May 19, 2024
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शौर्यपथ

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रायपुर / शौर्यपथ / मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले से आज राज्य के 2023 बैच के प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान श्रीमती कंगाले ने भारतीय प्रशासनिक सेवा 2023 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों सुश्री अनुपमा आनंद, एम. भार्गव, तन्मय खन्ना एवं दुर्गा प्रसाद अधिकारी को विस्तार से निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने उन्हें बताया कि लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन आवश्यक है और चूंकि प्रशासनिक अधिकारियों को निर्वाचन संपन्न कराने का दायित्व मिलता है, अतएव इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न कराने निर्वाचन के नियमों का समुचित ज्ञान, सजगता और पारदर्शिता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्तर पर निर्वाचन प्रक्रियाओं के पालन में पूरी तरह से पारदर्शिता बरतते हुए सजग होकर कार्य करने से निर्वाचन का कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न होता है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने प्रशिक्षु अधिकारियों को बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य भौगोलिक विविधता से परिपूर्ण है। यहां के अनेक मतदान केन्द्र दुर्गम एवं संवेदनशील क्षेत्रों में है, ऐसे में मतदान दलों को मतदान केन्द्र तक भेजने की व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था तक समस्त स्तरों पर सावधानी पूर्वक कार्य आवश्यक है। श्रीमती कंगाले ने कहा कि निर्वाचन के दौरान की गई यह मेहनत तब सार्थक होती है जब हम संवेदनशील क्षेत्रों में भी निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन कराने में सफल हो पाते हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन टीम वर्क है तथा निर्वाचन कार्य में टीम वर्क के माध्यम से ही सफलता मिलती है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने प्रशिक्षु अधिकारियों को कमाण्ड एवं कंट्रोल सेंटर का भ्रमण कराते हुए बताया कि मतदान की पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी की उन्नत तकनीकों का उपयोग करते हुए मतदान के दौरान दूरस्थ मतदान केन्द्रों में भी निर्वाचन प्रक्रिया का अवलोकन किया जाता है। उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में स्थापित कमांड एवं कंट्रोल सेंटर में 16 बड़ी स्क्रीन पर एक साथ 96 मतदान केंद्रों की वेब कास्टिंग के जरिए लाइव वीडियो का अवलोकन किया जाता है। निर्वाचन के दौरान मतदान केंद्रों से सीधी तस्वीरें प्राप्त करने के लिए कैमरे स्थापित किए गए हैं। यह पहली बार है कि मतदान केंद्र के अंदर के साथ ही बाहर भी कैमरे लगाए गए हैं जिससे मतदाताओं की कतारों तथा बाहर की अन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने बताया कि कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर भी स्थापित है। यहां एक साथ 18 टीवी स्क्रीन पर विभिन्न न्यूज चैनलों में प्रसारित समाचारों पर सतत निगरानी रखी जा रही है जिससे आचार संहिता के उल्लघंन की ख़बरों पर नजर रखी जा सके। साथ ही विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स, प्रिंट मीडिया, पेड न्यूज सहित प्रचार-प्रसार संबंधी पोस्ट पर सतत निगरानी रखी जा रही है।
श्रीमती कंगाले ने कहा कि निर्वाचन कार्य की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ ही भीषण गर्मी को देखते हुए मतदाताओं की मतदान कार्य में अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित हो सके, इसके लिए गर्मी के प्रकोप को देखते हुए सभी जगहों पर पेयजल एवं अन्य सुविधाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।
श्रीमती कंगाले ने युवा अधिकारियों को कहा कि मतदान कार्य में महिलाओं की भागीदारी अधिक बढ़े, इसके लिए पिंक बूथ बनाये गये हैं। बुजुर्ग एवं दिव्यांगजनों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए घर में मतदान की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। श्रीमती कंगाले ने कहा कि निर्वाचन कार्य मतदान प्रक्रिया में नियोजित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कर्तव्यनिष्ठा से तथा मतदाताओं के व्यापक उत्साह से ही संपन्न हो पाता है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के रूप में आप सभी को भविष्य में निर्वाचन की जिम्मेदारी संभालनी है और इसके लिए आवश्यक है कि आप ध्यानपूर्वक निर्वाचन प्रक्रिया का अवलोकन करें।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी निलेश महादेव क्षीरसागर, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अपूर्व प्रियेश टोप्पो और सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती शारदा अग्रवाल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

दुर्ग / शौर्यपथ / प्रचार प्रसार का दौर पांच मई को संध्या पांच बजे खत्म हो गया इसके बाद छह मई को डोर टू डोर जनसंपर्क कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार राजेन्द्र साहू ने किया एवं कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर राजेंद्र साहू ने अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा मतदान पंजा छाप पर करवाएं कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में शामिल सभी योजनाओं को डोर टू डोर जनसम्पर्क कर जन जन तक पहुंचाए। राजेन्द्र साहू ने कहा कि दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में परिवर्तन की लहर दौड़ रही है क्योंकि मौजूदा सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की निष्क्रियता मतदाताओं की जुबान पर है वार्ड 53 के मतदाता एवं वरिष्ठ नागरिक हरखू राम पाल ने कहा कि पूरे देश में परिवर्तन की लहर दौड़ रही है दुर्ग में भी परिवर्तन की बयार है क्योंकि मौजूदा सांसद जीतने के बाद कभी अपना चेहरा दिखाने नही आए हमें इस तरह का लापता जनप्रतिनिधि नही चाहिए हम कॉंग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र साहू को जिताएंगे दस साल पहले नरेन्द्र मोदी को भारत देश की बागडोर सौंपी गई लेकिन कुछ नहीं हुआ सिर्फ जातिवाद और धर्म के नाम पर देश की जनता को उलझाया गया है मंहगाई आसमान छू रही है पेट्रोल डीजल खाद्य पदार्थों का मूल्य बढ़ते जा रहा है जिस पर कांग्रेस पार्टी ही लगाम कस सकती है।
ग्राम पंचायत हनोदा के नवयुवक हेमचंद शांडिल्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की केंद्र में सरकार बनना तय है भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार एवं मौजूदा सांसद विजय बघेल ने कभी आम जनता की सुध नहीं ली इस तरह के सांसद की हमें जरूरत नहीं है मेरा वोट कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र साहू को विजय बघेल पांच साल से नदारद है हमें राजेन्द्र साहू जैसे युवा सांसद की जरूरत है जो हमारे हालात को संसद में मजबूती से उठाएंगे । कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में यह लिखा हुआ कि सरकार बनी तो समूचे भारत देश के किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को दो सौ तिरालिश रुपये की जगह चार सौ रुपये मजदूरी दी जाएगी और शहर रोजगार ग्यारंटी योजना के तहत शहरी मजदूरों को भी काम दिया जाएगा और महालक्ष्मी नारी न्याय योजना के तहत एक परिवार के एक महिला को सालाना एक लाख रुपये दिया जाएगा। आज केंद्र में तीस लाख नोकरी के पद रिक्त है उन्हें छह महीने के अंदर भरा जाएगा और बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
अपने दौरे में राजेंद्र साहू ने मतदाता के पास कहां की मतदाता मेरे लिए भगवान है और मुझे विश्वास है कि भगवान का आर्शीवाद मुझे भरपूर मिलेगा।।

भाजपा को अब संतों व धार्मिक व्यक्तियों के नाम से समस्या होने लगी
निर्णय लेने से पहले डॉ. रमन सिंह जी से पूछ लीजिए, वे उनके सानिध्य में रहे हैं

      रायपुर/ शौर्यपथ / स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना का नाम बदलने की भाजपा सरकार की योजना पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अगर ऐसा होता है तो यह दुर्भाग्यजनक होगा और ऐसा करके भाजपा समाज में ग़लत संदेश देगी और बाद में पछताएगी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यक्तियों के नाम से चल रही योजनाओं का नाम बदलना भाजपा की फितरत रही है पर छत्तीसगढ़ के एक विश्वविख्यात संत और आध्यात्मिक व्यक्ति के नाम पर चल रही योजना का नाम बदलने से पता चलता है कि अब भाजपा को संतों और धार्मिक व्यक्तियों से भी दिक्कत होने लगी है।

उन्होंने कहा है कि स्वामी विवेकानंद का रायपुर से नाता रहा है और इसीलिए स्वामी आत्मानंद ने छत्तीसगढ़ में रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद भावधारा का प्रचार प्रसार करने का फ़ैसला किया था. समाजसेवा को उन्होंने सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी. श्री बघेल ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में भीषण सूखा पड़ा था तब उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित दान राशि को सूखा राहत कार्यों में लगाने का फ़ैसला किया था. वे जीवनपर्यंत स्वामी विवेकानंद के ‘दरिद्र नारायण’ की अवधारणा का पालन करते रहे और रामकृष्ण मिशन विवेकानंद आश्रम के माध्यम से ग़रीबों और ज़रूरतमंदों की सहायता करते रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि स्वामी आत्मानंद आरंभ से ही मेधावी छात्र रहे और नागपुर विश्वविद्यालय में गणित में एमएससी प्रवीणता के साथ पास की थी. उनकी जीवनी में लिखा है कि वे आईएएस (तत्कालीन आईसीएस) के लिए चयनित हो गए थे पर जनसेवा के लिए उन्होंने संन्यास का रास्ता चुना. उनके ज्ञान की वजह से दुनिया भर में उन्हें प्रवचन देने के लिए बुलाया जाता था. छत्तीसगढ़ में हमेशा उन्हें गौरव के रूप से देखा जाता रहा है।
इसीलिए जब वंचित वर्ग के बच्चों के लिए कांग्रेस की सरकार ने अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूल खोलने का निर्णय लिया तो योजना को स्वामी आत्मानंद जी के नाम पर रखने का फ़ैसला किया गया. अगर भाजपा की सरकार सिर्फ़ इसलिए स्वामी आत्मानंद योजना का नाम बदलना चाहती है क्योंकि यह कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई योजना है तो यह एक आध्यात्मिक विद्वान व्यक्तित्व के बारे में भाजपा के नेताओं की सोच को दर्शाता है।

भाजपा के नेताओं को भूपेश बघेल ने सलाह दी है कि वे चाहें को नाम बदलने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी से भी चर्चा कर लेनी चाहिए क्योंकि डा सिंह विवेकानंद आश्रम के हॉस्टल में रह चुके हैं और स्वामी आत्मानंद के सानिध्य में रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि भले ही नाम बदलने की राजनीति भाजपा की विरासत में है पर स्वामी आत्मानंद जी के नाम पर बनी योजना का नाम बदलने से पहले उन्हें विचार कर लेना चाहिए कि इस निर्णय से छत्तीसगढ़ की जनता की भावना किस तरह आहत होगी और भाजपा को बाद में पछताना होगा।

रायपुर / शौर्यपथ / समाजवादी के प्रवक्ता डॉ. पुरूषोत्तम सोनवानी ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि प्रदेश अध्यक्ष मा. श्री नवीन गुप्ता ने कहा कि भारतीय संविधान में सभी धर्मों, सभी वर्गों को समान अधिकार दिया गया है। क्या छत्तीसगढ़ की साय सरकार खुद मुख्यमंत्री बन गए हैं तो क्या सभी आदिवासियों का विकास हो गया क्या?। मुख्यमंत्री आदिवासियों से बात करके जनता को गुमराह कर रही है सिर्फ पीठ थपथपाकर सम्मान देने से आदिवासी परिवार एवं प्रदेश की जनता का कुछ भला होने वाला नहीं है। कई आदिवासी परिवार नक्सलियों एवं फोर्स के बीच हुए मुठभेड़ में मर गए उनके लिए सरकार ने का क्या? आदिवासी महिलाओं के योनि में पत्थर एवं गोंटी डालकर बहुत प्रताड़ित किए। ये केवल भाजपा सरकार का एक झल है उनकी कीमती वोट लेने का। उनको सच्चा सम्मान देना नहीं है काम करना है तो उनकी मुलभूत स्वास्थ्य, शिक्षा, पुल की व्यवस्था, बिजली, स्वच्छ जल, सड़क, रोजगार, राशन, कोयला एवं लोहा खदान में युवाओं को रोजगार दे, ये सभी आवश्यकता भाजपा सरकार नजर अंदाज कर देती है। लगातार 15 साल सत्ते में रही भाजपा सरकार जनता के हित में मुलभूत सुविधाओं में कोई काम नहीं किया। अब फिर सत्ते पर आकर जनता को गुमराह कर रही है। इसलिए छत्तीसगढ़ की जनता लोकसभा चुनाव में भाजपा की सफाया करने वाली है। 

नई दिल्‍ली /शौर्यपथ /चीन के तीसरे विमानवाहक पोत, फ़ुज़ियान को पिछले सप्ताह पहले परीक्षण के लिए समुद्र में उतारा गया. यह अमेरिका की वैश्विक उपस्थिति को चुनौती देने के लिए चीन के नौसैनिक विस्तार में एक महत्वपूर्ण क्षण था. नए विमानवाहक पोत का नाम फ़ुज़ियान प्रांत के नाम पर रखा गया है. यह अब तक निर्मित सबसे बड़ा, सबसे उन्नत चीनी एयरक्राफ्ट कैरियर है. सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि फ़ुज़ियान वाहक शंघाई के जियांगन शिपयार्ड से रवाना हुआ और परीक्षण मुख्य रूप से एयरक्राफ्ट कैरियर के प्रोपुल्शन और इलेक्ट्रिक सिस्‍टम की विश्वसनीयता और स्थिरता का परीक्षण करेंगे.
चीनी सेना में इस एयरक्राफ्ट कैरियर को अगले पांच वर्षों में शामिल किया जाएगा और इससे पहले लगभग दो वर्षों तक इस पर ट्रायल किये जाएंगे. अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) दुनिया की "सबसे बड़ी नौसेना" है, जो 370 से अधिक युद्धपोतों के साथ अमेरिका को पीछे छोड़ देती है.
'ज्‍यादा भारी, ज्‍यादा एडवांस्‍ड'
फ़ुज़ियान का वजन 79,000 टन होने की उम्मीद है, जो सबसे शक्तिशाली लड़ाकू जेट लॉन्च सिस्टम, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम  ले जाता है. वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड, ईएमएएलएस लॉन्च सिस्टम का उपयोग करता है. अन्य चीनी विमान वाहक, लियाओनिंग और शेडोंग, स्की-जंप प्रणाली का उपयोग करते हैं.
 इस पर CATOBAR और STOBAR दो प्रकार के विमान वाहक प्लेटफ़ॉर्म हैं. शॉर्ट टेक-ऑफ बैरियर-असिस्टेड रिकवरी में एक ऊंचा स्की-रैंप शामिल है जो एक फाइटर जेट को टेक-ऑफ के दौरान लिफ्ट उत्पन्न करने में मदद करता है. STOBAR प्लेटफॉर्म विमान के टेक-ऑफ वजन को सीमित करता है, जिससे पेलोड क्षमता प्रभावित होती है.
चीन अपने वाहक-आधारित संचालन के लिए केवल चेंगदू जे-15, 'फ्लाइंग शार्क' लड़ाकू जेट का संचालन करता है. J-15 चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है, जिसे इसके STOBAR कैरियर्स पर तैनात किया गया है.
2021 में, चीन ने लड़ाकू जेट का एक गुलेल-आधारित संस्करण विकसित किया और यूएस F-35 से मेल खाने के लिए अपनी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को विकसित कर रहा है. अमेरिकी रक्षा विभाग ने चीनी नौसैनिक आधुनिकीकरण पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि चीन कथित तौर पर फ़ुज़ियान के समान चौथा विमान वाहक पोत बना रहा है और इसके परमाणु-संचालित होने की उम्मीद है. फ़ुज़ियान विमानवाहक पोत EMALS प्रणाली वाला पहला पारंपरिक-ऊर्जा-संचालित प्लेटफ़ॉर्म होगा.
चीन का नौसैनिक विस्तार
1990 के दशक के बाद से, चीन ने पीएलए के बजाय नौसैनिक विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक आदर्श बदलाव देखा है. यह बदलाव 90 के दशक और 2000 के दशक की शुरुआत में इसकी आर्थिक वृद्धि से प्रेरित था, जिसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीनी उपस्थिति में वृद्धि हुई और यह दुनिया के विनिर्माण केंद्र में बदल गया. पीएलएएन धीरे-धीरे एक रक्षात्मक-आक्रामक शाखा से एक ऐसे बल में परिवर्तित हो गया जो क्षेत्र के बाहर संचालन करने में सक्षम है और ब्लू वॉटर नेवी का टैग अर्जित किया.
आधुनिकीकरण, जो तीन दशक पहले शुरू हुआ, जहाज, विमान हथियार, लड़ाकू जेट, प्रशिक्षण, बहुपक्षीय अभ्यास आदि पर केंद्रित था. रक्षा के 2015 के चीनी श्वेत पत्र ने अपने राष्ट्रीय हिस्से के रूप में संचार के समुद्री लिंक (एसएलओसी) की सुरक्षा करने का आह्वान किया. इसमें कहा गया कि समुद्री संपर्क चीन के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं. हिंद महासागर, भारत का समुद्री क्षेत्र, वैश्विक पूर्व-पश्चिम व्यापार के लिए टोल-गेट है और चीन अपने समुद्री सिल्‍क रोड (एमएसआर) की रक्षा के लिए भारत के दक्षिण में समुद्री अड्डे स्थापित कर रहा है.
हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) लगभग 2.5 अरब लोगों का घर है, भारत जैसी कुछ वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं, एक क्षेत्रीय शक्ति हैं, जिनकी इस क्षेत्र में प्रमुख उपस्थिति है. होर्मुज जलडमरूमध्य, बाब-अल-मंडेब, मलक्का जलडमरूमध्य और मोजाम्बिक चैनल इस क्षेत्र में अवरोध बिंदु हैं और चीन के वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण मार्ग हैं.
एक दूरदर्शी भारतीय विद्वान केएम पन्निकर का कहना है, "वह महत्वपूर्ण विशेषता जो हिंद महासागर को अटलांटिक या प्रशांत महासागर से अलग करती है, वह भारत का उपमहाद्वीप है, जो समुद्र में एक हजार मील तक फैला हुआ है. यह भारत की भौगोलिक स्थिति है, जो हिंद महासागर के चरित्र को बदल देती है. नौसेना अपने समुद्री सिद्धांत में कहती है कि आईओआर की सुरक्षा करना भारत के राष्ट्रीय हित में है.
यूएस डीओडी का सुझाव है कि हालांकि ये वाहक चीन के लिए मूल्यवान हैं, लेकिन ताइवान में इसके संचालन के लिए ऐसे प्लेटफार्मों की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह चीनी विमानों की भूमि-आधारित पहुंच के भीतर है. ये मंच प्रभुत्व का दावा करते हैं और इन्हें शक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. अमेरिका और चीन के बीच आमने-सामने की स्थिति में, अमेरिका अपनी ताकत से बेहतर प्रदर्शन करेगा और योजना को मात देगा. राजनीतिक रूप से चीन की एक प्रमुख विश्व शक्ति के रूप में छवि पेश करने के लिए विमान वाहक चीन के लिए विशेष रूप से मूल्यवान हो सकते हैं.
भारत का तीसरा विमानवाहक पोत
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने पिछले साल कहा था कि स्वदेशी विमान वाहक-2  INS विक्रांत का रिपीट ऑर्डर होगा. हम अभी भी इस पर काम कर रहे हैं कि IAC II का आकार क्या होना चाहिए और वांछित क्षमताएं क्या होनी चाहिए. लेकिन, अभी, हमने इस पर रोक लगा दी है, क्योंकि हमने हाल ही में INS विक्रांत को कमीशंड किया है और जहाज ने जिस तरह से प्रदर्शन किया उससे हम काफी खुश हैं. आईएसी I के निर्माण में बहुत सारी विशेषज्ञता हासिल की गई है. हम IAC II के निर्माण के बजाय IAC I के लिए दोबारा ऑर्डर देने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. इससे देश में उपलब्ध विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा और हम अर्थव्यवस्था में वापसी कर सकते हैं.
INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य STOBAR प्लेटफॉर्म पर बने हैं और इनमें मिग-29K फाइटर जेट तैनात हैं. राफेल और तेजस के नौसैनिक संस्करण के जल्द ही मिग की जगह लेने की उम्मीद है. आईएनएस विशाल का उत्पादन जल्द ही शुरू हो जाएगा, लेकिन नए वाहक को चालू होने में अभी भी कई साल लगेंगे. चीनी अर्थव्यवस्था के आकार और उसके भारत से तीन गुना बड़े रक्षा बजट पर विचार किया जाना चाहिए.
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच क्वाड गठबंधन और क्षेत्र में भारतीय नौसेना के नियमित बहुपक्षीय अभ्यास क्षेत्रीय उपस्थिति और प्रभुत्व सुनिश्चित करते हैं.

नई दिल्ली/शौर्यपथ /भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कैप्टन सुनीता विलियम  तीसरी बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं.इस बार वो एक नए अंतरिक्ष यान,बोइंग स्टारलाइनर पर सवार होकर अंतरिक्ष में जाएंगी.वो सात मई की सुबह अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर  से उड़ान भरेंगी.यह उड़ान भारतीय समयानुसार सुबह साढे आठ बजे के करीब होगी.
अंतरिक्ष में समोसा खाना पसंद करने वाली विलियम्स कहती हैं कि वो थोड़ी घबराई हुई हैं, लेकिन नए अंतरिक्ष यान में उड़ान भरने को लेकर उन्हें कोई घबराहट नहीं है. लॉन्च पैड पर प्रशिक्षण के दौरान विलियम्स ने कहा,"जब मैं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचूंगी, तो यह घर वापसी जैसा होगा."
सुनीता कब कब गई हैं अंतरिक्ष में
डॉक्टर दीपक पंड्या और बोनी पंड्या के घर पैदा हुईं 59 साल की विलियम्स नए अंतरिक्ष यान के पहले मिशन पर उड़ान भरने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रचेंगी.विलियम्स नौसेना पायलट हैं. इससे पहले वो 2006 और 2012 में अंतरिक्ष में उड़ान भर चुकी हैं. नासा के आंकड़ों के मुताबिक सुनीता ने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं.
एक समय एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में सबसे अधिक स्पेसवॉक का रिकॉर्ड उनके नाम था. उन्होंने सात स्पेसवॉक में 50 घंटे और 40 मिनट का समय बिताया था.उनके इस रिकॉर्ड को पेगी व्हिटसन ने 10 स्पेसवॉक के साथ पीछे छोड़ दिया.
सुनीता विलियम्स के पिता एक न्यूरोएनाटोमिस्ट थे.उनका  जन्म गुजरात के मेहसाणा जिले के झूलासन में हुआ था, लेकिन बाद में वे अमेरिका चले गए. वहां उन्होंने एक स्लोवेनियाई महिला बोनी पंड्या से शादी कर ली.
धर्म और अध्यात्म से नाता
नासा के मुताबिक सुनीता इस समय बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन की पायलट बनने की तैयारी कर रही हैं.यह इस वाहन के लिए पहली क्रू उड़ान है.अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उसका तीसरा मिशन है.उन्हें 1998 में एक अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए चुना गया था. साल 2015 में स्पेस शटल के सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्हें अंतरिक्ष यात्रियों के चुनिंदा समूह का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था जो नासा के वाणिज्यिक चालक दल कार्यक्रम पर उड़ान भरेंगे.
अपनी उड़ान से पहले  विलियम्स ने एनडीटीवी को बताया था कि वह वाणिज्यिक चालक दल की उड़ान में अपने साथ भगवान गणेश की एक मूर्ति ले जाएंगी, क्योंकि भगवान गणेश उनके लिए सौभाग्य का प्रतीक हैं. उनका कहना था कि वो  धार्मिक से अधिक आध्यात्मिक हैं. उनका कहना था कि भगवान गणेश को अपने साथ पाकर खुश हैं. अपनी पिछली उड़ानों में वो भगवद गीता की प्रतियां भी अंतरिक्ष में ले गई थीं.उन्होंने यह भी बताया था कि उन्हें समोसा बहुत पसंद है.तमाम पसंद-नापंसद के साथ वो एक मैराथन धावक भी हैं. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में रहते हुए उन्होंने मैराथन में दौड़ भी लगाई थी.
भारत का अपना मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, 'गगनयान' है. बेंगलुरु में इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के प्रमुख डॉक्टर एम मोहन ने एनडीटीवी को बताया,"अंतरिक्ष मिशन की अनुभवी कैप्टन सुनीता विलियम्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भर रही हैं.बोइंग स्टारलाइनर यान की पहली उड़ान पर उनका जाना हम सभी को गौरवान्वित करता है,मैं विलियम्स को एक और अंतरिक्ष यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं."
भारत का अंतरिक्ष मिशन
भारत ने गगनयान के लिए चार पुरुष यात्रियों का चयन किया है. अगर सब कुछ ठीक रहा,तो वे 2026 के आसपास श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भर सकते हैं.
नासा ने नए अंतरिक्ष यान बनाने के लिए स्पेसएक्स और बोइंग को चुना है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाएगा. स्पेसएक्स 2020 से ऐसा कर रहा है.बोइंग स्टारलाइनर की उड़ान में कई बार देरी हुई. अब वह मंगलवार की सुबह चालक दल की पहली उड़ान के लिए तैयार है. संयोग से इसी समय बोइंग को अपने विमानों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से कंपनी विवादों में घिर गई है.
सुनीता विलियम्स 61 साल के अंतरिक्ष यात्री बैरी यूजीन 'बुच'विल्मोर के साथ उड़ान भरेंगी, जो एक नौसेना परीक्षण पायलट है.वो दो बार अंतरिक्ष में उड़ान भर चुके हैं.दोनों दिग्गज यूनाइटेड लॉन्च एलायंस एटलस वी रॉकेट पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए प्रस्थान करेंगे.नासा का कहना है कि क्रू कैप्सूल के दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका में पैराशूट और एयरबैग की मदद से उतरने से पहले अंतरिक्ष यात्री करीब एक हफ्ते प्रयोगशाला में बिताएंगे.
सबसे दिलचस्प बात यह है कि विलियम्स को उस अंतरिक्ष यान का नाम रखने का मौका दिया गया था, जिसमें वो उड़ान भरेंगी. उन्होंने इसका नाम उस प्रसिद्ध जहाज के नाम पर 'कैलिप्सो'रखा था जिस पर फ्रांसीसी समुद्र विज्ञानी और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता जैक्स-यवेस कॉस्ट्यू ने महासागरों की खोज की थी, जब वह छात्र थीं.अमेरिका के नीधम शहर में  विलियम्स के नाम पर एक स्कूल भी है, जिसका नाम सुनीता विलियम्स एलीमेंट्री स्कूल है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह अंतरिक्ष स्टेशन पर स्कूली बच्चों के साथ बातचीत करेंगी.
कैसा है बोइंग स्टारलाइनर
बोइंग के मुताबिक क्रू स्पेस ट्रांसपोर्टेशन (सीएसटी)-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को सात यात्रियों के लिए बनाया गया है. इसमें चालक दल के सदस्य और सामान को भी समायोजित करके ले जाया जा सकता है. इसको बनाने में 10 साल से भी अधिक का समय लगा.
सुनीता विलियम्स का कहना है कि वो दिन में कई मजेदार गतिविधियों से भरे होंगे, क्योंकि वो एक नए अंतरिक्ष यान का परीक्षण और प्रमाणित करने की उड़ान पर होंगी. वह नए अंतरिक्ष यान के पहले मिशन में उड़ान भरते हुए इतिहास रचने जा रही हैं. इस यान के विकास में वो बोइंग और नासा के इंजीनियरों के साथ शामिल रही है. उनका कहना है कि भगवान गणेश के साथ होने से चीजें अच्छी होनी चाहिए.

नई दिल्ली /शौर्यपथ / तमिलनाडु अवैध रेत खनन घोटाला मामले मे राज्य के पांच जिलों के कलेक्टरों को ईडी पूछताछ के नाम पर बेवजह परेशान न करे. ईडी के इन जिलाधिकारियों को समन करने पर तमिलनाडु हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी लेकिन ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये रोक हटा ली थी.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ ने मामले पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि ED जिला कलेक्टरों को जांच के लिए बेवजह न बैठाए. ⁠उन पर पूरे जिले की अन्य जिम्मेदारियां होती हैं.
कोर्ट ने यह टिप्पणी सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल की उस दलील पर की, जिसमें कहा गया कि ED ने उन्हें जांच में सहयोग के लिए सुबह आठ बजे बुलाया ⁠लेकिन बिना किसी पूछताछ के सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक बिठाए रखा.
तमिलनाडु राज्य सरकार और पांच जिला कलेक्टरों के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ED के समन पर हमने पेश होकर एजेंसी द्वारा मांगी गई जानकारी दे दी है. वहीं ED के वकील जोहेब हुसैन ने सिब्बल की दलील का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है. ⁠इन लोगों ने अपने बयान मे कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए कुछ सप्ताह का समय दिया जाए. फिलहाल कोर्ट ने ED को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई गर्मी छुट्टी के बाद तय कर दी है.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ / अंडा सबसे आम और पसंदीदा ब्रेकफास्ट ऑप्शन्स में गिना जाता है, अंडे को अपने आहार में शामिल करना और उन्हें पूरा खाना एक सुपर हेल्दी ऑप्शन है. लेकिन बहुत से लोग अंडे को पूरा नहीं खाते. अंडे के पीले भाग से लोग परहेज करते हैं, क्योंकि उसमें फैट और कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है. पुराने समय में लोग कहते थे कि अंडे का पीला भाग शरीर में गर्मी पैदा करता है, इसलिए इससे परहेज करना चाहिए. लेकिन क्या ये सिर्फ कही-सुनी बातें हैं या सच में अंडा का पीला भाग खाने से नुकसान हो सकता है? आइए आपके इन सवालों के जवाब यहां जानते हैं.  
जानिए क्या है अंडे की जर्दी खाने के फायदे |
अंडे की जर्दी में पाए जाने वाले पोषक तत्व
कई मेडिकल प्रैक्टिशनर मानते हैं कि अंडे की जर्दी में हार्ट-हेल्दी फैट और गुड कोलेस्ट्रॉल होता है, जो आपके लिए फायदेमंद है. अंडे की जर्दी में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होने के अलावा, इसमें हृदय के लिए हेल्दी अनसैचुरेटेड फैट भी होती है, जिसमें ओमेगा-3 एसिड भी शामिल है. अंडे की जर्दी यानी एड योर्क में जैसे राइबोफ्लेविन (विकास और समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक), विटामिन और विटामिन बी-12 होता है. इसके साथ ही इसमें आयरन भी होता है. ऐसे मे अगर आप अंडे में से पीले भाग को हटा देते हैं तो आप इन पोषक तत्वों को मिस कर देते हैं.
अंडे की जर्दी में होता है गुड कोलेस्ट्रॉल
हमारे शरीर को टेस्टोस्टेरोन बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है, जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है. एक अंडे में करीब 186 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है, जो अंडे की जर्दी में ही मिलता है.
हेल्दी फैट
कनेक्टिकट विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि अंडे की जर्दी में मौजूद फैट वास्तव में शरीर से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो भी जर्दी को तब तक न फेंकें जब तक कि आपका न्यूट्रिशनिस्ट आपके लिए खास तौर से ऐसा करने को कहते हैं. जो लोग मसल्स गेन करना चाहते हैं और बॉडी बिल्डिंग करते हैं उन्हें पूरा अंडा खाना चाहिए.

ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / पिछले कुछ सालों में ग्लास स्किन और कोरियाई ब्यूटी ट्रेंड्स ने काफी लोकप्रियता हासिल की है. हर लड़की चाहती है कि उसकी त्वचा एकदम खिली-खिली रहे. उसके चेहरे पर किसी तरह के दाग न रहे और उसे एक ग्लोइंग ग्लास स्किन मिले. मगर बदलती जीवनशैली, प्रदूषण और खानपान की गड़बड़ी के अक्सर हमारी त्वचा में दाग-धब्बे, झुर्रियां और एक्ने आदि हो जाते हैं.  आप जब त्वचा की इन समस्याओं से राहत पाएंगे, तो अपने त्वचा में निखार दिखने लगता है.
आपके किचन में मौजूद ऐसी कई सामग्रियां हैं, जो आपको ग्लोइंग और ग्लास स्किन पाने में मदद कर सकती हैं-
हल्दी से पाएं दमकती त्वचा
भारतीय घरों में उपयोग की जाने वाली प्रमुख साम्रगी. हल्दी अपने सूजनरोधी और त्वचा को निखारने वाले गुणों के लिए प्रसिद्ध है. यह पिग्मेंटेशन को कम करने में मदद कर सकती है, त्वचा की रंगत को एक समान कर सकती है और त्वचा को प्राकृतिक चमक प्रदान कर सकती है.
तिल का तेल देगा ग्लोइंग स्किन
तिल का तेल एंटीऑक्सीडेंट्स और आवश्यक फैटी एसिड से भरपूर होता है जो त्वचा को पोषण देता है. यह त्वचा की बनावट में सुधार करने, महीन रेखाओं को कम करने और स्किन हेल्श को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
चंदन से पाएं दमकती त्वचा
चंदन का उपयोग इसके शीतलन और शुद्धिकरण प्रभावों के कारण सदियों से आयुर्वेद में किया जाता रहा है. यह रोमछिद्रों को खोलने, सूजन को कम करने और त्वचा को स्वस्थ चमक प्रदान करने में मदद करता है.
गुलाब जल से निखारें चेहरे की रंगत
गुलाब जल एक प्राकृतिक एस्ट्रिंजेंट है जो त्वचा को टोन और कसने में मदद करता है. इसमें हाइड्रेटिंग गुण भी हैं, जो इसे संवेदनशील त्वचा के लिए आदर्श बनाता है.
एलोवेरा से दूर करें त्वचा की हर समस्या
अपने मॉइस्चराइजिंग गुणों के लिए जाना जाने वाला एलोवेरा त्वचा को हाइड्रेट करने और जलन को शांत करने के लिए अच्छा है. यह त्वचा की लोच बनाए रखने में मदद करता है और जवां निखार पाने में मदद करता है.

लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /आज के समय में कब्ज एक ऐसी समस्या बन गई है जिससे अमूमन लोग परेशान रहते हैं. इसकी वजह खराब लाइफस्टाइल और खानपान भी हो सकता है. लंबे समय से कब्ज से पीड़ित रहने से कई तरह की गंभीर बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं. बता दें कि कब्ज की वजह से ना सिर्फ आपका पूरा दिन खराब होता है बल्कि इसका असर आपके मूड पर भी पड़ता है. कब्ज से छुटकारा पाने के लिए कई तरह की दवाइयां मिलती हैं लेकिन इसको दूर करना और जड़ से खत्म करने के लिए आप देसी नुस्खों की भी मदद ले सकते हैं. आपके घर में मौजूद कुछ चीजें आपको इस समस्या से निजात दिला सकती हैं.  आज हम आपको एक ऐसा ही देसी नुस्खा बताएंगे जो कब्ज की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है.
डाइट
कब्ज को दूर करने के लिए आप अपनी डाइट में फाइबर युक्त चीजों को शामिल कर सकते हैं. यह पेट को साफ रखने में मदद करती है. बात करें ईसबगोल की तो ये भी कब्ज से राहत दिलाने में फायदेमंद हो सकता है. ईसबगोल में घुलनशील फाइबर होता है जो पेट को साफ करने में फायदेमंद साबित होता है. इसमें पाए जाने वाले तत्व आंतों में जमा गंदगी को भी बाहर निकालने में मदद करते हैं.
कैसे करें सेवन
कब्ज से राहत पाने और पेट को अच्छे से साफ करने के लिए आप रात को सोने से पहले इसका सेवन दूध या फिर दही के साथ कर सकते हैं. यह फाइबर से भरपूर होता है जो आपका पेट साफ करने में मदद कर सकता है.

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