
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
SHOURYAPATH news । राजनांदगांव। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना काल मे बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए अनेको योजना जैसे पढ़ाई दुंहर दुआर, बोलटू के बोल और ना जाने क्या -क्या योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया और कोरोड़ो रूपया खर्च किया गया और इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सरकार को कई पुरूस्कार भी प्राप्त हुआ। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव और डीपीआई द्वारा जिन गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत प्रायवेट विद्यालयों में प्रवेश कराया गया था उन्हे कोरोना काल में पढ़ाई से जोड़े रखने में जानबूझकर कर घोर लापरवाही बरता गया। राजनांदगांव के जिला शिक्षा अधिकारी श्री हेतराम सोम ने जिस प्रकार से गरीब बच्चों के जीवन व भविष्य के साथ जानबूझकर खिलवाड़ किया गया है वह सरकार की सारी योजनाओं का पोल खोलकर रख दिया है। कोरोना काल में बंद हुए प्रायवेट स्कूलों के पालक अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने जिला शिक्षा अधिकारी के चक्कर काट रहे थे और पूरा साल बीत गया उनके बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया और जानबूझकर इन गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखा गया। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पाॅल ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, दिल्ली को पत्र लिखकर यह बताया है कि राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी श्री हेतराम सोम ने जिले के सैकड़ों गरीब बच्चे, जो शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत प्रायवेट विद्यालयों मे पढ़ रहे थे उनके जीवन व भविष्य के साथ खिलवाड़ कर दिया है। पाॅल का कहना है कि बीते सत्र 2020-21 में लगभग 20 प्रायवेट विद्यालय बंद हो गए और इन स्कूलों में अध्ध्यनरत् आरटीई के बच्चों को किसी अन्य स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाना था जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी पूर्णतः जिम्मेदार थे लेकिन इन बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया जबकि पालको ने स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होकर दिनांक 21/07/2020 को आवेदन दिया था और उनके बच्चों को किसी अन्य स्कूलों में प्रवेश दिलाने की मांग किया गया था और इस प्रकार पालको ने लगभग 10 से अधिक बार उपस्थित होकर जिला शिक्षा अधिकारी से निवेदन करते रहे लेकिन पूरा साल बीते जाने के पश्चात् भी उनके बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया जो कि गंभीर प्रवृति का अपराध है। पाॅल ने बताया कि पीड़ित पालको को अब यह समझ नही आ रहा है कि उनके बच्चों को अब किस स्कूल का रिजल्ट मिलेगा और उनके बच्चों को इस वर्ष 2021-22 में किस कक्षा में प्रवेश मिलेगा क्योंकि पूर साल उनके बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया और बच्चे शिक्षा पाने पूरे साल भटकते रहे जिसको लेकर पालको ने राजनांदगांव सिटी कोतवाली पुलिस थाना में राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी श्री हेतराम सोम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 166 के अंतर्गत अपराध पंजीबंद्ध करने के लिए दिनांक 13/05/2021 को लिखित शिकायत प्रस्तुत किया गया है। पाॅल का कहना है कि श्री हेतराम सोम, जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव के द्वारा गरीब बच्चों को अनावश्यक मानसिक कष्ट दिया गया उनकी उपेक्षा किया गया और उन्हे शिक्षा से वंचित कर दिया गया। इतना ही नही गरीब बच्चों के जीवन व भविष्य के साथ जानबूझकर सुनियोजित ढंग से खिलवाड़ किया गया है जिसके लिए डीईओ हेतराम सोम पूर्णतः जिम्मेदार है और यह प्रताड़ना की श्रेणी में आता है। पाॅल ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून और किशोर न्याय(बालकों की देखरेख और सरक्षण) अधिनियम, 2015(अधिनियम क्रमांक 2 सन् 2016) और भारतीय दंड संहिता की धारा 166 के अंतर्गत जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम पूर्णतः दोषी है क्योंकि उन्होने जानबूझकर कानून का उल्लघंन कर गरीब बच्चों के जीवन व भविष्य के साथ सुनियोजित ढंग से खिलवाड़ किया गया है। पाॅल ने आयोग और शिक्षा सचिव से यह मांग की है कि इन गरीब बच्चों को उनके उम्र के अनुसार किसी अन्य स्कूलों में प्रवेश दिलाने की समुचित व्यवस्था कर दोषि जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही किया जाए।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.