
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर निगम में भ्रष्टाचार के मामले पर कार्यवाही करने में आयुक्त सुमित अग्रवाल हर पहलू में असफल साबित हो रहे हैं वहीं शहर की बदहाल व्यवस्था के लिए कहीं ना कहीं आयुक्त सुमित अग्रवाल जिम्मेदार हैं अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने निगम आयुक्त ने देश के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया समूह को आते ही बाहर का रास्ता दिखा दिया ताकि निगम कार्यालय में खुलेआम ठेकेदार अधिकारियों से बंद कमरे में चर्चा कर सकें वहीं आयुक्त सुमित अग्रवाल के कार्यकाल में चाहे बाजार अधिकारी हो स्वास्थ्य अधिकारी हो या पीडब्ल्यूडी कोई भी विभागीय अधिकारी सभी जवाबदेही से बचते हुए आयुक्त से जानकारी लेने की बात कहते हैं वहीं आयुक्त सुमित अग्रवाल हर मामले में जानकारी नहीं है जानकारी लेकर बताता हूं की बात कह कर मामले को डालते रहते हैं .एक प्रशासनिक अधिकारी बिना भेदभाव जनता हित में कार्य करते है आलोचनाओं पर मनन करते है जबकि इस मामले में आयुक्त निजी रोष के तहत कार्य करते नजर आ रहे है . शहर की जनता ने पूर्व में जिस तरह अन्य पीएससी स्तर के अधिकारियों पूर्व आयुक्त हरीश मांडवी एवं इंद्रजीत बर्मन के कार्यकाल को देखा जिनके द्वारा द्वारा शहर में जिस तरह से सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया गया प्रशासनिक अधिकारियो के कार्यो में कसावट लाया गया जिसकी तारीफ़ आज भी निगम कर्मचारी / अधिकारी और शहर की जनता करती है वैसा कार्य अभी तक कही नजर नहीं आया .
दुर्ग शहर के मध्य एक बार फिर कचरे का ढेर और बदबूदार वातावरण
वर्तमान आयुक्त के कार्यकाल में शहर के मध्य कचरों का ढेर बदबूदार वातावरण को निर्मित कर रहा है परंतु आयुक्त सुमित अग्रवाल शहर के दूर पुलगांव मार्ग पर जमा कचरे को रातों-रात साफ़ करवा रहे हैं ताकि करीब रहने वाले धनराज्य लोगों को बदबू का वातावरण सहन ना पड़े भले ही शहर के मध्य सुराना कॉलेज के सामने जहां पर आसपास बच्चों के रहने के लिए छात्रावास हैं ऑक्सीजन जोन है यहां बदबू आए तो चलेगा परंतु इस मामले पर आयुक्त सुमित अग्रवाल जवाब देही से भी बचते नजर आते हैं वहीं इस मामले पर स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा से चर्चा करने पर उनके द्वारा ऐसा जवाब दिया जाता है मानो शहर में उनकी मर्जी से कहीं भी कचरा डाला जा सके क्योंकि प्रसाधनिक अधिकारी हैं नियम कानून के जानकार है . परंतु स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा इन नियम कानून का पालन दो अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग सोच के साथ कर रहे हैं यह विषय चिंतनीय है महेश कॉलोनी के पास स्थित एसएलआरएम सेंटर पर कचरे के ढेर को रातों-रात निजी वाहन से हटा दिया गया वहीं शहर के मध्य कचरो के ढेर एक बार फिर बदबूदार वातावरण निर्मित कर रहा .जिसकी चिंता ना स्वास्थ्य अधिकारी को है और ना ही आयुक्त सुमित अग्रवाल को उन्हें तो बस यह चिंता थी कि महेश कॉलोनी के निवासियों द्वारा कचरा ना हटाने पर चक्का जाम की बात कहना जो पूर्व में भी यही निर्मित हुआ और एक बार फिर सफाई हुई . वही सुराना कॉलेज के आसपास ऐसा कोई नहीं जो निगम प्रशासन से इस बात की आपत्ति उठाये शायद यही फर्क है आम जनता और धनाड्य वर्ग के विरोध का..
शहर में कचरा निष्पादन वास्तविक एवं विकराल में समस्या है और यह विकराल रूप लेते जा रही है परंतु इसका अर्थ यह नहीं की इस विकराल रूपी समस्या के लिए कचरे को ऐसे स्थान पर डंप किया जाए जहां बसाहट ज्यादा हो शहर के दूरस्थ इलाके पुलगांव (एसएलआरएम) के समीप उतनी बसाहट नहीं जितनी सुराना कालेज के सामने स्थित (एसएलआरएम) में है . ऐसे में प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि सुराना कॉलेज मार्ग पर एक स्वस्थ वातावरण निर्मित हो परंतु ऐसा कहीं भी नजर नहीं आ रहा .
दुर्ग शहर के बाहर सेंटर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त (अमीरी और गरीबी के बीच का अंतर )
कचरा परिवहन के नाम पर विधायक के करीबी को कार्य
वहीं कचरा परिवहन के नाम पर भाजपा सरकार आने के बाद अर्थ मूवर्स कंपनी को ही कचरा परिवहन का कार्य दिया जा रहा है जिसमे करोड़ रूपये से भी ज्यादा भुगतान हो चुका है जबकि नगर निगम के पास अब डेढ़ दर्जन से ज्यादा डंपर वहां है ऐसे में निजी वाहन किराए में लेने और निगम के राजस्व की हानि पहुंचाने के निर्णय पर लगातार सवाल या निशान लग रहे हैं वही ऐसी भी चर्चा है कि अर्थ मूवर्स नामक कंपनी के संचालक और भ्रष्टाचार के खिलाफ सुशासन की बड़ी-बड़ी बात करने वाले शहर विधायक गजेंद्र यादव के मधुर संबंध है ऐसे में निगम प्रशासन पर राजनीतिक दबाव की भी बातें निकाल कर आ रही है ऐसे में शहर की नवनियुक्त महापौर अलका वाघमार के सामने चुनौतियों का एक बड़ा जाल बिछा हुआ है मनमाने फैसले लेने वाले अधिकारियों पर लगाम कसने की ताकि विष्णु के सुशासन की बात जमीनी स्तर पर सार्थक हो वही डेढ़ दो दर्जन डंपर होने के बाद भी क्या विधायक गजेंद्र यादव के करीबी को लाभ पहुंचाने के लिए किराया का वाहन लिया जा रहा है इस पर भी स्थिति का नियंत्रण करने की चुनौती नव नियुक्त महापौर के सामने होगी हालांकि अभी शपथ ग्रहण नहीं हुआ किन्तु जल्द ही शपथ ग्रहण भी संपन्न होगा जिसके बाद स्थिति साफ होगी कि भ्रष्टाचार से लिप्त अधिकारियो पर किस तरह कार्यवाही होती है और निगम प्रशासन में सुशासन की दिशा में नव नियुक्त महापौर सभी चुनौतियों का कैसे सामना करती है . बता दे कि नव नियुक्त महापौर निगम के कार्यो से परिचित है 05 साल के कार्यकाल और संगठन में सक्रीय कार्य करने के कारण राजनैतिक और प्रशासनीक कार्यो की जानकार के रूप में महापौर अलका वाघमार की चर्चा होती है और जनता भी कुछ सकारात्मक की उम्मीद में है बस इंतज़ार है तो शपथ ग्रहण का ..
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.