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बस्तर से नरेश देवांगन की ग्राउंड रिपोर्ट
झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक आदिवासी ग्रामीण कि मौत, जानकारी मिलते ही नगरनार पुलिस पहुंची मौके पर
एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन आखिर जिम्मेदारी निभाएगा कौन?
जगदलपुर / शौर्यपथ / जिला मुख्यालय से महज 16 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत नगरनार में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक आदिवासी ग्रामीण कि मौत हो गई। बता दे कि शौर्यपथ समाचार पत्र लगातार प्रमुखता से स्वास्थ्य व औषधि विभाग की लापरवाही की खबरें प्रकाशित करते आ रही है जिले में चल रहे झोलाझाप डाक्टर द्वारा घर में इलाज व बिना ड्रग लाइसेंस के दवाई का भंडार को लेकर खबरे प्रकशित पूर्व में की गई थी,लेकिन जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा कार्यवाही के नाम सिर्फ और सिर्फ खाना पूर्ति करते ही नजऱ आये है .
झोलाझाप चिकित्सक की लापरवाही से हुई मरीज की मौत
वही ताज़ा मामला ग्राम नगरनार का है जहा बुधवार की सुबह लगभग 10 बजे अपने पति लच्छू बघेल को इलाज के लिए लेकर आई महिला का कहना है की उनके पति की बुधवार को तबीयत खराब होने पर गांव के ही एक डॉक्टर गुड्डु मिश्रा को दिखाया जहाँ डॉक्टर गुड्डु मिश्रा ने पति को इंजेक्शन लगाया था, जिससे उसकी हालत और खराब हुई और कुछ देर में उसकी मौत हो गई। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इंजेक्शन लगाने के बाद युवक की मौत होने पर तथाकथित डाक्टर मिश्रा भी हैरान, परेशान हो गए जिसके बाद पुरे मामले की लीपापोती करने में लग गए। जबकि मृतक की पत्नी लकमी बघेल लगातार इस मामले पे लापरवाह डॉक्टर के ऊपर कार्यवाही की बात भी कहते रही। हमारे संवाददाता नरेश देवांगन को मृतक की पत्नी ने रोते हुए बताया कि गुड्डू मिश्रा द्वारा दो इंजेक्शन लगाने के आधे घंटे बाद उनके पति की मौत हो गई .
नगरनार पुलिस की त्वरित कार्यवाही
झोलाझाप चिकित्सक के इलाज से मरीज की मौत के बाद इस मामले की जानकारी नगरनार थाना प्रभारी टामेश्वर चौहान को मिलते ही तत्काल इसकी पड़ताल करने अपनी टीम के साथ मौक़े पर पहुचे और सम्बंधित लोगो से मामले की जानकारी ले पंचनामा तैयार किया।
बड़ा सवाल यह है की सम्बंधित विभाग को लगातार खबरों के माध्यम से व लिखित शिकायत से विभाग को जानकारी मिलती रही है कि अवैध तरीके से छोलाछाप डॉक्टर दवाई का भण्डारण कर लोगो का इलाज कर रहे है बावजूद इसके भी विभाग के जिम्मेदार गंभीर नहीं रहे शायद यही वजह है, कि आज फिर बस्तर के एक आदिवासी ग्रामीण की मौत हो गई ? आज फिर एक घर पूरी तरह बर्बाद हो गया, आज फिर एक बार इंसानियत कि हार हो गई क्योंकि आज स्वास्थ्य विभाग के गैर जिम्मेदराना रवैए कि वजह से किसी का बेटा, किसी का पति, किसी के पिता अवैध तरीके से चल रहे क्लिनिक व अपने आप को अनुभवी डॉक्टर बताने वाले सख्श कि वजह से घर के कमाऊ सदस्य कि समय से पहले ही मौत हो गई. लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि विभाग के जिम्मेदार आखिर कब तब अपनी जिम्मेदारी से भागते व बचते रहेंगे? महीनों बीत गए विभाग को बताते, समझाते लेकिन विभाग कि हठ कि वजह से आज एक परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट गया.
इस हादसे के बाद भी विभाग कि नींद शायद ही खुले क्यों कि यह तो विभाग के लिए एक रूटीन प्रक्रिया मात्र हो सकती है?यह बात सिर्फ मृतक लछु बघेल के परिवार कि नहीं है बस्तर में ऐसे कई लछु बघेल है जिनकी मृत्यु झोलाछाप डॉक्टरों कि लापरवाही से होती है, जिसकी जानकारी किसी को मिल ही नहीं पाती,और दूसरी तरफ जिम्मेदार विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के हाथ पर हाथ धरे रहने कि वजह से लगातार कई परिवार तबाह हो रहे है.हद तो तब होती है ज़ब झोलाछाप डॉक्टर कि वजह से बस्तर के ग्रामीण कि मौत कि खबर फैलती है और विभाग के ईमानदार अधिकारी एक कार्यक्रम में व्यस्त रहते है. विभागीय सूत्र बताते है की इस झोलाछाप डॉक्टर पर कार्यवाही के लिए उच्च अधिकारी ने ब्लॉक अधिकारीयों को आदेश भी किया है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी के रवैया से ऐसा लग रहा है कि जिम्मेदार इस मामले पर कार्यवाही ही नहीं करना चाहते हो?
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