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रायपुर / शौर्यपथ / पीएससी भर्ती घोटाला के परत अब खुलने शुरू हो चुके है . प्रदेश सरकार ने अपने चुनावी घोषणा में पीएससी भर्ती घोटाला पर जाँच की बात कही थी . पीएससी भर्ती के परिणाम आने के बाद से ही भाजपा द्वारा लगातार घोटाले का आरोप्लागाया जा रहा था यहाँ तक कि मामला हाई कोर्ट में पहुँचने के बाद माननीय न्यायालय ने भी कड़ी निंदा की थी . प्रदेश सरकार के कार्यकाल के अभी दो माह पूर्ण भी नहीं हुए ऐसे में पीएससी भर्ती घोटाला पर कार्यवाही के आरम्भ होने से अन्य अभियार्थी सही प्रदेश के युवा सरकार के फैसले से प्रसन्न है .
बता दे कि छत्तीसगढ़ में पीएससी भर्ती गड़बड़ी मामले में ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज किया गया है. तत्कालीन पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी समेत कुछ नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. जीवन किशोर ध्रुव के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. पीएससी परिणाम आने के बाद से ही भाजपा लगातार इस मामले को उठाता रहा है. सरकार में आने से पहले भाजपा ने वादा किया था कि हमारी सरकार आई तो पीएससी मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों को जेल भेजा जाएगा। भाजपा ने इस मामले को अपने आरोप पत्र में भी शामिल किया था. ऐसे में वादे के मुताबिक, भाजपा सरकार ने मामले की सीबीआई जांच कराने का फैसला भी ले चुकी है। उसी कडी में अब दोषियों पर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है।
गौरतलब है कि 11 मई 2023 को सीजी पीएससी 2021 का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ था. इसमें 171 पदों पर पीएससी ने भर्ती की थी, जिसमें 15 लोगों का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हुआ था. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि मेरिट लिस्ट में पीएससी चेयरमैन के रिश्तेदारों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के करीबियों को जगह मिली है. इन आरोपों के बाद लोक सेवा आयोग आरोपों के घेरे में थी और बीजेपी के नेता ननकी राम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसके बाद कोर्ट ने 18 लोगों की नियुक्ति को रोकने के आदेश दिए थे।
वहीं राज्य सरकार इस मामले की सीबीआई जांच कराने का फैसला ले चुकी है. छत्तीसगढ़ शासन गृह (पुलिस) विभाग ने महानिदेशक राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर को अपने पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि छग राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा वर्ष 2021 में 170 पदों के लिए ली गई थी, जिसका परिणाम 11.05.2021 को जारी किए जाने के बाद राज्य लोकसेवा आयोग पर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ननकीराम कंवर व अन्य माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थी. इसकी जांच राज्य शासन ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से कराने का निर्णय लिया था. इसके परिपालन में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ने उक्त विषय पर अपराध धारा 420, 120बी भा. द. वि. एवं धारा- 07, 7 (क) एवं धारा-12 भ्र.नि.अधि. के तहत पंजीबद्ध किया है।
उक्त पत्र के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि टामन सिंह सोनवानी तत्कालीन अध्यक्ष छग लोकसेवा आयोग, जीवन किशोर ध्रुव तत्कालीन सचिव छग लोकसेवा आयोग, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, छग लोकसेवा आयोग एवं शासन तथा आयोग में तत्समय पदस्थ संलिप्त लोकसेवकों और संबंधित राजनेताओं व अन्य के द्वारा अपने-अपने पद का दुरुपयोग करते हुए, राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए छग लोकसेवा आयोग की चयन प्रक्रिया वर्ष 2020 एवं 2021 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर चयन परीक्षा में नियम विरूद्ध तरीके से अपराधिक षड़यंत्र करते हुए अपने पुत्र, पुत्री व रिश्तेदारों का चयन कई पात्र योग्य अभ्यार्थियों के बदले शासकीय पदों पर किया गया था.
शासन एवं उन योग्य अभ्यार्थियों के साथ भ्रष्ट आचरण करते हुए छल कारित किया गया है, जो धारा 120 बी, 420, भादवि एवं धारा 7, 7(क), एवं 12 श्र०नि०अ० 1998 यथा संशो0 2018 के तहत अपराध कारित किया जाना पाया गया. इस मामले में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
प्रतिभा का सौदा करने वालों को उनके अंजाम तक पहुँचा कर रहेंगे : सीएम साय
पीएससी भर्ती घोटाले को महाघोटाले की संज्ञा देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता सहित युवाओ को सन्देश देते हुए सोशल मीडिया के जरिये कहा कि "आज CGPSC महाघोटाले के आरोपी पूर्व अधिकारियों एवं नेताओं पर EOW ने FIR दर्ज कर दी है। इस महाघोटाले में अपने भविष्य की बलि देने वाले मेरे सभी बच्चों को आश्वस्त करता हूँ कि आपके साथ हुए अन्याय का हिसाब होगा। गुनहगार बचेंगे नहीं, हम आपकी प्रतिभा का सौदा करने वालों को उनके अंजाम तक पहुँचा कर रहेंगे।"
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