December 07, 2025
Hindi Hindi

“गणेश मंदिर के सामने अवैध कब्जा… और महापौर अलका बाघमार की आंखों पर विकास की पट्टी!”

  • Ad Content 1

दुर्ग। शौर्यपथ।
दुर्ग शहर का प्रशासन इस समय जिस तरह की निष्क्रियता और अनदेखी का परिचय दे रहा है, वह न केवल जनता के लिए चिंता का विषय है बल्कि शासन की छवि पर भी गहरा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
इंदिरा मार्केट से बस स्टैंड के बीच स्थित प्रसिद्ध गणेश मंदिर के सामने, जहां हर बुधवार को हजारों की भीड़ उमड़ती है, वहां राम रसोई संचालक द्वारा सड़क पर ही अवैध कब्ज़ा कर होटल संचालन की तैयारी प्रशासन की नाकामी की सबसे बड़ी मिसाल बनकर सामने आई है।
गणेश पक्ष के दौरान लगातार 10 दिनों तक यहां श्रद्धालुओं का भारी आवागमन बना रहता है। ऐसे समय और ऐसी संवेदनशील जगह पर सड़क घेरकर कब्ज़ा करना सीधे-सीधे जनता के जीवन, धार्मिक आस्था और शहर की यातायात सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।

लेकिन सवाल उठता है—
क्या यह सब शहर की प्रथम नागरिक को नहीं दिख रहा?
क्या महापौर अलका बाघमार की नजर सिर्फ कुर्सी की सुविधाओं, विशेष चाय और प्रशासकीय दिखावे तक सीमित रह गई है?

धार्मिक आस्था के सामने होटल संचालन का समर्थन?

जहां जनता गणेश मंदिर में आस्था लेकर आती है,वहीं महापौर बाघमार की निष्क्रियता ने ऐसा वातावरण बना दिया है कि प्रभु राम के नाम का उपयोग कर होटल चलाने वाले संचालक अब सड़क को अपनी निजी संपत्ति समझने लगे हैं।
यह स्थिति सिर्फ दुर्ग शहर के नागरिकों का अपमान नहीं है बल्कि छत्तीसगढ़ की साय सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की धर्म और आस्था के प्रति गहरे प्रेम की छवि को भी धूमिल करती है। यह वही सरकार है जो “अवैध कब्ज़ों पर जीरो टॉलरेंस” की बात करती है, लेकिन दुर्ग में उसके ही महापौर के रहते सड़क पर कब्ज़ा कर धार्मिक स्थल के सामने धंधा चलना आम बात बन गया है।

भीड़, अराजकता और महापौर की चुप्पी

गणेश मंदिर के सामने प्रतिदिन और विशेष दिनों में बढ़ती भीड़ के बावजूद महापौर बाघमार की ओर से
न कोई कार्रवाई, न चेतावनी, न रोकथाम—कुछ भी नहीं। ऐसा लगता है कि शहर की समस्याएँ उनके प्रशासनिक एजेंडे में कहीं हैं ही नहीं। शहर जाम से भर जाए, श्रद्धालु परेशान हों, सड़क पर अफरातफरी हो—लेकिन महापौर की प्राथमिकताएँ कुछ और ही हैं।

जनता यह सवाल पूछ रही है—
क्या हमने महापौर चुना था या अवैध कब्ज़ों का संरक्षण करने वाली प्रशासकीय ढाल?
क्या महापौर की सक्रियता सिर्फ कर्मचारियों पर दबाव बनाने, छोटी-मोटी दिखावे की बैठकों तक सीमित है?
क्या दुर्ग शहर एक निष्क्रिय नेतृत्व की वजह से अपने सबसे बुरे दौर में प्रवेश कर चुका है?

गणेश मंदिर जैसे धार्मिक स्थल के सामने सड़क पर कब्ज़ा कोई साधारण मामला नहीं है। यह शहर की संस्कृति, श्रद्धा, यातायात सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही का प्रश्न है। और इन सभी मोर्चों पर महापौर अलका बाघमार की पूर्ण असफलता और निष्क्रियता अब जनता के लिए असहनीय होती जा रही है।

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)