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नई दिल्ली। शौर्यपथ । यूपी से ट्रेन हादसे की खबर आ रही है. जानकारी के अनुसार, वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास शनिवार तड़के पटरी से उतर गए. हालांकि, इस हादसे में जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. हादसे को लेकर उत्तर-मध्य रेलवे (एनसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि ट्रेन तड़के ढाई बजे बेपटरी हुई. साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे कानपुर और भीमसेन रेलवे स्टेशन के बीच पटरी से उतर गए.
शशिकांत त्रिपाठी ने बताया, ड्राइवर से पूछताछ की गई. इसके बाद पता चला कि ट्रेन के इंजन से कोई बड़ा पत्थर टकरा गया. इससे संभवतः यह हादसा हुआ. ट्रेन में इंजन के अगले हिस्से में जानवरों से बचाव के लिए लगा ‘कैटल गार्ड’ बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर मुड़ गया.
रेलवे के अनुसार, हादसे की वजह से 7 ट्रेन रद्द कर दी गई हैं, जबकि 3 के मार्ग में बदलाव किया गया है. शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि यात्रियों को बस से कानपुर सेंट्रल स्टेशन भेजा गया है, जहां से उन्हें उनके गंतव्य की ओर रवाना किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 8 डिब्बों वाली एक मेमू ट्रेन को कानपुर से दुर्घटनास्थल के लिए रवाना किया गया, ताकि यात्रियों को कानपुर लाकर उन्हें उनके गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था की जा सके. रेलवे के अनुसार, इस हादसे की वजह से कानपुर-झांसी मार्ग पर ट्रेन परिचालन बाधित हुआ है. इसे बहाल करने के लिए रेलवे के तकनीकी अधिकारियों की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि साबरमती एक्सप्रेस (वाराणसी-अमदावाद) का इंजन शनिवार तड़के 2.35 बजे कानपुर के पास ट्रैक पर रखी किसी वस्तु से टकराकर पटरी से उतर गया. तेजी से टकराने के निशान देखे गए हैं. साक्ष्य को सुरक्षित रखा गया हैं. आईबी और यूपी पुलिस भी जांच में जुट गई है. यात्रियों या कर्मचारियों को किसी भी तरह की चोट लगने की खबर नहीं है. यात्रियों की आगे की यात्रा के लिए ट्रेन की व्यवस्था की गई है.
जानकारी के अनुसार देर रात सिलीगुड़ी - रंगा पानी इलाके में मालगाड़ी पटरी से उतर गई. मालगाड़ी ईंधन ले जा रही थी. रेल मंत्रालय का कहना है कि ये हादसा एक प्राइवेट यार्ड में हुआ. ऐसे में रेल मंत्रालय से उसका कोई लेना देना नहीं है.
आपको बता दें कि इससे पहले भी रंगा पानी में 15 दिन पहले एक और मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी. वहीं, इससे पहले इसी इलाके में इस साल जून के महीने में कंचनजंघा एक्सप्रेस का एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. यह वही इलाका है जहां 2 महीने के अंदर 3 ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं.
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