November 22, 2024
Hindi Hindi

पीडब्ल्यूडी मंत्री के गृह क्षेत्र में विभागीय अधिकारियो को नींद से जगाने होना पड़ा अधनंगा Featured

दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा व्हीआईपी जिला में अगर किसी का नाम आता है तो वह जिला है दुर्ग . दुर्ग जिले से प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल , गृह एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू , ग्रामीण यांत्रिकी मंत्री रूद्र गुरु सहित संसदीय सचिव अरुण वोरा का विधानसभा दुर्ग जिले के अंतर्गत आता है . 15 साल की भाजपा सता के बाद कांग्रेस को छत्तीसगढिय़ा सरकार का सपना दिखाते हुए कांग्रेस की सत्ता आयी और प्रदेश में पहली बार छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री का ताज भूपेश बघेल के सर हुआ . उसी जिले में आज दुर्ग ग्रामीण के विधायक और प्रदेश सरकार में गृह व पीडब्ल्यूडी मंत्री के गृह जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग में टेंडर प्रक्रिया में लापरवाही को लेकर आवेदन जमा ना करने के किसी उपरी आदेश को लेकर एक व्यथित ठेकेदार द्वारा अपनी पीड़ा बताने के लिए विभाग के सामने अधनंगा होना पड़ा .
मामला कुछ इस प्रकार है कि दुर्ग पीडब्ल्यूडी कार्यालय दुर्ग में कल 21 अक्तूबर को निविदा फ़ार्म जमा करने की अंतिम तिथि थी अंतिम तिथि होने और लगभग 70 से ऊपर करोडो के कार्य के लिए निविदा फ़ार्म भरने की अंतिम तारीख होने की वजह से सुबह से ही कार्यालय में ठेकेदारों का जमावड़ा लगा हुआ था . ठेकेदारों द्वारा निविदा फ़ार्म का आवेदन जमा करने की तैयारी को उस समय ग्रहण लगने लगा जब विभाग के कर्मचारियों द्वारा आवेदन में ईई साहब की मार्किंग की बात सामने आयी किन्तु अंतिम दिन होने के बाद भी ईई अशोक श्रीवास अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं थे ऐसे में ठेकेदारों द्वारा फोन से संपर्क करने की कोशिश की गयी किन्तु ईई श्रीवास द्वारा किसी के फोन का उत्तर नहीं मिलने से और बार बार आवेदन लेने की अपील करने के बाद जब विभाग के बाबु ने आवेदन लेने में असमर्थता दिखाई तब एक ठेकेदार द्वारा अधनंगा होकर आवेदन फ़ार्म लेने के लिए विभाग के कक्ष में ही धरना दे दिया गया जिसकी खबर लगते ही कई ठेकेदार भी कार्यालय भवन पहुँच गए .
ठेकेदारों का कहना था कि आखिर किस नियम के तहत आवेदन फ़ार्म नहीं लिया जा रहा और रसीद नहीं काटी जा रही . ठेकेदारों का विचलित होना एक हद तक सही भी था अंतिम दिन अगर ईई को आवेदन में मार्किंग करनी है तो उन्हें कार्यालय में उपस्थित होना था क्योकि मामला विभागीय कार्य का है अगर किसी अन्य विभागीय कार्य में व्यस्त थे तो इसकी सुचना देनी थी या किसी अन्य सक्षम अधिकारी को नियुक्त करना था किन्तु ईई श्रीवास द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं करने से स्थिति बेकाबू होने लगी . और नौबत कपडे उतार देने तक आ गयी .
पूर्व में भी ऐसी स्थिति निर्मित हुई है - ठेकेदारों ने कहा कि पूर्व में भी आवेदन फ़ार्म जमा करने के अंतिम दिनों में ईई कार्यालय से नदारद रहते है और उनसे संपर्क नहीं हो पाटा पूर्व में भी कई बार कार्यो का आवेदन फ़ार्म जमा नहीं होने से काफी नुक्सान हुआ है वही ठेकेदारों द्वारा ये आरोप लगाया जा रहा है कि ईई अपने मनपसंद ठेकेदारों को कार्य वितरित करने के लिए इस तरह का कार्य कर रहे है ठेकेदारों के आरोप में सच्चाई कितनी है ये तो जाँच का विषय है किन्तु कल की वस्तुस्थिति से यही प्रतीत होता है कि ईई श्रीवास द्वारा कार्य में लापरवाही की गयी और मामला बिगड़ता देख सुचना मिलने पर आखिरकार आवेदन फ़ार्म को लिया गया किन्तु स्थिति अभी भी शंका के घेरे में है क्योकि आवेदन फ़ार्म लेने के साथ रसीद भी कटती है किन्तु रसीद बाद में काटने की बात सामने आयी है जबकी आवेदन फ़ार्म जमा करने की अंतिम थिति 21 अक्तूबर की है .तो क्या ईई या अन्य कर्मचारियों द्वारा बेक डेट में रसीद काटने की प्रथा का आरम्भ हो गया है पीडब्ल्यूडी मंत्री के गृह जिले में ? क्या पीडब्ल्यूडी मंत्री की छवि को खराब करने की कोई साजिश राजी जा रही है या फिर ठेकेदारों द्वारा तथ्यहीन बातो को लेकर इस तरह की घटना हो रही है . कांग्रेस की सरकार भाजपा के शासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने और सुशासन की बात पर सत्ता में आयी किन्तु कल की पीडब्ल्यूडी विभाग की घटना ने ये दर्शा दिया कि अभी भी कुछ सही नहीं चल रहा विभाग में . कुछ ठेकेदारों का कहना है कि इस तरह के वाक्य से विभाग की छवि के साथ साथ प्रदेश सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है वही मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बाद भी अधिकारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है .
ईई श्रीवास से संपर्क की कोशिश हुई असफल ...
पीडब्ल्यूडी विभाग दुर्ग के मुखिया अशोक श्रीवास है कल उनके कार्यालय में इतना बड़ा हंगामा होने के घंटो बाद भी ईई का कार्यालय नहीं पहुँचना फोन से संपर्क नहीं करना , ठेकेदारों की समस्याओ का हल नहीं निकलना निविदा के अंतिम दिनों में अक्सर कार्यालय से अनुपस्थित रहा कई तरह के संदेहों को जन्म तो देता है साथ ही पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू की छवि को उनके कार्यशैली को भी प्रश्नचिन्ह लगता है क्या पीडब्ल्यूडी मंत्री मामले को संज्ञान में लेकर कल की घटना की निष्पक्ष जाँच करवाएंगे क्योकि शब्दों से नवा छत्तीसगढ़ नहीं गढ़ा जा सकता नवा छत्तीसगढ़ गढऩे के लिए जमीनी स्तर पर कार्य भी होना जरुरी है क्या इसी छत्तीसगढ़ में किसी ने सोंचा था कि जो गोबर सडको पर फैला रहता था वह भी विक्रय किया जा सकता है किन्तु आज वही गोबर बेच कर कई परिवारों की जिन्दगी में बदलाव आये है कहने का अर्थ यह है कि जमीनी स्तर पर सुशासन होगा तो नवा छत्तीसगढ़ का निर्माण होगा .

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)