव प्रसाद चन्द्रा, श्रीमती अनिता शर्मा, पुन्नूलाल मोहले और नारायण चंदेल ने हिस्सा लिया।

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