CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / निर्जला एकादशी के बाद और देवशयनी एकादशी से पहले आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष के दौरान योगिनी एकादशी आती है। इस एकादशी पर भगवान श्री हरि की श्रद्धापूर्वक आराधना करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। इस एकादशी के व्रत का उतना ही महत्व है जितना 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का होता है। इस व्रत के प्रभाव से किसी के दिए हुए श्राप का निवारण हो जाता है। यह एकादशी रोगों को दूर कर सुंदर रूप, गुण और यश प्रदान करती है।
यह एकादशी प्रायश्चित के लिए विशेष मानी जाती है। इस दिन श्री हरि का ध्यान करें। प्रातः काल स्नान कर सूर्य देवता को जल अर्पित करें। भगवान विष्णु को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें। इस व्रत में जौ, गेहूं और मूंग की दाल से बना भोजन ग्रहण न करें। नमक युक्त भोजन न करें। दशमी तिथि की रात्रि में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। यह व्रत दशमी तिथि की रात्रि से शुरू होकर द्वादशी तिथि में प्रात: काल में दान कर्म के बाद संपन्न होता है। इस व्रत में रात्रि में जागरण अवश्य करना चाहिए। योगिनी एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत में पीपल के वृक्ष की पूजा अवश्य करें।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.