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स्थानीय विधायक का निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर मौन धारण
बाजार विभाग अधिकारी चन्दन मनहरे कार्यशैली पर निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर भी मौन ?
दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस के नीतियों को अस्वीकार करते हुए भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर सत्ता सौपी सत्ता में काबिज होने के बाद प्रदेश भर में मोदी की गारंटी को विष्णु देव साय सरकार ने पूरी करी और वर्तमान लोकसभा चुनाव में प्रदेश में मोदी की गारंटी और विष्णु का सुशासन की बात को लेकर भारतीय जनता पार्टी चुनावी मैदान में उतरी।
अगर दुर्ग विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में कहीं भी विष्णु के सुशासन की बात नजर नहीं आ रही है जबकि दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के विधायक गजेंद्र यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा को बड़े अंतर से हराया था । किंतु वर्तमान लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रति आम जनता का रुझान कम ही नजर आने लगा .
बता दें कि दुर्ग विधानसभा क्षेत्र और दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र एक दूसरे के पूरक के रूप में जाने जाते हैं दुर्ग निगम क्षेत्र की दुर्ग विधानसभा क्षेत्र के रूप में जाना में पहचाना जाता है ऐसे में दुर्ग की जनता नगर पालिका में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ यह उम्मीद कर रही थी कि स्थानीय विधायक गजेंद्र यादव द्वारा नगर पालिका निगम दुर्ग में हो रहे घोटालों के बारे में सख्त कदम उठाएंगे किंतु आचार संहिता लगने के पहले तीन माह के कार्यकाल में स्थानीय विधायक गजेंद्र यादव द्वारा नगर पालिका निगम दुर्ग में हो रहे कई तरह के घोटाले भ्रष्टाचार पर किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप न करना दुर्ग की जनता में चर्चा का विषय है . वर्तमान लोकसभा चुनाव में आम जनता में या चर्चा का विषय रहा कि पिछले तीन माह में दुर्ग नगर पालिका में हो रहे व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आखिरकार विधायक गजेंद्र यादव क्यों मौन साधे रहे ।
बता दें कि दुर्ग नगर पाली निगम में कांग्रेस सरकार के समय तात्कालिक विधायक का वोरा का हस्तक्षेप काफी रहता था जिसके कारण निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की जिम्मेदार विपक्ष सहित कांग्रेस के कई जनप्रतिनिधि भी तात्कालिक विधायक अरुण वोरा को मानते थे राजीव मितान क्लब गुमठी घोटाला रेन बसेरा अवैध संचालन आश्रय स्थल अवैध संचालन में ,बकरी पालन केंद्र ,प्रधानमंत्री आवास योजना में कांग्रेस पदाधिकारी का हस्तक्षेप ,ठगडा बाँध में मुरम खनन में भ्रष्टाचार ,गौरव पथ में भ्रष्टाचार जैसे कई मामले तात्कालिक विधायक अरुण वोरा के हस्तक्षेप के कारण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए जिस पर विपक्ष की भूमिका निभा रहे भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने भी कई बार आवाज उठाई यहां तक की दुर्ग नगर निगम की कांग्रेस सरकार के आखिरी बजट सत्र में भी भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने इन घोटालों पर प्रकाश डाला और कार्यवाही की मांग की परंतु इतना सब होने के बाद भी स्थानीय विधायक गजेंद्र यादव द्वारा किसी भी प्रकार का कोई पहल ना करना दुर्ग शहर में चर्चा का विषय है।
कांग्रेसी पदाधिकारी के भ्रष्टाचार पर मौन रहना विष्णु के सुशासन की बात को कर रहा गलत साबित...
दुर्ग निगम क्षेत्र में वैसे तो कई घोटाले सामने आए हैं जिनका विरोध भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने भी खुलकर किया परंतु वही एक ऐसा मामला है जिस पर खुलकर भ्रष्टाचार और अवैध संचालन कांग्रेस के पदाधिकारी द्वारा किए जाने के बावजूद भी नगर पालिका निगम प्रशासन का बाजार विभाग मौन है वही नगर पालिका निगम की आयुक्त लोकेश चंद्राकर भी मामले पर मौन साधे है ऐसी भी चर्चा है कि कांग्रेस पदाधिकारी श्रीमती सरस्वती साहू (खुशबु साहू )द्वारा नया बस स्टैंड बसेरा का खुलकर अवैध संचालन करने की जानकारी स्थानीय विधायक को भी है परंतु इस मामले पर किसी भी तरह के सख्त निर्देश का ना देना कहीं ना कहीं प्रदेश सरकार के मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन की बात को नकारने जैसी स्थिति उत्पन्न कर रही है .
आश्चर्य की बात यह है कि मामले की संपूर्ण जानकारी नगर पालिक निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर को होने के बावजूद भी आयुक्त लोकेश चंद्राकर द्वारा दुर्ग नया बस स्टैंड स्थित रेन बसेरा के अवैध संचालन पर किसी भी तरह की कार्यवाही का ना करना और इस मामले पर बाजार अधिकारी चंदन मनहरे की निष्क्रियता के बावजूद भी निगम प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों का मौन रहना कहीं ना कहीं आपसी मिली भगत की ओर इशारा कर रहा है ।
कांग्रेस पदाधिकारी द्वारा खुलकर किया जा रहे हैं अवैध संचालन पर किसी भी तरह की कार्यवाही न करने पर आम जनता में यह संदेश जा रहा है कि विष्णु के सुशासन की बात दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र और विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ एक जुमला ही साबित हो रहा है जबकि दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में विधायक के रूप में भारतीय जनता पार्टी के गजेंद्र यादव निर्वृत्मान है ऐसे में आम जनता में यह चर्चा का विषय है कि क्या कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर भारतीय जनता पार्टी ने भी अपनी मुहर लगा दी और भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी किसी भी तरह की सख्त कार्यवाही के निर्देश न देकर परोक्ष/अपरोक्ष रूप से कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर अपना मौन समर्थक बने हुए हैं ।
6 महीने में होने वाले हैं नगर पालिका निगम चुनाव
जिस तरह से दुर्ग नगर पालिक निगम में कांग्रेस के समय हुए भ्रष्टाचार पर वर्तमान सरकार द्वारा किसी भी तरह की सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही ऐसे में आने वाले 6 माह बाद होने वाले नगर निगम के चुनाव में क्या भारतीय जनता पार्टी के वार्ड प्रत्याशी वार्ड की जनता को यह यकीन दिला पाएंगे कि वह शहर में और नगर निगम में सुशासन ला पाएंगे एक तरफ विष्णु देव साय सरकार के द्वारा जनहित के कार्यों और मोदी की गारंटीयों को त्वरित रूप से पूरा किया जा रहा है और सुशासन की बात की जा रही है परंतु दुर्ग नगर पालिका निगम क्षेत्र में सुशासन कहीं नजर नहीं आ रहा ऐसे में देखना यह है कि लोकसभा चुनाव के आचार संहिता खत्म होने के बाद क्या नगरी निकाय विभाग मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करेगा या फिर कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर मुहर लगाते हुए मौन साधे रहेगा ?
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